आइएमए ने की डॉक्टरों के लिए पांच करोड़ रुपया के बीमा की मांग
Ranchi : आइएमए झारखंड चैप्टर और झासा ने डॉक्टरों के लिए पांच करोड़ रुपए बीमा की मांग की है. कहा है कि डॉक्टरों को सुरक्षा की दृष्टिकोण से अंचल अधिकारी के समक्ष शक्ति मिले. स्थाई विकलांगता या मृत्यु की स्थिति में न्यूनतम 5 करोड़ का स्वास्थ्य बीमा हो. मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक ही शिक्षक होंगे, […]
Ranchi : आइएमए झारखंड चैप्टर और झासा ने डॉक्टरों के लिए पांच करोड़ रुपए बीमा की मांग की है. कहा है कि डॉक्टरों को सुरक्षा की दृष्टिकोण से अंचल अधिकारी के समक्ष शक्ति मिले. स्थाई विकलांगता या मृत्यु की स्थिति में न्यूनतम 5 करोड़ का स्वास्थ्य बीमा हो. मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक ही शिक्षक होंगे, शिक्षक की न्यूनतम योग्यता एमबीबीएस होगी. नॉन एमबीबीएस शिक्षकों की पहचान कर उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाया जाए और रिक्त पदों पर योग्य डॉक्टर की शिक्षक के रूप में बहाली की जाए. यह निर्णय मंगलवार को रांची के आइएमए भवन में हुई बैठक में लिया गया.
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23 राज्यों में लागू है मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट
आइएमए झारखंड चैप्टर के अध्यक्ष डॉक्टर एके सिंह ने कहा कि देश के 23 राज्यों में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू है. झारखंड राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट 23 मार्च 2023 को ही कैबिनेट से पारित हुआ. विधानसभा के पटल पर रखा गया. विधानसभा में बहस के बाद इसे प्रवर समिति को सौंप दिया गया. इस आशय के साथ कि एक महीने के अंदर समिति की रिपोर्ट सौंप दी जाए. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इस पर अभी तक कुछ भी नहीं किया गया.
क्लीनिक को रजिस्ट्रेशन एवं रेगुलेशन एक्ट से करें मुक्त
आइएमए के महासचिव डॉ प्रदीप सिंह ने कहा कि 50 बेड तक के छोटे और मध्यम स्तर के अस्पताल व क्लीनिक को क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट (रजिस्ट्रेशन एवं रेगुलेशन) एक्ट 2010 से मुक्त किया जाए. निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं की अध्यक्षता और आईएमए की सहभागिता में एक टीम बनाई गई थी. इसने क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट का फाइनल प्रारूप तैयार किया और विभाग को सौंपा. फाइल विगत एक साल से विभाग में यथावत पड़ी हुई है. बैठक में आइएमए की ओर से आर दास, डॉ बीपी कश्यप, झासा की ओर से डॉ विमलेश सिंह, डॉ टीपी साहा, डॉ ठाकुर मृत्युंजय सहित अन्य डॉक्टर मौजूद थे.
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