आईएमए ने डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए पीएम मोदी से हस्तक्षेप का आग्रह किया
NewDelhi : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए एक केंद्रीय कानून लाने और अस्पतालों को अनिवार्य सुरक्षा अधिकारों के साथ सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने को लेकर हस्तक्षेप करने की शनिवार को मांग की. कोलकाता में सरकारी आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक […] The post आईएमए ने डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए पीएम मोदी से हस्तक्षेप का आग्रह किया appeared first on lagatar.in.
NewDelhi : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए एक केंद्रीय कानून लाने और अस्पतालों को अनिवार्य सुरक्षा अधिकारों के साथ सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने को लेकर हस्तक्षेप करने की शनिवार को मांग की. कोलकाता में सरकारी आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक डॉक्टर से कथित बलात्कार और हत्या तथा उसके बाद वहां हुई तोड़फोड़ की पृष्ठभूमि में डॉक्टरों के शीर्ष संगठन ने यह आग्रह किया है.
Kolkata Doctor Death: IMA writes to PM Modi, makes several demands for safety of doctors
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— ANI Digital (@ani_digital) August 17, 2024
#WATCH दिल्ली: कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार और हत्या मामले में आयुर्विज्ञान नगर के डॉक्टरों और स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। pic.twitter.com/bzFhCzQY3T
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 17, 2024
आईएमए ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पांच मांगें रखी
आईएमए ने शनिवार को सुबह छह बजे से 24 घंटे के लिए देश भर में गैर-आपातकालीन सेवाएं बंद रखने का आह्वान किया. आईएमए ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपनी पांच मांगें रखी हैं. आईएमए ने एक बयान में कहा कि सभी आवश्यक सेवाएं जारी रखी जा रही हैं और आपातकालीन वार्ड में कर्मियों की तैनाती की गयी है. आईएमए ने कहा, पीड़िता 36 घंटे की शिफ्ट में काम करती थी. आराम करने के लिए सुरक्षित स्थान तथा पर्याप्त शौचालयों की कमी के कारण रेजिडेंट डॉक्टरों के काम करने और ठहरने की स्थिति में व्यापक बदलाव की आवश्यकता है.
अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाये
आईएमए ने यह भी मांग की है कि अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाये, जिसमें पहला कदम अनिवार्य सुरक्षा अधिकार होना चाहिए. डॉक्टरों के शीर्ष संगठन ने कहा, अस्पतालों में सुरक्षा प्रोटोकॉल हवाई अड्डों से कम नहीं होने चाहिए. अनिवार्य सुरक्षा अधिकारों के साथ अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करना पहला कदम है. सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और प्रोटोकॉल का पालन किया जा सकता है.आईएमए ने डॉक्टरों की हिफाजत के लिए एक केंद्रीय कानून की भी मांग की है.
बर्बरता में शामिल लोगों के लिए कठोर सजा की मांग
आईएमए ने एक निश्चित समय सीमा में अपराध की सावधानीपूर्वक और पेशेवर तरीके से जांच करने तथा न्याय प्रदान करने की मांग की, साथ ही बर्बरता में शामिल लोगों की पहचान करने और इसमें शामिल लोगों के लिए कठोर सजा की मांग की. आईएमए ने कहा, आर जी कर की घटना ने अस्पताल में हिंसा के दो आयामों को सामने ला दिया है: महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थानों की कमी के कारण बर्बर पैमाने का अपराध और संगठित सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमी के कारण होने वाली गुंडागर्दी.
अपराध और बर्बरता ने राष्ट्र की अंतरात्मा को झकझोर दिया है
अपराध और बर्बरता ने राष्ट्र की अंतरात्मा को झकझोर दिया है.आईएमए ने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में महिलाओं की सुरक्षा के बारे में प्रधानमंत्री की टिप्पणियों की भी सराहना की. आईएमए ने कहा, ‘हम आपसे इस समय हस्तक्षेप की अपील करते हैं. इससे न केवल महिला डॉक्टरों को बल्कि कार्यस्थल पर काम करने वाली हर महिला को आत्मविश्वास मिलेगा.
आईएमए ने कहा, 60 प्रतिशत भारतीय डॉक्टर महिलाएं हैं
आईएमए ने कहा कि 60 प्रतिशत भारतीय डॉक्टर महिलाएं हैं. आईएमए ने कहा कि दंत चिकित्सा पेशे में महिलाओं की हिस्सेदारी 68 प्रतिशत, फिजियोथेरेपी में 75 प्रतिशत और नर्सिंग में 85 प्रतिशत है. डॉक्टरों के संगठन ने कहा कि सभी स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को कार्यस्थल पर शांतिपूर्ण माहौल, सुरक्षा और संरक्षा मिलनी चाहिए. आईएमए ने कहा, ‘हम अपनी मांगों को पूरा करने के लिए उचित उपाय सुनिश्चित करने को लेकर आपके हस्तक्षेप की अपील कर रहे हैं.
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