आदित्यपुर : 5 साल में भी नहीं बन पाया फुटपाथी दुकानदारों के लिए वेंडिंग जोन
Adityapur (Chaibasa) : आदित्यपुर के तकरीबन 1500 फुटपाथी दुकानदारों का 5 साल में भी वेंडिंग जोन नहीं बन पाया है. इस वजह से दुकानदार खुले आसमान के नीचे 44 डिग्री तापमान की चिलचिलाती धूप में दुकान लगाने को मजबूर हैं. बुधवार की देर शाम एक सब्जी विक्रेता महिला की लू लगने से मौत हो गई […]
Adityapur (Chaibasa) : आदित्यपुर के तकरीबन 1500 फुटपाथी दुकानदारों का 5 साल में भी वेंडिंग जोन नहीं बन पाया है. इस वजह से दुकानदार खुले आसमान के नीचे 44 डिग्री तापमान की चिलचिलाती धूप में दुकान लगाने को मजबूर हैं. बुधवार की देर शाम एक सब्जी विक्रेता महिला की लू लगने से मौत हो गई है. आखिर इस मौत का जिम्मेदार कौन है? बता दें कि 2022 में आदित्यपुर नगर निगम ने फुटपाथी दुकानदारों का सर्वे कराया था और उन्हें फुटपाथी स्ट्रीट वेंडर कार्ड भी दिए थे, लेकिन वेंडिंग जोन का मामला अब तक पेंडिंग है. सर्वे के दौरान नगर निगम की महिला सामुदायिक कार्यकर्ता और उनके साथ होमगार्ड्स के जवान शामिल थे, जो दुकानदारों का वीडियो बनाकर उनका नाम पता और व्यवसाय को सूचीबद्ध किये थे.
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44 डिग्री तापमान में दुकान लगाने को मजबूर
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एक सब्जी विक्रेता महिला की हुई है लू लगने से मौत, जिम्मेदार कौन ?
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2022 में आदित्यपुर नगर निगम ने फुटपाथी दुकानदारों का कराया था सर्वे
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फुटपाथी दुकानदारों के बने थे स्ट्रीट वेंडर कार्ड
अब तक वेंडिंग जोन के लिए चिन्हित नहीं हुआ
बता दें कि प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 2 साल पूर्व नगर निगम के फुटपाथी दुकानदारों की सूची बना कर उन्हें स्ट्रीट वेंडर कार्ड मुहैय्या कराया गया था और तब उन्हें फुटपाथ से हटाकर वेंडिंग जोन में स्थायी रूप से दुकानें लगवानी थी. वह योजना आज तक अधूरी है. अब तक नगर निगम द्वारा वेंडिंग जोन के लिए स्थल ही चिन्हित नहीं किया गया है. हालांकि वेंडर कार्ड बनने के बाद फुटपाथी दुकानदारों ने लाभ उठाते हुए बैंकों से ऋण लेकर अपने व्यवसाय में वृद्धि जरूर की है, लेकिन उन्हें स्ट्रीट वेंडिंग जोन नसीब नहीं सका है. बता दें कि नगर निगम क्षेत्र के बाजार हाट और सैरात पर सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार नगर निगम का आधिपत्य होना चाहिए था, लेकिन बाजार उत्पादन समिति इसमें अब तक अड़ंगा लगाए हुए है और निकाय क्षेत्र के बाजार हाट और सैरातों को हस्तांतरित नहीं कर रही है. ऊपर से फुटपाथी दुकानदारों को न तो शेड उपलब्ध करा रही है और न ही उनके लिए पेयजल, शौचालय आदि की ही व्यवस्था करवा रही है. लिहाजा चिलचिलाती धूप में दुकान लगाने से उनकी जान भी जा रही है.
राजस्व का है झगड़ा
अब तक कृषि उत्पादन बाजार समिति ही बाजार हाट सैरात से राजस्व के रूप में मासूल वसूलने का काम कर रही है. फिलहाल फुटपाथी दुकानदार नगर निगम को कोई भी नया टैक्स देने के पक्ष में नहीं हैं. वैसे इस बात का विरोध गम्हरिया बाजार में नगर निगम को झेलना पड़ चुका है. व स्थानीय विधायक और मंत्री के हस्तक्षेप के बाद नगर निगम तत्काल बैकफुट पर आ गई. अब सवाल उठता है कि आखिर फुटपाथी दुकानदारों को सुविधा कौन मुहैया कराएगा. बता दें कि प्रत्येक फुटपाथी दुकानदार से प्रतिदिन बाजार मास्टर द्वारा 20 से 50 रुपए का टैक्स मासूल के रुप में वसूला जाता है, बदले में दुकानदारों को कृषि उत्पादन बाजार समिति की रसीद दी जा रही है. बता दें कि इस फुटपाथ पर दुकान लगने से आमजन को भी समस्या का सामना करना पड़ता है, अगर वेंडिंग जोन बनाकर उन्हें शेड सहित तमाम सुविधा मिल जाती तो इन समस्याओं का समाधान संभव हो जाता.
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