आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपये करे सरकार : एआईएफटीपी
NewDelhi : प्रत्यक्ष कर पेशेवरों के एक निकाय ने सरकार से आगामी बजट में आम लोगों पर आयकर का बोझ कम करने का अनुरोध किया है. ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स (एआईएफटीपी) के अध्यक्ष नारायण जैन ने रविवार को कहा कि सरकार को आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये करना चाहिए. […]
NewDelhi : प्रत्यक्ष कर पेशेवरों के एक निकाय ने सरकार से आगामी बजट में आम लोगों पर आयकर का बोझ कम करने का अनुरोध किया है. ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स (एआईएफटीपी) के अध्यक्ष नारायण जैन ने रविवार को कहा कि सरकार को आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये करना चाहिए.
उन्होंने अनुपालन को सुगम बनाने के लिए कर ढांचे को सरल बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. जैन ने वित्त मंत्री को दिये अपने ज्ञापन में कहा, पांच लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच की आय पर 10 प्रतिशत, 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के लिए 20 प्रतिशत और 20 लाख रुपये से अधिक की आय पर 25 प्रतिशत कर लगाया जाये. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
जैन कलकत्ता सिटीजंस इनिशिएटिव के भी अध्यक्ष हैं
जैन कलकत्ता सिटीजंस इनिशिएटिव के भी अध्यक्ष हैं. उन्होंने अधिभार और उपकर को समाप्त करने की वकालत करते हुए कहा कि इन्हें जारी रखना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार पर्याप्त रूप से यह नहीं बताती है कि शिक्षा उपकर का उपयोग कैसे किया जाता है. उन्होंने कहा कि शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना सरकार का मौलिक कर्तव्य है. ज्ञापन में अस्पष्ट नकद क्रेडिट, ऋण, निवेश और व्यय पर धारा 115बीबीई के तहत कर की दर का भी उल्लेख किया गया है, जिसे नोटबंदी के दौरान बढ़ाकर 75 प्रतिशत और उपकर कर दिया गया था. जैन ने इस दर को मूल 30 प्रतिशत पर वापस लाने की वकालत की है.
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