आरएसएस को जातीय जनगणना से परहेज नहीं, कहा, यह संवेदनशील मुद्दा, इस पर राजनीति न हो…
आरएसएस ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश सरकार के साथ बातचीत करने का आग्रह किया Palakkad : केरल के पलक्कड़ में आयोजित आरएसएस के राष्ट्रीय समन्वय सम्मेलन में जातीय जनगणना की राजनीति, बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जारी हिंसा और […] The post आरएसएस को जातीय जनगणना से परहेज नहीं, कहा, यह संवेदनशील मुद्दा, इस पर राजनीति न हो… appeared first on lagatar.in.
आरएसएस ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश सरकार के साथ बातचीत करने का आग्रह किया
Palakkad : केरल के पलक्कड़ में आयोजित आरएसएस के राष्ट्रीय समन्वय सम्मेलन में जातीय जनगणना की राजनीति, बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जारी हिंसा और देश में महिला के खिलाफ उत्पीड़न पर मंथन किया गया. साथ ही चिंता व्यक्त की गयी. बैठक के तीसरे दिन सोमवार को आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि अगर पिछड़े समाज के कल्याण के लिए जातीय जनगणना करने की जरूरत है तो सरकार इसे करा सकती है.
#WATCH | Palakkad, Kerala: On caste-based census, Rashtriya Swayamsevak Sangh, Akhil Bharatiya Prachar Pramukh Sunil Ambekar says, “In our Hindu society, we have a sensitive issue of our caste and caste relations… It is an important issue of our national unity and integrity so… pic.twitter.com/cJDkAe4Vg4
— ANI (@ANI) September 2, 2024
जातीय जनगणना समुदायों और जातियों के कल्याण के लिए ही होनी चाहिए
आंबेकर ने कहा कि हिंदू समाज में जाति एक संवेदनशील मुद्दा है. इसे राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए महत्वपूर्ण करार देते हुए कहा कि इस मुद्दे(जातीय जनगणना) को बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए. कहा कि जातीय जनगणना सिर्फ उन समुदायों और जातियों के कल्याण के लिए ही होनी चाहिए. सावधान किया कि चुनाव प्रचार में इसका राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
जातीय राजनीति की काट के लिए नये सिरे से हिंदुत्व का खाका तैयार किया गया
सूत्रों के अनुसार पलक्कड़ में सोमवार को आरएसएस की बैठक के तीसरे दिन जातीय राजनीति की काट के लिए नये सिरे से हिंदुत्व का खाका तैयार किया गया. जान लें कि बैठक में भाजपा समेत 32 अनुषांगिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए. 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद आरएसएस के सभी संगठनों की यह पहली कोर्डिनेशन बैठक है. बैठक में जातीय राजनीति और सामाजिक चुनौतियों से मुकाबले करने के लिए पंच परिवर्तन का आह्वान किया गया. कहा गया कि देश के लोगों को अपने राष्ट्र के गौरव के साथ कर्तव्यों के लिए भी तैयार कराना जरूरी है. सम्मेलन में पंच परिवर्तन का संकल्प लिया गया. साथ ही नागरिक कर्तव्य, कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण के लिए देशव्यापी परिवर्तन अभियान चलाने पर सहमति बनी.
बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं के उत्पीड़न पर गहन मंथन किया गया
राष्ट्रीय समन्वय सम्मेलन में प बंगाल और बांग्लादेश पर चर्चा की गयी. बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न पर गहन मंथन किया गया प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि समन्वय बैठक में बांग्लादेश की स्थिति पर विभिन्न संगठनों ने विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की. कहा कि यह बहुत संवेदनशील मुद्दा है. बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अन्य अल्पसंख्यकों को लेकर हर कोई चिंतित है.
महत्वपूर्ण बात यह रही कि आरएसएस ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश सरकार के साथ बातचीत करने का आग्रह किया. सम्मेलन में कोलकाता रेप केस और महिला अपराध पर चर्चा हुई. पश्चिम बंगाल में एक महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या की घटना की निंदा करते हुए इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण माना गया. सुनील आंबेकर ने कहा कि अत्याचार का शिकार होने वाली महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाने के लिए कानूनों और दंडात्मक कार्रवाइयों की समीक्षा की जानी चाहिए.
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