उग्रवादी वामपंथी समूह भारत की मोदी सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते हैं :  फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स

 NewDelhi :  उग्रवादी वामपंथी समूह भारत की मोदी सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते हैं. हालांकि इस समूह ने देश के कुछ जगहों पर आंशिक या पूर्ण रूप से सफलता हासिल कर ली थी. लेकिन पीएम मोदी जैसे मजबूत नेतृत्व के कारण भारत में ऐसा दुस्साहस लगभग असंभव है. फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट […] The post उग्रवादी वामपंथी समूह भारत की मोदी सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते हैं :  फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स appeared first on lagatar.in.

Sep 20, 2024 - 17:30
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उग्रवादी वामपंथी समूह भारत की मोदी सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते हैं :  फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स

 NewDelhi :  उग्रवादी वामपंथी समूह भारत की मोदी सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते हैं. हालांकि इस समूह ने देश के कुछ जगहों पर आंशिक या पूर्ण रूप से सफलता हासिल कर ली थी. लेकिन पीएम मोदी जैसे मजबूत नेतृत्व के कारण भारत में ऐसा दुस्साहस लगभग असंभव है. फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में यह चेतावनी दी है.                                                                                          नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें   

जान लें कि यह अंतरराष्ट्रीय संस्था दुनियाभर में आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम लगाने की कवायद में जुटी हुई है. यह आतंकियों को वित्तपोषण को रोकने के लिए दशकों से काम कर रही दुनिया की एक प्रमुख संस्था मानी जाती है.   एफएटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में मनी लॉन्ड्रर्स और आतंकी फाइनेंसरों से सख्ती से निपटने के लिए मोदी सरकार को पूरा समर्थन दिया है और उनकी पीठ भी थपथपाई है.

भारत  विभिन्न प्रकार के आतंकवादी खतरों का सामना कर रहा है  

अपनी रिपोर्ट में एफएटीएफ ने अलकायदा, आइएसआइएल और जम्मू-कश्मीर के आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय गुटों का नाम लेते हुए कहा है कि भारत को विभिन्न प्रकार के आतंकवादी खतरों का सामना करना पड़ रहा है.    फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स 1989 में बनी 40 सदस्यों की संस्था है. दुनिया भर के देशों के ऊपर नजर रखने वाली इस संस्था की रिपोर्ट चिंता का सबब है.

आतंकवादी तत्वों का जाल भारत सहित  पूरी दुनिया में फैला हुआ है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उग्रवादी(आतंकवादी) तत्वों का जाल न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में फैला हुआ है. विभाजनकारी और विनाशकारी ताकतें अमेरिका और कनाडा जैसे विकसित देशों और कुछ यूरोपीय सुरक्षित ठिकानों में भी केंद्रित हैं. कहा कि ऐसे तत्व उदारवाद, फ्रीडम ऑफ स्पीच और अपने जन्मवाले देशों से तथाकथित उत्पीड़न की आड़ में संबंधित देशों में अपने प्रोपेगेंड़ा के साथ फल-फूल रहे हैं.

चेताया कि संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए इन्हें शरण देने वाले देश अपने नागरिकों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इन लोगों को अपने देशों में बसा कर यह आने वाली पीढ़ियों के लिए ऐसी स्थितियां पैदा करते जा रहे हैं, जो कि बहुत ही खतरनाक होगी.

भारत पर किया गया एक गुप्त हमला भी वैश्विक समुदाय को नुकसान पहुंचा सकता है

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत पर किया गया एक गुप्त हमला भी वैश्विक समुदाय को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है. कहा कि  यह दुनिया भर में खाद्य असुरक्षा पैदा करेगा और  लोकतंत्र को खतरे में डालेगा.  रिपोर्ट में सलाह दी गयी है कि इसे दुनिया को गंभीरता से लेना चाहिए. विशेष रूप से उनको जो इस संस्था के सदस्य है या फिर जिन देशों की सदस्यता रद्द कर दी गयी है.

खबर है कि एनआईए ने 2017 में इस जानकारी के आधार पर मामला दर्ज किया था. कहा था कि आंतकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और दुख्तरान-ए- मिल्लत- ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और सीमा पार के आतंकी जम्मू-कश्मीर में आतंक की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.

एनआईए ने 16 लोगों को गिरफ्तार किया था

एनआईए ने इस संबंध में 16 लोगों को गिरफ्तार किया था. मिस्टर जेड से संबंधित मनी ट्रेल में एक विदेशी खाते में भारत के बाहर से फंडिंग का खुलासा हुआ था, जिसे ईजीएमओएनटी चैनलों के साथ-साथ एफआईयू-आईएनडी से मिली जानकारी का उपयोग कर पहचाना गया.  जांच में यह भी जानकारी सामने आयी कि  इस राशि की मदद स भारत में कई कंपनियों को शुरू किया गया. मिस्टर जेड द्वारा खोले गये विदेशी खातों में हवाला के साथ-साथ शेल कंपनियों के जरिए भी पैसा आया.

मोदी सरकार अवैध और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के खिलाफ जीरो  टॉलरेंस की नीति अपनाती है

एनआईए को मिस्टर जेड के चार्टर्ड अकाउंटेंट के जरिए यह जानकारी हासिल हुई. उसके दस्तावेजों से पता चला कि राशि आतंकवादियों और प्रतिबंधित आंतकवादी समूहों के साथ-साथ मिस्टर वाई को भी भेजी गयी थी. मिस्टर वाई, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस में एक प्रमुख व्यक्ति थे, इनके आतंकवादियों के साथ करीबी संबंध थे. इन दस्तावेजों से पता चला कि उन्होंने आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने के लिए इस धन का इस्तेमाल किया. सबूतों के सामने आने पर इन तीनों को एक-एक कर के गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में दूसरे संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया गया. जान लें कि भारत की मोदी सरकार ऐसी सभी अवैध और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के खिलाफ जीरो  टॉलरेंस की नीति अपनाती है.

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