कठिनाईयों के बावजूद एवरेस्ट फतह था लक्ष्य – काम्या

ROHIT KUMAR Jamshedpur:  16 साल की उम्र में अपने पिता के साथ माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली काम्या गुरुवार को जेआरडी टाटा स्पोर्टस कॉम्पलेक्स में प्रेस को संबोधित कर रही थी. इस दौरान उन्होने कहा कि एवरेस्ट फतह के दौरान कई कठिनाइंया सामने आई पर उसका लक्ष्य सिर्फ एवरेस्ट को फतह करना था. काम्या नेपाल […]

May 31, 2024 - 05:30
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कठिनाईयों के बावजूद एवरेस्ट फतह था लक्ष्य – काम्या

ROHIT KUMAR

Jamshedpur:  16 साल की उम्र में अपने पिता के साथ माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली काम्या गुरुवार को जेआरडी टाटा स्पोर्टस कॉम्पलेक्स में प्रेस को संबोधित कर रही थी. इस दौरान उन्होने कहा कि एवरेस्ट फतह के दौरान कई कठिनाइंया सामने आई पर उसका लक्ष्य सिर्फ एवरेस्ट को फतह करना था. काम्या नेपाल के रास्ते माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली सबसे कम उम्र की महिला बन गई है. काम्या ने कहा कि फतह के बाद उन्होंने सबसे पहले अपनी मां लावण्या के कार्तिकेयन से बात करने की इच्छा जाहिर की. मां से बात करने हुए उन्होंने अपनी फतह की बात बताई. काम्या की खुशी का ठिकाना नहीं था.

5 अप्रैल को काठमांडू से शुरु की चढ़ाई

अपनी यात्रा के बारे में खुशी से बताते हुए काम्या कहती है कि 5 अप्रैल को काठमांडू से चढ़ाई शुरु की और फिर 13 अप्रैल को बेस कैंप पहुंची. इसके बाद कैंप 2 और कैंप 3 की चढ़ाई की. इस दौरान कई सारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा. पिता एस कार्तिकेयन भी साथ में थे पर वे पीछे रह गए थे. काम्या के एवरेस्ट फतह करने के डेढ़ घंटे बाद पिता ने एवरेस्ट फतह किया. काम्या ने कैंप 2 के बाद से ऑक्सिजन का इस्तेमाल करना शुरु किया. कैंप 2 से 3 तक जाने के दौरान तेज हवाएं चल रकही थी. बर्फ चेहरे और चश्में पर आ रहे थे जिससे देखने में कठिनाई हो रही थी. इस दौरान शेरपा ने मदद की. सुबह तीन बजे शीर्ष चोटी की चढ़ाई शुरु की.

बेटी ने पीछे छोड़ दिया- एस कार्तिकेयन

काम्या के पिता एस कार्तिकेयन ने टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि बेटी ने उन्हें एवरेस्ट फतह में पीछे छोड़ दिया. उन्हें गर्व है कि उनकी बेटी सबसे कम उम्र में एवरेस्ट फतह करने वाली महिला बनी. वे 14 साल से एवरेस्ट पर जाने की सोच रहे थे पर कभी मौका नहीं मिला. उन्होंने बताया कि एवरेस्ट से जो नजारा दिखता है वह इस दुनिया से अलग ही दिखता है. एवरेस्ट में लोगों की भीड़ के बारे में उन्होने कहा कि नेपाल सरकार को इसके लिए कुछ करना चाहिए. जो लोग ट्रैकिंग करना चाहते है उन्हीं को एवरेस्ट चढ़ने की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि लोगों की भीड़ ना हो पाए.

 

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