कर्मियों के रिटायरमेंट से 3 माह पहले GPF में कटौती करने वाले अफसर नपेंगे, वित्त विभाग ने जारी किया आदेश
Ranchi: सरकारी कर्मियों के रिटायरमेंट से तीन माह पूर्व जीपीएफ में काटने वाले अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी. वित्त विभाग के पेंशन एवं लेखा निदेशालय ने इसका आदेश जारी कर दिया है. निदेशालय के निदेशक नितीश कुमार सिंह के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया कि रिटायर होने वाले कर्मियों का तीन माह पूर्व […]

Ranchi: सरकारी कर्मियों के रिटायरमेंट से तीन माह पूर्व जीपीएफ में काटने वाले अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी. वित्त विभाग के पेंशन एवं लेखा निदेशालय ने इसका आदेश जारी कर दिया है. निदेशालय के निदेशक नितीश कुमार सिंह के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया कि रिटायर होने वाले कर्मियों का तीन माह पूर्व जीपीएफ कटौती बंद करने एवं समय से फॉर्म 73 उपलब्ध कराया जाए. आदेश में यह भी कहा गया है कि ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं, जिसमें कर्मियों के सेवा निवृति के पूर्व के अंतिम तीन माह में भी जीपीएफ कटौती की गयी है. साथ ही इस पर ब्याज की गणना कर भुगतान भी किया गया है.
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आदेश में दिया गया है नियमों का हवाला
जारी आदेश में नियमों का हवाला देते हुए कहा गया है कि वित्त विभाग की अधिसूचना संख्या 272 की कंडिका-15 में सेवा निवृति के तीन माह पूर्व जीपीएफ कटौती रोकने का स्पष्ट उल्लेख है. सेवा निवृति के पूर्व के अंतिम तीन माह में कटौती करने पर सिस्टम द्वारा इस पर सूद की गणना की जाती है और भुगतान किया जाता है, जिससे सूद मद में सरकारी राशि की क्षति होती है. सामान्य भविष्य निधि लेखा से अंतिम निकासी के लिए ऑनलाइन फॉर्म-73 से संबंधित डीडीओ के माध्यम से जिला पेंशन व लेखा कार्यालय-निदेशालय को उपलब्ध कराया जाना है.
विलंब से उपलब्ध कराया जा रहा फॉर्म 73
निदेशालय ने कहा है कि प्रायः देखा जा रहा है कि फॉर्म-73 विलम्ब से उपलब्ध कराया जाता है. फॉर्म-73 कर्मी के सेवा निवृत्ति के तीन माह पूर्व प्रेषित करने का प्रावधान है, जिसे ऑनलाइन मॉड्यूल में सक्रिय कर दिया गया है. आदेश में कहा गया है कि संबंधित विभाग या कार्यालय द्वारा प्रक्रिया में देरी के कारण यदि अधिक सूद के भुगतान की स्थिति बनती है तो ऐसे मामलों में जिम्मेवारी निर्धारित करते हुए चिन्हित व्यक्ति से अतिरिक्त सूद की राशि या अन्य कोई समुचित कार्रवाई सुनिश्चित किया जाना है. किसी भी परिस्थति में निर्धारित समय सीमा में अगर फॉर्म-73 उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो, विलम्ब की जिम्मेवारी डीडीओ पर तय की जायेगी.
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