कांग्रेस का आरोप, संसद में विरोध प्रदर्शन नहीं चाहते पीएम मोदी, इसलिए हटाई गयीं महापुरुषों की प्रतिमाएं  

  New Delhi :  कांग्रेस ने आज शुक्रवार को आरोप लगाया कि संसद परिसर में महात्मा गांधी, बाबासाहेब आंबेडकर और छत्रपति शिवाजी की प्रतिमाओं को उनके मूल स्थानों से इसलिए हटाया गया है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी दोनों सदनों के निकट किसी भी तरह का संवैधानिक विरोध प्रदर्शन नहीं होने देना चाहते. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने […]

Jun 7, 2024 - 17:30
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कांग्रेस का आरोप, संसद में विरोध प्रदर्शन नहीं चाहते पीएम मोदी, इसलिए हटाई गयीं महापुरुषों की प्रतिमाएं  
कांग्रेस का आरोप, संसद में विरोध प्रदर्शन नहीं चाहते पीएम मोदी, इसलिए हटाई गयीं महापुरुषों की प्रतिमाएं  

  New Delhi :  कांग्रेस ने आज शुक्रवार को आरोप लगाया कि संसद परिसर में महात्मा गांधी, बाबासाहेब आंबेडकर और छत्रपति शिवाजी की प्रतिमाओं को उनके मूल स्थानों से इसलिए हटाया गया है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी दोनों सदनों के निकट किसी भी तरह का संवैधानिक विरोध प्रदर्शन नहीं होने देना चाहते. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, कल अपराह्न 2:30 बजे मैंने इस बात को उजागर किया था कि कैसे मोदी सरकार शिवाजी महाराज, महात्मा गांधी और डॉ. आंबेडकर की प्रतिमाओं को संसद भवन के सामने स्थित विशिष्ट स्थानों से दूसरी जगह स्थानांतरित कर रही है.                         नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें

प्रतिमाओं के स्थान में बदलाव के लिए किसी भी राजनीतिक दल से कोई चर्चा नहीं हुई 

उन्होंने कहा, प्रतिमाओं को हटाये जाने की तस्वीरें सामने आने के बाद, घबराहट में कल देर रात 8 बजे के बाद लोकसभा सचिवालय को इस बदलाव के लिए पूरी तरह से फर्जी और स्पष्ट रूप से मनगढ़ंत स्पष्टीकरण जारी करने के लिए विवश होना पड़ा. रमेश ने दावा किया कि प्रतिमाओं के स्थान में बदलाव के लिए किसी भी राजनीतिक दल से कोई चर्चा नहीं हुई है. कांग्रेस नेता ने कहा,बदलाव का असली कारण अब बताया जा सकता है. दरअसल इन्हीं प्रतिमाओं के समक्ष पिछले 10 वर्षों से विपक्षी दल मोदी सरकार के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक ढंग से विरोध प्रदर्शन करते आ रहे थे. इनमें तेदेपा और जदयू भी शामिल होते थे.

अब सभी प्रतिमाएं एक ही जगह पर हैं

उन्होंने आरोप लगाया, प्रधानमंत्री स्पष्ट रूप से संसद के सदनों के बगल में कोई जगह नहीं चाहते हैं जहां उनके और उनकी सरकार के खिलाफ संवैधानिक तरीके से भी विरोध प्रदर्शन हो सके. ऐसे स्टंट अब उन्हें और उनकी अस्थिर सरकार को गिरने से नहीं बचा सकते. उल्लेखनीय है कि संसद परिसर में महात्मा गांधी, बाबासाहेब आंबेडकर और छत्रपति शिवाजी की प्रतिमाओं को उनके मूल स्थानों से हटाकर दूसरी जगह स्थापित किया गया है. आदिवासी नेता बिरसा मुंडा और महाराणा प्रताप की प्रतिमाएं भी पुराने संसद भवन और संसद पुस्तकालय के बीच लॉन में लगायी गयी हैं. अब सभी प्रतिमाएं एक ही जगह पर हैं.

संसद भवन परिसर लोकसभा अध्यक्ष के क्षेत्राधिकार में आता है

लोक सभा सचिवालय ने एक बयान में कहा, संसद भवन परिसर लोकसभा अध्यक्ष के क्षेत्राधिकार में आता है तथा परिसर के अंदर पूर्व में भी माननीय लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति से प्रतिमाओं का स्थानांतरण किया गया है. बयान में कहा गया है, यह स्पष्ट है कि संसद भवन परिसर से किसी भी महापुरुष की प्रतिमा को हटाया नहीं गया है, बल्कि उन्‍हें संसद भवन परिसर के अंदर ही व्‍यवस्थित एवं सम्मानजनक रूप से स्थापित किया जा रहा है.

 

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