गैर मजरूआ भूमि की म्यूटेशन रसीद कटने की पूर्व प्रक्रिया फिर से बहाल हो : किशोर मंत्री
चैंबर की लैंड रिफॉर्म्स उप समिति की बैठक Ranchi : फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के लैंड रिफॉर्म्स उप समिति की बैठक शनिवार को चैंबर भवन में अध्यक्ष किशोर मंत्री की अध्यक्षता में हुई. राज्य में उद्योग-व्यापार के लिए भूमि की उपलब्धता नहीं होने के कारण डेवलपमेंट के कार्य प्रभावित होने की […]
चैंबर की लैंड रिफॉर्म्स उप समिति की बैठक
Ranchi : फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के लैंड रिफॉर्म्स उप समिति की बैठक शनिवार को चैंबर भवन में अध्यक्ष किशोर मंत्री की अध्यक्षता में हुई. राज्य में उद्योग-व्यापार के लिए भूमि की उपलब्धता नहीं होने के कारण डेवलपमेंट के कार्य प्रभावित होने की बात पर चर्चा हुई. कहा गया कि झारखंड के 24 जिलों में लैंड बैंक बनाकर उद्योग व्यापार के लिए 100-100 एकड़ के भूखंड केवल उद्योगों के लिए उपलब्ध कराये जायें. 5, 10, 20 हजार स्कवॉयर फीट के भूखंड उद्योगों को आवंटित किया जाना बेहतर परिणाम दे सकता है जिससे छोटे-छोटे व्यवसाय, उद्योग एवं गृह उद्योगों को बढ़ावा मिल सकेगा.
झारखंड में सीएनटी एसपीटी एक्ट के कारण भूमि की भारी कमी
चैंबर अध्यक्ष ने कहा कि राज्य में गैर मजरूआ भूमि की म्यूटेशन रसीद कटने की पूर्व प्रक्रिया को पुनः बहाल करना जरूरी है. ऐसी प्रक्रिया पड़ोसी राज्य बिहार में भी लागू है. व्यापारियों की समस्या को देखते हुए उन्होंने यह भी कहा कि खासमहल भूमि को जिलावार उचित शुल्क लेकर लीज रिन्यूअल किये जाने की प्रक्रिया पर भी विचार जरुरी है, इससे खासमहल भूमि से प्रभावित जिलों का विकास तीव्र गति से संभव होगा. लैंड रिफॉर्म उप समिति के चेयरमेन रमेश कुमार साहू ने कहा कि झारखंड में सीएनटी एसपीटी एक्ट के रहते हुए भूमि की भारी कमी बनी हुई है.
तो राज्य में बहुत सारे रूके हुए विकास कार्यों को गति मिलेगी…
ऐसी परिस्थिति में गैर मजरूआ भूमि को पहले की तरह सुचारू रूप से रसीद काटने की प्रक्रिया को चालू करना चाहिए. इससे राज्य में बहुत सारे रूके हुए विकास कार्यों को गति मिलेगी. चैंबर महासचिव परेश गट्टानी ने कहा कि वर्ष 2012 से पूर्व गैर मजरूआ भूमि पर जिस प्रकार निबंधन और दाखिल खारिज की व्यवस्था थी, वही व्यवस्था पुनः बहाल करनी चाहिए. मौके पर उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, सह सचिव अमित शर्मा, उप समिति चेयरमेन रमेश कुमार साहू, कार्यकारिणी सदस्य प्रवीण लोहिया, अधिवक्ता मित्तुल कुमार, अधिवक्ता जितेंद्र शाह, कुशवाहा बिजय कुमार, कार्तिक प्रभात, राजीव प्रकाश चौधरी, शिवशंकर महतो शामिल थे.
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