चांडिल : गांवों में हो रहा सांसद संजय सेठ का विरोध, प्रचार गाड़ी को ग्रामीणों ने रोका

Chandil (Dilip Kumar) : रांची संसदीय क्षेत्र के सांसद संजय सेठ का ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के सुदूरवर्ती गांवों में विरोध देखने को मिल रहा है. ग्रामीण भाजपा के प्रचार वाहन को गांव में घुसने से रोक रहे हैं, वहीं प्रचार वाहन का बाजा भी बंद करवा रहे हैं. प्रचार वाहन को गांव में घुसने से […]

May 17, 2024 - 17:30
 0  5
चांडिल : गांवों में हो रहा सांसद संजय सेठ का विरोध, प्रचार गाड़ी को ग्रामीणों ने रोका

Chandil (Dilip Kumar) : रांची संसदीय क्षेत्र के सांसद संजय सेठ का ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के सुदूरवर्ती गांवों में विरोध देखने को मिल रहा है. ग्रामीण भाजपा के प्रचार वाहन को गांव में घुसने से रोक रहे हैं, वहीं प्रचार वाहन का बाजा भी बंद करवा रहे हैं. प्रचार वाहन को गांव में घुसने से रोकने और वाहन को गांव के बाहर से ही लौटाने का वीडियों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

इसे भी पढ़ें : सीतारमण ने कहा, आरोपी के साथ बेशर्मी से घूम रहे हैं केजरीवाल, बोली स्वाति, राजनीतिक हिटमैन खुद को बचाने की कोशिशें में जुट गया…

ताजा घटना नीमडीह प्रखंड के काशीपुर गांव का है. काशीपुर में रांची लोकसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी का प्रचार वाहन को प्रचार करने से रोका गया और प्रचार वाहन को गांव के बाहर से वापस जाने पर मजबूर किया गया. इसके पूर्व चालियामा में भी भाजपा के प्रचार वाहन के साथ इस प्रकार का घटना होने की बात कही जा रही है. इस दौरान लोग गूंगा-बहरा और बाहरी विधायक-सांसद अब नहीं चलेगा का नारा लगा रहे थे.

इसे भी पढ़ें : रक्तदान करना हम सबों का दायित्व: नवनीत

सिर्फ वोट के समय ही याद आते हैं क्या

काशीपुर में भाजपा के प्रचार वाहन को रोकने के दौरान ग्रामीणों ने कहा कि सिर्फ चुनाव के समय वोट लेने के लिए ग्रामीण याद आते हैं क्या. चुनाव जीतने के बाद एक दिन भी ग्रामीणों को झांकने सांसद क्यों नहीं पहुंचे. चांडिल डैम से विस्थापित होने के कारण लोग समस्याओं तले दबे हुए हैं. सांसद ने एक दिन भी समस्याओं की जानकारी तक नहीं लिए. लोगों ने कहा कि जनता पांच साल के लिए बड़ी उम्मीद के साथ अपने प्रतिनिधि चुनते हैं जो उनके सुख-दुख में हमेशा खड़ा रहे. उनकी समस्याओं का समाधान करे.

इसे भी पढ़ें : LAGATAR BREAKING : हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल बेल नहीं, मंगलवार को फिर होगी सुनवाई

सांसद का क्षेत्र काफी बड़ा होता है, फिर पांच साल कम नहीं होते है. चुनाव के समय सांसद जितना मेहनत कर रहे हैं, पांच साल के दौरान इसका आधा मेहनत भी अगर किए होते तो जनता को कोई शिकायत नहीं होती. माह-दो माह में प्रखंड स्तर पर जनता के साथ बैठ कर उनकी समस्याएं सुनते और उसका तत्काल समाधान करने की दिशा में काम करते तो जनता का हित होता.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow