चीन के HMPV वायरस की भारत में एंट्री, कर्नाटक में दो और गुजरात में एक नवजात संक्रमित

एचएमपीवी संक्रिमत दोनों नवजात हैं. एक बच्चा आठ और दूसरा दो महीने का है  LagatarDesk :  चीन के ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) वायरस की भारत में एंट्री हो गयी है. कर्नाटक में दो और गुजरात में एचएमपीवी के एक केस मिले हैं. जानकारी के अनुसार,  बेंगलुरु में आठ महीने के बच्चे में यह वायरस पाया गया […]

Jan 6, 2025 - 17:30
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चीन के HMPV वायरस की भारत में एंट्री, कर्नाटक में दो और गुजरात में एक नवजात संक्रमित
  • एचएमपीवी संक्रिमत दोनों नवजात हैं.
  • एक बच्चा आठ और दूसरा दो महीने का है 

LagatarDesk :  चीन के ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) वायरस की भारत में एंट्री हो गयी है. कर्नाटक में दो और गुजरात में एचएमपीवी के एक केस मिले हैं. जानकारी के अनुसार,  बेंगलुरु में आठ महीने के बच्चे में यह वायरस पाया गया है. बुखार के कारण बच्चे को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. ब्लड टेस्ट में एचएमपीवी जैसा वायरस मिला है. वहीं तीन महीने की बच्ची भी संक्रमित पायी गयी है. इसके अलावा गुजरात के अहमदाबाद में भी दो महीने का बच्चा पॉजिटिव मिला है.

ICMR ने की पुष्टि की, जनता से सतर्क रहने की अपील

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कर्नाटक में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के दो मामलों का पता लगाया है. यह जानकारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दी है. देशभर में श्वसन संबंधी बीमारियों के खिलाफ आईसीएमआर द्वरा की जा रही निगरानी के दौरान दोनों मामलों की पहचान हुई है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनता से सतर्क रहने और श्वसन संबंधी लक्षणों की पहचान करने के लिए सावधानी बरतने की अपील की है. स्वास्थ्य अधिकारियों ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे यदि किसी भी प्रकार के श्वसन संबंधी लक्षण अनुभव करते हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें.

चीन में तेजी से फैल रहा वायरस

बता दें कि चीन में HMPV वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है. इसके प्रकोप को देखते हुए चीन के कई राज्यों में इमरजेंसी घोषित कर दी गयी है. हजारों लोग इस वायरस की चपेट में हैं. बुजुर्गों और बच्चों में यह वायरस तेजी से फैल रहा है. अस्पतालों के बाहर मरीजों की लाइन लगी हुई हैं. चाइल्ड वॉर्ड में सबसे ज्यादा मरीज हैं.

HMPV के लक्षण :  HMPV से जुड़े सामान्य लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना, फेफड़ों में संक्रमण, गले में घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं. संक्रमित व्यक्ति द्वारा खांसने और छींकने से निकले स्रावों तथा उससे निकट व्यक्तिगत संपर्क जैसे छूने या हाथ मिलाने से फैलने का खतरा है.

संक्रमण से बचाव किस तरह हो सकता है : मरीज साबुन से बार-बार हाथ धोकर इस बीमारी के फैलाव को रोकने में मदद कर सकते हैं. गंदे हाथों से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूने से बचना चाहिए. तथा बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से भी बचें.

HMPV वायरस क्या है?

जानकारी के अनुसार, HMPV वायरस पिछले कई दशकों से मौजूद है. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, इस वायरस की पहली पहचान 2001 में नीदरलैंड्स में हुई थी, जब सांस की बीमारी वाले बच्चों के सैंपल में इसकी पुष्टि हुई. HMPV पैरामाइक्सोविरीडे परिवार से संबंधित है और यह सभी मौसमों में हवा में मौजूद रह सकता है.

यह वायरस संक्रमित व्यक्तियों के खांसने और छींकने से फैलता है. इसके सर्दियों में अधिक फैलने का खतरा होता है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV वायरस वास्तव में 1958 से व्यापक रूप से फैला हुआ है

 

 

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