आयोग ने अखबार को नोटिस जारी किया. बताया कि 499 IPC के तहत मानहानि का केस भी किया गया है
Mumbai : ईवीएम किसी OTP से अनलॉक नहीं होती, किसी डिवाइस से कनेक्ट नहीं होती. EVM हैकिंग के आरोपों को चुनाव आयोग ने सिरे से खारिज करते हुए यह बात कही. जान लें कि मुंबई पुलिस द्वारा शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद रविंद्र वायकर के रिश्तेदार के खिलाफ मामला दर्ज किये जाने के बाद एक बार फिर ईवीएम को लेकर रार मची हुई है.
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इलेक्शन कमीशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्षी नेताओं के आरोपों के जवाब दिये
सत्ता पक्ष और विपक्षी नेता एक दूसरे पर हमलावर हैं. इस मामले में चुनाव आयोग भी सामने आ गया है. आज रविवार को इलेक्शन कमीशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्षी नेताओं के आरोपों के जवाब दिये. हैकिंग के आरोपों को नकारते हुए कहा कि EVM को अनलॉक करने के लिए कोई OTP नहीं लगता.रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने कहा कि EVM को अनलॉक करने के लिए कोई OTP नहीं लगता है. EVM डिवाइस किसी से कनेक्ट नहीं रहता. कहा कि अखबार ने गलत खबर चलाई है.
आयोग ने कहा, EVM standalone सिस्टम है
आयोग ने कहा कि EVM standalone (स्वतंत्र रूप से कार्य करने वाली) सिस्टम है. खबर को पूरी तरह से गलत करार देते हुए कहा कि आयोग ने अखबार को नोटिस जारी किया है. बताया कि 499 IPC के तहत मानहानि का केस भी किया गया है. वंदना ने कहा कि मैंने अखबार के रिपोर्टर को समझाने की कोशिश की थी. कहा कि आईपीसी की धारा 505 और 499 के तहत हम नोटिस भेजेंगे.
ऑफिसर वंदना ने कहा, ईवीएम कोई प्रोग्राम के लिए नहीं है
वंदना ने सफाई दी कि गौरव को जिस मोबाइल को रखने की इजाजत दी गयी थी, वो उनका अपना मोबाइल था. वंदना ने कहा कि पुलिस जांच के बाद हम इंटरनल जांच करने को लेकर आगे तय करेंगे. वंदना ने कहा कि ईवीएम कोई प्रोग्राम के लिए नहीं है और न ही इसको हैक किया जा सकता है. बताया कि इस मामले में इलेक्शन कमीशन की शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की गयी है.
शिवसेना शिंदे गुट के सांसद वायकर के साले के खिलाफ केस
मुंबई पुलिस ने आज रविवार को शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले के खिलाफ केस दर्ज किया. लोकसभा चुनाव की मतगणना के दौरान गोरेगांव चुनवा सेंटर के अंदर पाबंदी होने के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल करने का आरोप में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है.
रविंद्र वायकर रि काउंटिंग के बाद 48 वोटों से चुनाव जीते थे
नॉर्थ पश्चिम सीट से रविंद्र वायकर रि काउंटिंग के बाद मात्र 48 वोटों से चुनाव जीते थे. मतगणना के समय काफी विवाद हुआ था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग के अधिकारी गौरव के पास मोबाइल फोन था, जो मतगणना के दौरान ओटीपी जनरेट करता है. इस फोन का इस्तेमाल पांडिलकर कर रहे थे. पुलिस को शक है कि फोन का इस्तेमाल सुबह से शाम साढ़े चार बजे तक किया गया है. इसी संमय दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर चल रही थी.
मुंबई पुलिस ने मामले की जांच के लिए तीन टीमें बनाई
मुंबई पुलिस ने मामले की जांच के लिए तीन टीमें बनाई है. खबर है कि पुलिस चुनाव आयोग द्वारा मुहैया कराये गये सीसीटीवी फुटेज की जांच करेगी. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पुलिस गौरव के फोन की सीडीआर ले रही है. मोबाइल नंबर की सारी जानकारी प्राप्त कर रही है. फोन जब्त कर लिया गया है.पुलिस यह जानना चाहती है कि कॉल किसे किये गये और कितने ओटीपी प्राप्त हुए.