झामुमो का ईसी पर बड़ा आरोप, कहा- चार चरण के चुनाव के बाद ईसी ने 1.07 करोड़ वोट डाले

Ranchi : झामुमो ने देश में छठे एवं राज्य में तीसरे चरण का प्रचार समाप्त होने के बाद मुख्य निर्वाचन आयुक्त पर बड़ा आरोप लगाया है. पूरे मामले में उसे सार्वजनिक रूप से सामने लाने की चुनौती दी है. पार्टी ने कहा कि चौथे चरण के चुनाव समाप्त होने के बाद इलेक्शन कमीशन और चीफ […]

May 24, 2024 - 05:30
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झामुमो का ईसी पर बड़ा आरोप, कहा- चार चरण के चुनाव के बाद ईसी ने 1.07 करोड़ वोट डाले
झामुमो का ईसी पर बड़ा आरोप, कहा- चार चरण के चुनाव के बाद ईसी ने 1.07 करोड़ वोट डाले

Ranchi : झामुमो ने देश में छठे एवं राज्य में तीसरे चरण का प्रचार समाप्त होने के बाद मुख्य निर्वाचन आयुक्त पर बड़ा आरोप लगाया है. पूरे मामले में उसे सार्वजनिक रूप से सामने लाने की चुनौती दी है. पार्टी ने कहा कि चौथे चरण के चुनाव समाप्त होने के बाद इलेक्शन कमीशन और चीफ इलेक्शन कमिश्नर ने परोक्ष रूप से भाजपा के पक्ष में 1.07 करोड़ वोट डालने का काम किया है. मतलब जहां-जहां चुनाव हो चुके हैं, हर लोकसभा क्षेत्र में औसतन 28 हजार अतिरिक्त वोट डाले गए हैं.

पार्टी के केंद्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी कार्यालय में गुरुवार को प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि वोटिंग के बाद ये वोट कैसे बढ़े? हमें लगता है कि 2024 के वोट के आंकड़ा. शायद 2027 तक नहीं आये. फॉर्म 17 सी जब है और उसका आंकड़ा भी है, तो सात-सात दिन और कहीं-कहीं तो 11 दिन बाद वोटिंग प्रतिशत जारी किया गया है. ऐसे में छह प्रतिशत वोटों को इधर-उधर किया गया है. उन्होंने दावा किया कि अब यह साबित हो चला है कि चीफ इलेक्शन कमिश्नर केवल भाजपा के स्टार प्रचारक ही नहीं, बल्कि भाजपा को बल्क में वोट डालने और डलवाने वाले मतदाता हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह से डरा और सहमा हुआ नजर आ रहा है, जो लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है.

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हमें संविधान और अग्निवीर पर बोलने से रोका जा रहा है

सुप्रियो ने कहा कि झारखंड के तीसरे और देश के छठे चरण के चुनाव का प्रचार गुरुवार को समाप्त हो गया. हमारा लोकतंत्र पूरी दुनिया में सबसे सर्वश्रेष्ठ और विश्वसनीय रहा है. हमारे चुनाव आयोग ने कई मिसालें पेश की हैं, जिसे पूरी दुनिया फॉलो करती है. मगर अचानक से पांच चरण के चुनाव के बाद यह सवाल सामने आया है कि क्या हमारा चुनाव आयोग निष्पक्ष है? 15 दिन पहले चुनाव आयोग के पास प्रधानमंत्री के भाषणों को लेकर कई शिकायतें की गयी थीं कि वो सांप्रादायिक बातें का रहे हैं. इसको लेकर आपत्ति हुई, तो चुनाव आयोग ने मोदी के बदले पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को नोटिस किया. वहीं, राहुल गांधी ने जब उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने की बातें कहीं, तो उस पर नोटिस दिया. मगर जवाब आया या नहीं, चुनाव आयोग ने कुछ स्पष्ट नहीं किया. यहां तक कि अग्निवीर पर भी बात नहीं करने को कहा गया है. अजीब स्थिति है यह तो प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट था. युवाओं को चौकीदार बनाने का प्रोजेक्ट था. 22 साल नौजवानों को रिटायर और बेरोजगार करने का प्रोजेक्ट था. प्रधानमंत्री तो उस पर चर्चा नहीं कर रहे हैं. मगर विपक्ष क्यों नहीं करेगा. प्रधानमंत्री भैंस चुराने की बात करें, मंगलसूत्र की बात करें,नल चुराने की बात करेंगे.

मोदी जी भाजपा के स्टार प्रचारक ही नहीं, बल्कि पीएम भी हैं

आप प्रधानमंत्री हैं. ठीक है घटिया मानसिकता वाली पार्टी के स्टार प्रचारक भी हैं, मगर आप 144 करोड़ लोगों के प्रधानमंत्री भी हैं. दस साल की कोई बात ही करेंगे. ऊल-जुलूल बातें, टेंपो में पैसा आता है, ईडी क्या कर रहा है. अब रिपोर्ट छप रही है, अडानी के कोयला स्कैम. सात हजार करोड़ का तमिनलनाडु सरकार को चूना लगाया. लोग इस पर बात नहीं करेंगे तो किस पर बात करेंगे. चुनाव आयोग ही बता दे.

निशिकांत के ट्वीट पर ईडी अपना पक्ष स्पष्ट करे

भट्टाचार्य ने कहा कि गोड्डा के भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे ट्विट करते हैं, हमारे मंत्रीमंडल के दो मंत्री जो उनके क्षेत्र से आते हैं, हफीजुल हसन और बादल पत्रलेख को ईडी ने सम्मन जारी किया. 25 को बुला लिया. मीडिया का इतना नंगा नाच, क्या चुनाव आयोग अंधा है. क्या ईडी अंधी है. क्या ईडी इस बात से बच सकती है. क्या ईडी को खंडन नहीं करना चाहिए कि मैंने सम्मन जारी नहीं किया. क्या ईडी और चुनाव आयोग मिला हुआ है. प्रत्यक्ष तौर पर निशिकांत दुबे पर जरमुंडी मधुपुर क्या उसे प्रभावित नहीं किया गया. क्या मतदाता जो 25 को वोट करेगा, उसे डराया नहीं जा रहा है. ईडी को जवाब देना पड़ेगा.

भाजपा के गंदे खेल में फंस गये हैं ईसी और ईडी

चुनाव आयोग को जवाब देना पड़ेगा. भाजपा के गंदे खेल में चुनाव आयोग फंस गया है. चुनाव के बाद संविधान और लोकतंत्र तो बचेगा मगर चुनाव आयोग के निष्पक्षता पर, उसके क्षमता पर सवाल उठेगा. मैं निर्वाचन आयोग और सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने की बात करता हूं. अगर चुनाव आयोग की निष्पक्षता, विश्वसनीयता को बचाए रखना है तो वह सार्वजनिक रूप से सामने आए. क्योंकि भाजपा पांच चरण में बुरी तरह परास्त हो चुकी है. हमने झारखंड में आधी सीटें जीत ली हैं. परसों हमारी चार सीटें और बढ़ने वाली हैं. एक जून के मतदान के बाद 14 में से 14 सीट हमारी हो जाएगी.
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