डालसा का नशा उन्मूलन पर जागरुकता कार्यक्रम,  नुक्कड़ नाटक का आयोजन, नशे के दुष्परिणामों की जानकारी दी गयी

 Ranchi :  न्यायायुक्त के दिशा-निर्देश पर आज रविवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से बाल सम्प्रेक्षण गृह,  डुमरदगा में नशा उन्मूलन के लिए विधिक जागरूकता अभियान चलाया गया. कार्यक्रम में लगभग 104 किशोरों ने भाग लिया. किशोरों के बीच नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर संदेश दिया गया कि नशा एक […]

May 27, 2024 - 05:30
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डालसा का नशा उन्मूलन पर जागरुकता कार्यक्रम,  नुक्कड़ नाटक का आयोजन, नशे के दुष्परिणामों की  जानकारी दी गयी
डालसा का नशा उन्मूलन पर जागरुकता कार्यक्रम,  नुक्कड़ नाटक का आयोजन

 Ranchi :  न्यायायुक्त के दिशा-निर्देश पर आज रविवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से बाल सम्प्रेक्षण गृह,  डुमरदगा में नशा उन्मूलन के लिए विधिक जागरूकता अभियान चलाया गया. कार्यक्रम में लगभग 104 किशोरों ने भाग लिया. किशोरों के बीच नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर संदेश दिया गया कि नशा एक ऐसी बुराई है जो हमारे समूल जीवन को नष्ट कर देती है. नशे की लत से पीड़ित व्यक्ति परिवार के साथ-साथ समाज पर भी बोझ बन जाता है.

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय रांची राजेश कुमार सिंह उपस्थित थे. उन्होंने बच्चों को नशा के दुष्परिणाम के बारे में जानकारी दी. साथ ही नशा के कारोबार करने वालों के लिए बनाये गये कानून के संबंध में भी बताया.

दवा का उपयोग जब लोग नशा करने के लिए करते हैं तो जीवन समाप्त हो जाता है

कार्यक्रम में मौजूद डॉक्टर सिद्धेश्वर बक्शी ने बताया कि दवा का उपयोग यदि उपचार के लिए किया जाता है तो यह जीवन रक्षक होता है,  लेकिन इसी दवा का उपयोग जब लोग नशा करने के लिए करते हैं तो अपना जीवन समाप्त कर लेते है. दवा का सेवन ज्यादा मात्रा में करने से मस्तिष्क शुष्क हो जाता हैं और सोचने समझने की क्षमता समाप्त हो जाती है. इंसान पूरी तरह से नशे की गिरफ्त में आ जाता है.

नशे की लत व्यक्ति को सबसे पहले परिवार से दूर करती है.

लाइफ सेवर्स एनजीओ के प्रमुख अतुल गेरा ने बताया कि नशा, नाश का द्वार है. नशे की लत व्यक्ति को सबसे पहले परिवार से दूर करती है. साथ ही बुरी आदत की वजह से पीड़ित आर्थिक तंगी के दौर से गुजरता है, जिसकी वजह से उसमें नकारात्मक भाव पैदा होते हैं.  समय के साथ उसके करीबी मित्र भी उसका साथ छोड़ देते हैं. उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि उनके एक मित्र थे, जिनको कुछ नशे की लत थी जिनको मैंने बहुत समझने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं समझे. उसके बाद एक दिन मैंने उनको छोड़ दिया.

जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सुरभि सिंह ने बच्चों को कहा कि यहां से बाहर निकलने के बाद आप कभी भी नशे का सेवन नहीं कीजिएगा. समाज में भी लोगों को नशे से दूर रहने की शिक्षा दीजिएगा.

सरकार के द्वारा नशामुक्ति केन्द्र की स्थापना की गयी है

जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी वेद प्रकाश ने बताया कि जो लोग नशे के आदी हो गये हैं और छोड़ने का प्रयास कर रहे हैं,  उनके लिए सरकार के द्वारा नशामुक्ति केन्द्र की स्थापना की गयी है. वहां अच्छे चिकित्सकों की निगरानी में इलाज किया जाता है. मध्यस्थ और समाजसेवी पंचानन सिंह ने बताया कि नशे से दूर रहने का सबसे अच्छा उपाय है कि आप ध्यान करें. इससे मन में कभी भी गलत विचार नहीं आयेग.  आप कभी गलत दिशा में नहीं चलेंगे. इसलिए प्रतिदिन योग और ध्यान अवश्य करें. इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को नशा नहीं करने की शपथ दिलाई गयी.

 

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