दिल्ली की जहरीली हवा में सांस लेना मुश्किल, AQI 430 पहुंचा, अशोक विहार में 474 दर्ज

NewDelhi :  दिल्ली में तापमान गिरने के साथ ही वायु प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है. राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार सुबह औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 430 दर्ज किया गया, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है. इससे पहले बुधवार को औसत एक्यूआई 349 दर्ज किया गया था.  केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के […] The post दिल्ली की जहरीली हवा में सांस लेना मुश्किल, AQI 430 पहुंचा, अशोक विहार में 474 दर्ज appeared first on lagatar.in.

Nov 15, 2024 - 05:30
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दिल्ली की जहरीली हवा में सांस लेना मुश्किल, AQI 430 पहुंचा, अशोक विहार में 474 दर्ज

NewDelhi :  दिल्ली में तापमान गिरने के साथ ही वायु प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है. राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार सुबह औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 430 दर्ज किया गया, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है. इससे पहले बुधवार को औसत एक्यूआई 349 दर्ज किया गया था.  केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में गुरुवार सुबह 7:15 बजे तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 430 अंक दर्ज किया गया था. जबकि दिल्ली एनसीआर के शहर फरीदाबाद में 284, गुरुग्राम में 309, गाजियाबाद में 375, ग्रेटर नोएडा में 320 और नोएडा में 367 अंक पर पहुंच गया है. एक्यूआई लेवल गंभीर श्रेणी में होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में स्मॉग की परत देखने को मिल रही है. तना ही नहीं वायु गुणवत्ता खराब होने के कारण आम जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है. लोगों के स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक स्थिति बनी हुई है. यमुना नदी की सतह पर जहरीली झाग की परत देखने को मिल रही है.

दिल्ली की अधिकतर इलाकों में एक्यूआई 400 पार 

राजधानी दिल्ली की अधिकतर इलाकों में गुरुवार को एक्यूआई स्तर 400 के ऊपर चला गया है, जिसमें अलीपुर में 420, आनंद विहार में 473, अशोक विहार में 474, आया नगर में 422, बवाना में 455, चांदनी चौक में 407, डॉ करणी सिंह शूटिंग रेंज में 417, द्वारका सेक्टर 8 में 458, IGI एयरपोर्ट में 435, आईटीओ में 434, जहांगीरपुरी में 471, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 408, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में 444 और मंदिर मार्ग में 440 दर्ज किया गया. इसके अलावा मुंडका में 407, नजफगढ़ में 457, नरेला में 438, नॉर्थ कैंपस डीयू में 421, एनएसआईटी द्वारका में 425, ओखला फेस 2 में 440, पटपड़गंज में 472, पंजाबी बाग में 459, पूसा में 404, आरके पुरम में 454, रोहिणी में 453, शादीपुर में 427, सिरी फोर्ट में 438, सोनिया विहार में 444, सोनिया विहार में 468 और वजीरपुर में 467 एक्यूआई दर्ज किया गया. केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, दिल्ली के पांच इलाकों में एक्यूआई स्तर 300 से 400 के बीच में बना हुआ है, डीटीयू में एक्यूआई 398, मथुरा रोड में 395, दिलशाद गार्डन में 385, लोधी रोड में 370 और श्री अरविंदो मार्ग में 345 अंक दर्ज किया गया है.

दिल्ली में प्रदूषण का कारण ‘आप’ सरकार की नीतियां : वीरेंद्र सचदेवा

भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि इस समय कर्तव्य पथ का एक्यूआई 474 है. जबकि सूरज निकल चुका है. इससे समझ में आता है कि दिल्ली में हालात कितने बदतर हैं. दिल्ली में स्थिति बदतर होने का सबसे बड़ा कारण आप सरकार की नीतियां हैं. दिल्ली की मौजूदा सरकार के पास कोई ठोस नीति है ही नहीं. इन्होंने दिल्ली की जनता के सामने पिछले 10 सालों में पर्यावरण का कोई प्लान पेश ही नहीं किया है. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में अभी जो प्रदूषण की स्थिति है, वह एक दिन की समस्या नहीं है. यह 12 महीने की समस्या है. एक जनवरी से लेकर आज तक एक्यूआई 50 से नीचे नहीं गया है. कारण साफ है, दिल्ली सरकार कोई काम नहीं कर रही है. अगर आप को धूल के प्रदूषण से लड़ना है तो आपको ठोस नीति बनाकर काम करना होगा.

बुनियादी समस्याओं को हल करने में दिल्ली की मौजूदा सरकार नाकाम 

वीरेंद्र सचदेवा के मुताबिक, दिल्ली की मौजूदा सरकार बुनियादी समस्याओं को हल करने में नाकाम साबित हो रही है. उन्होंने आगे कहा कि यह सरकार न तो धूल रोक पा रही है. न ही सड़कें बना पा रही है. न ही कचरे का प्रबंधन कर पा रहे हैं. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है कि 3100 टन कचरा बिना प्रबंधन के छोड़ा जा रहा है. यह लोग उस मुद्दे पर बात नहीं करते हैं. दिल्ली में वायु प्रदूषण, पंजाब में पराली का धुआं यह सब रोकने का काम अरविंद केजरीवाल का था. वह इसे रोकने में नाकामयाब रहे हैं. उन्हें सिर्फ दिल्ली में भ्रष्टाचार और चोरी करनी आती है. उन्हें काम करना नहीं आता है.

वायु की गुणवत्ता खराब होने से सांस लेने में होती है दिक्कत

बता दें कि शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI ‘गंभीर’ माना जाता है. वायु प्रदूषण बढ़ने से लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है. वहीं मरीजों को और भी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वायु की गुणवत्ता के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है. एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से अधिक होने पर फेफड़ों, अस्थमा और हृदय रोगों जैसी बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है

 

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