न बिजली बिल हो रहा जेनरेट, उपभोक्ताओं के छूट रहे पसीने, बिलिंग विज्ञापन से लेकर स्थापना मद में खर्च होता है 302 करोड़

खास बातें वितरण निगम के अफसरों का टेलीफोन खर्च सालाना 4.70 करोड़ कंप्यूटर बिलिंग में खर्च कर दिया 35.49 करोड़, बिल बांटने में खर्च हुआ 4.52 करोड़ वाहन हायर करने में खर्च 6.71 करोड़ विज्ञापन में 11.75 लाख और प्रिंटिंग और स्टेशनरी में खर्च करते हैं 82 लाख रुपए Ranchi: राजधानी रांची में बिजली उपभोक्ताओं […]

Mar 2, 2025 - 17:30
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न बिजली बिल हो रहा जेनरेट, उपभोक्ताओं के छूट रहे पसीने, बिलिंग विज्ञापन से लेकर स्थापना मद में खर्च होता है 302 करोड़

खास बातें
वितरण निगम के अफसरों का टेलीफोन खर्च सालाना 4.70 करोड़
कंप्यूटर बिलिंग में खर्च कर दिया 35.49 करोड़, बिल बांटने में खर्च हुआ 4.52 करोड़
वाहन हायर करने में खर्च 6.71 करोड़
विज्ञापन में 11.75 लाख और प्रिंटिंग और स्टेशनरी में खर्च करते हैं 82 लाख रुपए
Ranchi: राजधानी रांची में बिजली उपभोक्ताओं का हाल-बेहाल हो गया है. वितरण निगम की धीमी प्रक्रिया के कारण उपभोक्ता त्राहिमाम कर रहे हैं. न बिजली बिल जेनरेट हो पा रहा है. कभी सर्वर डाउन तो कभी कुछ और. इस पर सिर्फ एक ही तर्क दिया जाता है कि व्यवस्था में सुधार हो रहा है.

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क्या कहता है वितरण निगम का ऑडिट रिर्पोट

बिजली वितरण निगम के ऑडिट रिर्पोट के अनुसार सालाना स्थापना खर्च में 302.23 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं. स्मार्ट मीटर लगाने से पहले कंप्यूट बिलिंग में 35.49 करोड़ रुपए खर्च किए गए. जबकि बिल बांटने में 4.52 करोड़ रुपए खर्च किए गए. इतना खर्च होने के बावजूद भी उपभोक्ताओं को अपडेट बिजली का बिल नहीं मिल पाया है.

राजधानी का हाल बेहाल

बिजली वितरण निगम के अनुसार, अब तक राजधानी में लगभग दो लाख 80 हजार घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं. जबकि राजधानी में उपभोक्ताओं की संख्या तीन लाख 65 हजार है. इस हिसाब से अभी भी 85 हजार स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं. वहीं एचइसी क्षेत्र में अब तक 50 हजार घरों में स्मार्ट मीटर नहीं लग पाया है.

वितरण निगम का दावाः 90 हजार उपभोक्ताओं का बिल माइनस में

बिजली वितरण निगम ने दावा किया है कि फिलहाल 90 हजार ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनका बिजली बिल माइनस में चला गया है. वितरण निगम का कहना है कि इन उपभोक्ताएं ने समय पर बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है. ऐसे उपभोक्ताओं का लाइन डिस्कनेक्ट किया जाएगा.

एप पर बिजली बिल डाउनलोड करना बड़ी समस्या

एप पर बिजली बिल डाउनलोड करना एक बड़ी समस्या बन गई है. इसके पीछे वितरण निगम का तर्क है कि उपभोक्ता स्मार्ट मीटर को लेकर जागरूक नहीं हुई. राजधानी के कई बिजली ऑफिस कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारी भी खुद एप से बिजली डाउनलोड करने की प्रक्रिया को समझ नहीं पाए हैं.

जानिए बिजली वितरण निगम का खर्च

 किस मद में राशि लाख में
रेंट व टैक्स 129.21
इश्योरेंस 8.80
टेलीफोन 470.84
लीगल चार्ज 267.09
परामर्श 6355.43
ट्रैवलिंग 208.04
पेट्रोल 267.82
हायर व्हीकल 671.87
फीस और सब्सक्रीप्शन 91.01
किताब 2.05
प्रिंटिंग और स्टेशनरी 82.90
विज्ञापन 11.75
वाटर चार्ज 2.66
इलेक्ट्रिक चार्ज 863.41
इंटरटेनमेंट 43.85
मिसलेनियस 154.52
होमगार्ड 583.71
कंप्यूटर बिलिंग 3549.39
बिल डिस्ट्रब्यूशन 452.70
अन्य खर्च 3854.96

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