फर्जी निकासी के लिए मुर्दा के USER ID से डीडीओ कोड अपडेट किया

Shakeel Akhter Ranchi : पेयजल विभाग में फर्जी निकासी सुनियोजित साजिश करके की गई थी. मरे हुए कर्मचारी के यूजर आइडी (User ID) से डीडीओ (DDO) कोड अपडेट किया गया. फर्जी निकासी का मासिक ब्योरा महालेखाकार को भेजने में देर की गयी. अगस्त 2023 से दिसंबर तक की गई निकासी का ब्योरा महालेखाकार को भेजा […]

Apr 13, 2025 - 17:30
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फर्जी निकासी के लिए मुर्दा के USER ID से डीडीओ कोड अपडेट किया

Shakeel Akhter

Ranchi : पेयजल विभाग में फर्जी निकासी सुनियोजित साजिश करके की गई थी. मरे हुए कर्मचारी के यूजर आइडी (User ID) से डीडीओ (DDO) कोड अपडेट किया गया. फर्जी निकासी का मासिक ब्योरा महालेखाकार को भेजने में देर की गयी. अगस्त 2023 से दिसंबर तक की गई निकासी का ब्योरा महालेखाकार को भेजा ही नहीं गया.

सरकार द्वारा लागू किये गये नियम के मुताबिक स्वर्णरेखा कार्य प्रमंडल से निकासी के लिए सिर्फ एक ही डीडीओ कोड होना चाहिए. वर्ष 2013 में जारी किये गये सरकार के इस आदेश के आलोक में स्वर्णरेखा कार्य प्रमंडल में इससे पहले से एक्टिव दो में से एक डीडीओ कोड को डिएक्टीवेट कर दिया जाना चाहिए था. लेकिन निकासी के लिए रची गई साजिश के तहत वर्ष 2006 और 2009 के दोनो डीडीओ कोड को एक्टिव रखा गया. 

डीडीओ कोड को एक्टिव रखने के लिए स्वर्णरेखा कार्य प्रमंडल के डिजिटल एड्रेस में थोड़ा सा बदलाव किया गया. इस बदलाव का उद्देश्य निकासी में गड़बड़ी पर नजर रखने के लिए ट्रेजरी के ऑन लाईन सिस्टम को धोखा देना था. 

स्वर्णरेखा कार्य प्रमंडल के एड्रेस में बदलाव करने के बाद डीडीओ कोड से 10 साल तक किसी तरह की निकासी नहीं की गयी. यह अवधि जुलाई 2022 से 28 दिसंबर 2022 तक की थी. लेकिन सितंबर 2022 को  डीडीओ कोड को अपडेट कर इसमें नाम और नंबर जोड़ा गया. डीडीओ कोड अपडेट करने के लिए मृत कर्मचारी इ. लकड़ा के यूजर आईडी का इस्तेमाल किया गया. 

लकड़ा पेयजल विभाग में लिपिक के रूप में कार्यरत थे. वह साल 2015 में रिटायर हो चुके थे और 2018 में उनकी मौत हो गयी थी. नियमानुसार रिटायरमेंट के बाद उनके यूजर आईडी को डिएक्टीवेट कर देना चाहिए था. लेकिन इसे एक्टिव रखा गया था. 

मृत कर्मचारी के यूजर आईडी से डीडीओ कोड अपडेट करने के 10 साल बाद इस डीडीओ कोड के सहारे निकासी की गयी. अपडेट किये गये डीडीओ कोड से पहली फर्जी निकासी 29 दिसंबर 2022 को की गयी. इसके लिए चार पुराने चेक का सहारा लिया गया. 

निकासी के लिए बिल जेनरेट करना जरुरी होता है, इसलिए सुनियोजित साजिश के तहत works account management information system का बाईपास कर दिया गया. इस सिस्टम को बाईपास कर जेनेरेट किये गये बिल का भुगतान ट्रेजरी से नहीं होना चाहिए था. लेकिन फर्जी निकासी की साजिश में शमिल ट्रेजरी के अधिकारियों ने works account management information system को बाईपास कर जेनरेट किये गये बिल का भुगतान किया. 

फर्जी निकासी मे शामिल ट्रेजरी के अधिकारियो ने मुर्दे के यूजर आईडी से अपडेट किये गये डीडीओ कोड से की गयी निकासी का मासिक ब्योरा महालेखाकार को समय पर नहीं भेजा. अगस्त 2023 से दिसंबर 2023 तक की निकासी का ब्योरा महालेखाकार ने ट्रेजरी को भेजा ही नहीं.

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