बेंगलुरु में RSS अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक शुरू, मोहन भागवत ने उद्घाटन किया
Bengaluru : कर्नाटक के बेंगलुरु में आज शुक्रवार को RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक शुरू हुई. बैठ् तीन दिन(21-23 मार्च ) तक चलेगी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) की बैठक का उद्घाटन किया. बैठक में दत्तात्रेय होसबाले, जेपी नड्डा, बीएल संतोष सहित बीजेपी के […]

Bengaluru : कर्नाटक के बेंगलुरु में आज शुक्रवार को RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक शुरू हुई. बैठ् तीन दिन(21-23 मार्च ) तक चलेगी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) की बैठक का उद्घाटन किया. बैठक में दत्तात्रेय होसबाले, जेपी नड्डा, बीएल संतोष सहित बीजेपी के कई नेता शामिल हुए है.. इसके अलावा संघ से जुड़े 32 संगठनों के सदस्य भी शिरकत कर रहे हैं. बैठक बेंगलुरु के पास चन्नेनहल्ली में स्थित जनसेवा विद्या केंद्र के परिसर में आयोजित की गयी है.
#WATCH | Karnataka | Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) chief Mohan Bhagwat inaugurates the three-day Akhil Bharatiya Pratinidhi Sabha (ABPS) meeting in Bengaluru. pic.twitter.com/vru5PUAMsp
— ANI (@ANI) March 21, 2025
प्रचार प्रमुख की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, सुनील अंबेडकर ने कहा कि संघ प्रणाली में इस बैठक को सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था माना जाता है, और यह हर साल आयोजित की जाती है.
महाकुंभ के आयोजन की तारीफ की गयी
खबरों के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के प्रतिवेदन में महाकुंभ का ज़िक्र किया गया है. आरएसएस ने कुंभ के आयोजन को हिंदू समाज का गौरव बढ़ाने वाला, आत्मविश्वास जगानेवाला अविस्मरणीय आयोजन करार दिया है. आरएसएस ने कुंभ आयोजन को ना भूतों …. की संज्ञा तक दे डाली. संघ ने महाकुंभ के आयोजन के लिए राज्य की योगी सरकार और केंद्र सरकार की सराहना की. वहीं मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ पर संघ ने दुःख जताया है.
2025 -2026 को संघ का शताब्दी वर्ष माना जायेगा
बैठक में संघ के पिछले वर्ष (2024-25) के वार्षिक प्रतिवेदन (कार्यवृत्त) पर चर्चा की जा रही है. समीक्षात्मक विश्लेषण के अलावा विशेष पहलों पर भी रिपोर्टिंग की जायेगी. बतादें कि आगामी विजयादशमी (दशहरा) 2025 को संघ कार्य के सौ वर्ष पूरे हो रहे हैं, इस कारण विजयादशमी (दशहरा) 2025 से 2026 तक को संघ का शताब्दी वर्ष माना जायेगा. बैठक के एजेंडे में हिंदू जागरण के मुद्दे के अलावा देश के वर्तमान परिदृश्य का विश्लेषण, अनुवर्ती गतिविधियों पर चर्चा शामिल है.
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