भारत में सैटेलाइट इंटरनेट को लेकर रिलायंस और स्टारलिंक आमने-सामने
Lagatar Desk : भारतीय दूरसंचार बाजार में एक नया विवाद छिड़ गया है. इस बार मुकाबला भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की रिलायंस और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क की स्टारलिंक के बीच है. यह विवाद भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर है. भारत में सैटेलाइट […] The post भारत में सैटेलाइट इंटरनेट को लेकर रिलायंस और स्टारलिंक आमने-सामने appeared first on lagatar.in.
Lagatar Desk : भारतीय दूरसंचार बाजार में एक नया विवाद छिड़ गया है. इस बार मुकाबला भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की रिलायंस और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क की स्टारलिंक के बीच है. यह विवाद भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर है.
भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर विवाद
भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. इस बाजार में हिस्सेदारी पाने के लिए रिलायंस और स्टारलिंक दोनों ही कंपनियां आमने-सामने खड़ी हैं. दोनों ही कंपनियां भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करना चाहती है. लेकिन स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर दोनों के बीच मतभेद हैं. रिलायंस का कहना है कि स्पेक्ट्रम की नीलामी होनी चाहिए. ताकि सभी कंपनियों को बराबर का मौका मिले. जबकि स्टारलिंक का कहना है कि स्पेक्ट्रम का आवंटन प्रशासनिक तरीके से होना चाहिए, जैसा कि दुनिया के अन्य देशों में होता है.
तीन मायनों में यह विवाद महत्वपूर्ण
दो दिग्गज कंपनियों रिलायंस और स्टारलिंक के बीच यह विवाद काफी महत्वपूर्ण है. इसकी तीन मुख्य वजहें हैं.
- बाजार का आकार – भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. आने वाले कुछ सालों में यह बाजार अरबों डॉलर का हो जायेगा.
- ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा – सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं से देश के दूरदराज इलाकों में भी इंटरनेट पहुंचना आसान हो जायेगा.
- प्रतियोगिता – इस विवाद से भारतीय दूरसंचार बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को सस्ती और बेहतर सेवाएं मिलेंगी.
अंतिम फैसला सरकार के हाथों में
इस मामले में भारत सरकार अंतिम फैसला लेगी. सरकार यह तय करेगी कि स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी के जरिये होगा या प्रशासनिक तरीके से. सरकार के फैसले का असर पूरे भारतीय दूरसंचार बाजार पर पड़ेगा. इस विवाद का सीधा असर आम आदमी पर भी पड़ेगा. अगर स्पेक्ट्रम का आवंटन सही तरीके से हुआ तो आम आदमी को सस्ती और बेहतर इंटरनेट सेवाएं मिलेंगी. इससे देश के विकास में भी मदद मिलेगी.
मुख्य बातें :
- – रिलायंस और स्टारलिंक के बीच भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर विवाद है.
- – रिलायंस नीलामी का समर्थन करता है. जबकि स्टारलिंक प्रशासनिक आवंटन का.
- – इस विवाद का असर भारतीय दूरसंचार बाजार के साथ-साथ आम आदमी पर भी पड़ेगा.
- – स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी के जरिये होगा या प्रशासनिक तरीके से, इस पर सरकार अंतिम फैसला लेगी.
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