यूपी : प्रश्न पत्र लीक मामले में अध्यादेश को मंजूरी, उम्रकैद और एक करोड़ जुर्माने तक का प्रावधान
LuckNow : राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) प्रश्न पत्र लीक को लेकर छिड़े विवाद के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक कराने और परीक्षा में अनुचित साधनों के इस्तेमाल पर लगाम लगाने के लिए मंगलवार को एक अध्यादेश के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश […]
LuckNow : राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) प्रश्न पत्र लीक को लेकर छिड़े विवाद के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक कराने और परीक्षा में अनुचित साधनों के इस्तेमाल पर लगाम लगाने के लिए मंगलवार को एक अध्यादेश के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये इस अहम फैसले की जानकारी दी. बताया कि प्रश्न पत्र लीक के संबंध में मंत्रिमंडल ने एक अध्यादेश के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
CM Yogi Adityanath-led Uttar Pradesh government to bring Uttar Pradesh Public Examinations Ordinance 2024 in wake of paper leak of Constable Recruitment Exam and RO-ARO exam in the state. The proposal has been approved by the State Cabinet.
The Ordinance will provide for life… pic.twitter.com/EBBz8UdLOQ
— ANI (@ANI) June 25, 2024
फर्जी प्रश्नपत्र बांटना, फर्जी सेवायोजन वेबसाइट बनाना दंडनीय अपराध बनाये गये हैं
इस प्रस्ताव के तहत प्रश्न पत्र लीक करने के मामले में पकड़े जाने वाले लोगों को दो वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की कैद और एक करोड़ रुपए तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है. खन्ना ने बताया कि अध्यादेश के दायरे में लोकसेवा आयोग, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड, उत्तर प्रदेश बोर्ड, विश्वविद्यालय, प्राधिकरण या निकाय या उनके द्वारा नामित संस्थाएं भी शामिल हैं. यह अध्यादेश किसी प्रकार की भर्ती परीक्षाओं, नियमितीकरण या पदोन्नती करने वाली परीक्षाएं, डिग्री-डिप्लोमा, प्रमाण पत्रों या शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षाओं पर भी लागू होगा.
इसके तहत फर्जी प्रश्नपत्र बांटना, फर्जी सेवायोजन वेबसाइट बनाना भी दंडनीय अपराध बनाये गये हैं. उन्होंने बताया कि अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर अध्यादेश के तहत दोषियों को दो साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा और एक करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
विधानसभा का सत्र न होने के कारण विधेयक के स्थान पर अध्यादेश लाया गया है
खन्ना ने बताया कि परीक्षा प्रभावित होने से प्रक्रिया पर पड़ने वाले वित्तीय भार को ‘सॉल्वर’ गिरोह से वसूलने तथा परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली संस्था तथा सेवा प्रदाताओं को हमेशा के लिए काली सूची में डालने और अपराध की दशा में संपत्ति की कुर्की का प्रावधान भी किया गया है. मंत्री ने बताया कि इस प्रावधान के तहत सभी अपराध संज्ञेय, गैर जमानती बनाये गये हैं और उनकी सुनवाई सत्र न्यायालय में की जा सकेगी. उन्होंने बताया कि जमानत के संबंध में भी कठोर प्राविधान किये गये हैं.
खन्ना ने बताया कि वर्तमान में विधानसभा का सत्र न होने के कारण विधेयक के स्थान पर अध्यादेश लाया गया है. उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद अध्यादेश की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. उसके बाद इसे लागू किया जायेगा. उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती परीक्षा, समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी समेत अनेक भर्ती परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक हो चुके हैं. हाल में सम्पन्न लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने प्रश्न पत्र लीक के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था.
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