रांची : संत मरिया महागिरजाघर से माता मरिया का जुलूस निकाला गया

यीशु मसीह के पांच दुख भोग पर प्रस्तुत किया गया नाटक  Ranchi : संत मरिया महागिरजाघर पुरुलिया रोड से आज शुक्रवार शाम ईसाई समुदाय के लोगों ने माता मरिया का जुलूस निकाला. इसके बाद चर्च परिसर में पल्ली युवाओं ने यीशु मसीह के पांच दुख भोग नाटक प्रस्तुत किया.मुख्य अतिथि आर्च बिशप विसेंट आइंद ने […]

Jun 1, 2024 - 05:30
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रांची : संत मरिया महागिरजाघर से माता मरिया का जुलूस निकाला गया
संत मरिया महागिरजाघर से माता मरिया का जुलूस निकाला गया

यीशु मसीह के पांच दुख भोग पर प्रस्तुत किया गया नाटक

 Ranchi : संत मरिया महागिरजाघर पुरुलिया रोड से आज शुक्रवार शाम ईसाई समुदाय के लोगों ने माता मरिया का जुलूस निकाला. इसके बाद चर्च परिसर में पल्ली युवाओं ने यीशु मसीह के पांच दुख भोग नाटक प्रस्तुत किया.मुख्य अतिथि आर्च बिशप विसेंट आइंद ने कहा कि कलीसिया के लिए प्रार्थना करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रार्थना करने से मन में शांति बनी रहती है. परमेश्वर के प्रति आस्था बढ़ती है. विनती कलीसिया को प्रभु यीशु ख्रीस्त के पास ले जाती है. प्रार्थना करने से हमारे जीवन में दया, शांति बनी रहती है. परमेश्वर को जानने की इच्छा प्रबल हो जाती है.

रोम में पहली बार सन् 1214 में दुख भोग मनाया गया

फादर असीम मिंज ने बताया कि रोम के संत पापा पायस(5वें) ने रोम में पहली बार सन् 1214 में दुख भोग मनाया गया. उस समय माता मरियम की विनती पूरे हर्षोल्लास से लोग सुनते थे. इसके बाद लोगो में मेल मिलाप शुरू हुआ. 16 वी शताब्दी से यह पूरे कलीसिया में मनाया जाने लगा. रांची में 1847 में संत मरिया महागिरजाघर चर्च की नींव रखी गयी. 1909 में संत मरिया महागिरजाघर का निर्माण कार्य पूरा हुआ. 1927 में गिरजाघर का पुनर्निमाण हुआ.

प्रथम पुरोहित ज़ॉन एमसी मैक्डॉनल के द्वारा रांची में पहली बार मरिया जुलूस निकाला गया

महागरिजा घर के प्रथम पुरोहित ज़ॉन एमसी मैक्डॉनल के द्वारा रांची में पहली बार मरिया जुलूस निकाला गया. आज भी हर साल 31 मई को माता मरियम की याद में मरिया जुलूस निकाला जाता है. इसलिए मई महीने को माता मरिया का पर्व माना जाता है. उनके आदर में स्वरूप प्रोसेशन और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. चर्च की मंडलियों की ओर से कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं,

माता मरिया पर्व पर युवा कलाकारों ने ईसा मसीह के जीवन दर्शन को चरितार्थ करते हुए जीवंत नाटक का मंचन कर सबका मन मोहा. यीशु मसीह की प्राण पीड़ा दर्शायी गयी. यीशु को कांटों का मुकुट पहनाया गया, यीशु के कंधे पर क्रूस ढोया गया. यीशु को क्रूस पर ठोका गया. इस प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा. कार्यक्रम में पल्ली पुरोहित आनंद डेविड खलखो, फादर अंजलुस एक्का, फादर दीपक बाड़ा, फादर विपिन टोपनो, फादर जार्ज मिंज समेत अन्य शामिल हुए.

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