लातेहार: बिजली और पानी की समस्या को लेकर सड़क पर उतरे ग्रामीण

Latehar: सरकार द्वारा विकास की योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने के लिए करोड़ों खर्च किए जाते हैं. लेकिन जनता इसका कितना उपयोग कर पाती है, इसका ताजा उदाहरण लातेहार जिले का महुआडांड़ अनुमंडल है. यहां के लोग आज भी बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. लंबे समय से असुविधा झेल […]

Jun 12, 2024 - 05:30
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लातेहार: बिजली और पानी की समस्या को लेकर सड़क पर उतरे ग्रामीण
ग्रामीण
Latehar: सरकार द्वारा विकास की योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने के लिए करोड़ों खर्च किए जाते हैं. लेकिन जनता इसका कितना उपयोग कर पाती है, इसका ताजा उदाहरण लातेहार जिले का महुआडांड़ अनुमंडल है. यहां के लोग आज भी बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. लंबे समय से असुविधा झेल रहे ग्रामीण बार-बार अधिकारियों से गुहार लगाते रहे. बार-बार आवेदन एवं दैनिक अखबारों के माध्यम से उच्च अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास करते रहे. इन प्रयासों को असफल होता देख मंगलवार को प्रखंड के ग्रामीण पानी एवं बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए सड़क पर उतर गए. कांग्रेस नेता अजीत पाल कुजूर के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीण युवाओं ने बिजली एवं पानी की व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग को लेकर प्रखंड बंद का आह्वान किया. जिस पर प्रखंडवासियों समेत तमाम दुकानदार ने समर्थन करते हुए स्वत: अपनी दुकान बंद रखी. बंद को सफल बनाने के लिए ग्रामीणों ने प्रखंड के विभिन्न चौक चौराहा समेत सभी मुख्य सड़कों पर नाकेबंदी कर सड़क जाम कर दिया.

पानी और बिजली के लिए तरस रहे हैं लोग

बता दें कि महुआडांड़ प्रखंड आदिवासी बहुल क्षेत्र है. इसके बावजूद यह क्षेत्र विकास के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है. क्षेत्र में आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अनुमंडल होने के बावजूद यहां बिजली एवं पानी की समस्या सालों भर बनी रहती है. इस वर्ष रिकॉर्ड तोड़ गर्मी में यहां के लोग पानी और बिजली के लिए तरस रहे हैं. पिछले कई वर्षों से यहां के ग्रामीण बिजली की लचर व्यवस्था और पेयजल की कमी को दूर करने के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रहे थे. लेकिन उनकी तमाम कोशिश पर कोई भी समाधान या कोई सकारात्मक पहल होता नहीं दिख रहा था, जिसके बाद ग्रामीणों ने आंदोलन की राह पकड़ ली. अपनी मांग को लेकर प्रखंड वासी मंगलवार की रात दो बजे से ही सड़क पर उतर गए. पूरे क्षेत्र में नाकेबंदी कर दी गई. इस संबंध में जानकारी देते हुए स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस के नेता अजीत पाल कुजूर ने कहा कि महुआडांड़ के लोग आजादी के बाद आज तक बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. यहां बिजली की लचर व्यवस्था के कारण लोगों को इस भीषण गर्मी में दिन-रात परेशान होना पड़ रहा है. इसके अलावा पेयजल की व्यवस्था भी यहां अत्यंत दयनीय है.

ग्रामीणों को नहीं मिला योजना का लाभ

अजीत ने कहा कि पेयजल आपूर्ति के नाम पर अब तक यहां 54 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की गई, परंतु उस योजना का लाभ अभी तक यहां के ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाकर ग्रामीण थक चुके हैं. इसलिए अब यहां के ग्रामीणों के पास आंदोलन ही एकमात्र रास्ता बचा हुआ है. इधर बंदी कर रहे लोगों को समझने का प्रयास स्थानीय प्रशासन के द्वारा किया गया. जिस पर पहल करते हुए सीओ संतोष बैठा धरना स्थल पर पहुंचे. जहां आंदोलनकारियों को समझाते हुए, उच्च अधिकारियों तक जनता की मांग पहुंचने की बात कही. जिस पर ग्रामीणों ने अपनी मांगों से संबंधित विभाग के अधिकारियों को बुलाने की बात कही. जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीण बिजली विभाग के सब स्टेशन पहुंचे और तालाबंदी कर दी. ग्रामीणों द्वारा किए जा रहे इस आंदोलन पर एसडीएम रतन कुमार ने बताया कि क्षेत्र में बिजली की समस्या के समाधान के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. पेयजल विभाग के अधिकारियों को भी पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है. प्रशासन के द्वारा लोगों को समझने का भी प्रयास किया गया. वहीं मांग पूरी नहीं होने पर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन बंदी करने का भी ऐलान किया.

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