लोस चुनाव परिणाम : भाजपा पिछड़ी, सरकार बनाने के लिए सहयोगियों की जरुरत

लोस चुनाव में भाजपा 240 और कांग्रेस 99 सीट पर विजयी : निर्वाचन आयोग NewDelhi :  लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग/एनडीए) ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 जून को सत्ता में तीसरा कार्यकाल जीत लिया. लेकिन भाजपा को सरकार बनाने के लिए सहयोगियों […]

Jun 5, 2024 - 17:30
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लोस चुनाव परिणाम :  भाजपा पिछड़ी, सरकार बनाने के लिए सहयोगियों की जरुरत

लोस चुनाव में भाजपा 240 और कांग्रेस 99 सीट पर विजयी : निर्वाचन आयोग

NewDelhi :  लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग/एनडीए) ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 जून को सत्ता में तीसरा कार्यकाल जीत लिया. लेकिन भाजपा को सरकार बनाने के लिए सहयोगियों पर निर्भर रहना होगा. क्योंकि भाजपा लोकसभा में 272 सीटों के आधे से लगभग 32 सीटें पीछे रह गयी. भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले भारत ब्लॉक की 234 सीटों के मुकाबले 291 सीटें जीतीं. वहीं कांग्रेस ने 2019 में 52 सीटों की तुलना में 99 सीटें ज्यादा जीतीं. वर्ष 2014 के आम चुनाव में भाजपा ने 282 और वर्ष 2019 के चुनाव में 303 सीट जीती थीं. लेकिन इस बार पार्टी सिर्फ 240 सीट ही जीत पायी, जो बहुमत के लिए 272 सीट के आंकड़े से कम है. ऐसे में भाजपा को सरकार बनाने के लिए राजग में सहयोगी दलों के समर्थन की जरुरत है.

भाजपा को अपने गढ़ों में असफलता का करना पड़ा सामना

भाजपा को अपने गढ़ों उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी असफलता का सामना करना पड़ा. पार्टी को इन दोनों राज्यों में कम सीटें मिलीं. समाजवादी पार्टी (सपा) ने उत्तर प्रदेश में 37 सीट जीतकर ‘इंडिया’ को मजबूत स्थिति में ला दिया है. सपा के साथ गठबंधन में ओबीसी मतदाताओं तक कांग्रेस की अभूतपूर्व पहुंच ने उत्तर प्रदेश में भरपूर लाभ दिया, जहां गठबंधन ने 44 सीटें जीतीं, जिससे भाजपा की सीटों की संख्या 2019 में 62 सीटों से घटकर 35 रह गयी.  कांग्रेस के पहले से बेहतर प्रदर्शन के कारण भाजपा को हरियाणा में भी बड़ा नुकसान झेलना पड़ा.

बंगाल में भी भाजपा के विस्तार की उम्मीदें धराशायी

पश्चिम बंगाल में भाजपा के विस्तार की उम्मीदें धराशायी हो गयी. विपक्षी गठबंधन के एक अन्य प्रमुख घटक तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने पश्चिम बंगाल में 29 सीट जीती हैं, जो वर्ष 2019 की 22 सीट की तुलना में अधिक हैं. वहीं पिछले लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में 18 सीट जीतने वाली भाजपा इस बार 12 पर ही जीत हासिल कर पायी. नतीजों में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग को उतनी भारी जीत नहीं मिली. जिसकी उसे उम्मीद थी और जैसा ‘एग्जिट पोल’ में अनुमान लगाया गया था.  इसके उलट ओडिशा में भाजपा की पटकथा के अनुसार ही चुनाव हुए, जहां वह पहली बार सत्ता में आयी और 21 लोकसभा सीटों में से 19 पर जीत दर्ज की. वहीं बिहार में कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन मतदाताओं को उत्साहित करने में विफल रहा और यहां एनडीए गठबंधन ने अपनी स्थिति बनाये रखी.

लोस चुनाव में भाजपा 240 और कांग्रेस 99 सीट पर विजयी : निर्वाचन आयोग

भारत निर्वाचन आयोग ने देश के 543 लोकसभा सीटों के अंतिम परिणाम जारी कर दिये हैं. इसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 240 और कांग्रेस को 99 सीट पर जीत हासिल की है. महाराष्ट्र के बीड सीट का परिणाम सबसे अंत में घोषित किया गया. इस सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) उम्मीदवार बजरंग मनोहर सोनवणे ने भाजपा की पंकजा मुंडे को 6,553 वोट से हराया. बता दें कि इस बार 543 में से केवल 542 लोकसभा सीटों पर हुई वोटिंग की गिनती हुई. क्यों कि गुजरात के सूरत लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल निर्विरोध चुने गये थे.

एनडीए ने सहयोगियों के समर्थन से बहुमत का आंकड़ा पार किया

चुनाव आयोग द्वारा बुधवार को जारी अंतिम परिणाम के अनुसार, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने अपने सहयोगियों के समर्थन से बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार सरकार बनायेंगे. राजग में प्रमुख सहयोगी एन चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने आंध्र प्रदेश में 16 और नीतीश कुमार की जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) ने बिहार में 12 सीट पर जीत हासिल की है. हालांकि, तीन हिंदी भाषी राज्यों में भाजपा को बड़ी संख्या में सीटों का नुकसान हुआ है.

जानें किस दल को कितनी सीट मिलीं 

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, लोकसभा चुनाव में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राजनीतिक दलों को प्राप्त सीट की संख्या इस प्रकार है :

  • भाजपा – 240
  • कांग्रेस – 99
  • समाजवादी पार्टी (सपा) – 37
  • तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) – 29
  • द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) – 22
  • तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) – 16
  • जनता दल यूनाइटेड (जदयू) – 12
  • शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) – 9
  • राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) – 8 शिवसेना – 7
  • लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) – 5
  • युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) – 4 राष्ट्रीय जनता दल (राजद) – 4
  • मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) – 4 इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग – 3
  • आम आदमी पार्टी (आप) – 3
  • झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)- 3
  • जनसेना पार्टी – 2
  • भाकपा (माले) (लिबरेशन) – 2
  • जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) – 2
  • विदुथलाई चिरुथैगल काची (वीसीके) – 2
  • भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) – 2
  • राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) – 2
  • नेशनल कॉन्फ्रेंस – 2
  • यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी, लिबरल – 1
  • असम गण परिषद – 1
  • हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) – 1
  • केरल कांग्रेस – 1
  • रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी – 1
  • राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) – 1 वॉयस ऑफ द पीपल पार्टी – 1
  • ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट – 1
  • शिरोमणि अकाली दल – 1
  • राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी – 1
  • भारत आदिवासी पार्टी – 1
  • सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा – 1
  • मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) – 1 आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) – 1
  • अपना दल (सोनेलाल) – 1
  • आजसू पार्टी – 1
  • ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) – 1 निर्दलीय – 7

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