वक्फ विधेयक : संसद की संयुक्त समिति की बैठक शुरू, मुस्लिम संगठन रखेंगे विचार
NewDelhi : विवादास्पद वक्फ (संशोधन) विधेयक पर मुस्लिम संगठनों के विचार सुनने के लिए संसद की संयुक्त समिति की शुक्रवार को दूसरी बार बैठक शुरू हुई. इस विधेयक का उद्देश्य एक केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की प्रक्रिया में सुधार करना है. दिनभर चलने वाली इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी […] The post वक्फ विधेयक : संसद की संयुक्त समिति की बैठक शुरू, मुस्लिम संगठन रखेंगे विचार appeared first on lagatar.in.
NewDelhi : विवादास्पद वक्फ (संशोधन) विधेयक पर मुस्लिम संगठनों के विचार सुनने के लिए संसद की संयुक्त समिति की शुक्रवार को दूसरी बार बैठक शुरू हुई. इस विधेयक का उद्देश्य एक केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की प्रक्रिया में सुधार करना है. दिनभर चलने वाली इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति मुंबई स्थित ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा और दिल्ली स्थित इंडियन मुस्लिम्स फॉर सिविल राइट्स (आईएमसीआर) सहित अन्य हितधारकों के विचार सुनेगी.
#WATCH | Delhi: Waqf Amendment Bill JPC Chairman and BJP MP Jagdambika Pal, AIMIM MP Asaduddin Owaisi, and BJP MP Aparajita Sarangi arrive for the Joint Parliamentary Committee meeting on the Waqf (Amendment) Bill, 2024 pic.twitter.com/3QdGX999kn
— ANI (@ANI) August 30, 2024
#WATCH | Waqf Amendment Bill JPC Chairman and BJP MP Jagdambika Pal says, “We had said in the first meeting also that if the government has referred the Waqf amendment 2024 to the JPC, then we will call as many Waqf boards of the country as possible, we will also call those who… pic.twitter.com/OovojGEqVb
— ANI (@ANI) August 30, 2024
विधेयक आठ अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया
यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की प्रक्रिया में सुधार के उद्देश्य से भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की पहली बड़ी पहल है. यह कई सुधारों का प्रस्ताव करता है, जिसमें मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिम प्रतिनिधियों के प्रतिनिधित्व के साथ राज्य वक्फ बोर्डों समेत एक केंद्रीय वक्फ परिषद की स्थापना शामिल है. विधेयक का एक विवादास्पद प्रावधान, जिलाधिकारी को यह निर्धारित करने के लिए प्राथमिक प्राधिकरण के रूप में नामित करने का प्रस्ताव है कि क्या संपत्ति को वक्फ या सरकारी भूमि के रूप में वर्गीकृत किया गया है. विधेयक को गत आठ अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था और चर्चा के बाद संसद की एक संयुक्त समिति को भेजा गया था.
प्रस्तावित कानून मस्जिदों के कामकाज में हस्तक्षेप करने का इरादा नहीं रखता
सरकार ने इस बात पर जोर दिया था कि प्रस्तावित कानून मस्जिदों के कामकाज में हस्तक्षेप करने का इरादा नहीं रखता है जबकि विपक्ष ने इसे मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए उठाया गया कदम और संविधान पर हमला बताया था. इस महीने की शुरुआत में समिति की पहली बैठक हुई थी. इसमें कई विपक्षी सांसदों ने इस प्रस्तावित कानून के कई प्रावधानों को लेकर आपत्ति जताई. समिति की इस पहली बैठक के दौरान अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की ओर से एक प्रस्तुति भी दी गयी थी. सूत्रों के मुताबिक भाजपा के सांसदों ने विधेयक में संशोधनों-खासकर महिलाओं को सशक्त बनाने संबंधी प्रावधान की सराहना की.
पहली बैठक के दौरान कई बार तीखी बहस हुई थी
बैठक के दौरान कई बार तीखी बहस हुई लेकिन विभिन्न दलों के सदस्यों ने कई घंटे तक बैठकर विधेयक के प्रावधानों पर अपने विचार दर्ज कराये, सुझाव दिये और स्पष्टीकरण मांगा. बाद में पत्रकारों के साथ संक्षिप्त बातचीत में समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बैठक को सार्थक’ बताया था. यह बैठक भोजनावकाश के साथ छह घंटे से अधिक समय तक चली थी. समिति के एक सदस्य ने दावा किया कि यह हाल के दिनों में किसी संसदीय समिति द्वारा आयोजित सबसे लंबी बैठकों में से एक थी.
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