वडोदरा : भारी बारिश के बीच रिहायशी इलाकों से पहुंचे 24 मगरमच्छ बचाये गये
Baroda : गुजरात के वडोदरा शहर में 27 अगस्त से 29 अगस्त के बीच बहुत भारी बारिश के कारण विश्वामित्री नदी का जल स्तर बढ़ गया और कुल 24 मगरमच्छ बाढ़ के पानी के साथ बहकर रिहायशी इलाकों में पहुंच गये. वन विभाग के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि इन सभी मगरमच्छ को […] The post वडोदरा : भारी बारिश के बीच रिहायशी इलाकों से पहुंचे 24 मगरमच्छ बचाये गये appeared first on lagatar.in.
Baroda : गुजरात के वडोदरा शहर में 27 अगस्त से 29 अगस्त के बीच बहुत भारी बारिश के कारण विश्वामित्री नदी का जल स्तर बढ़ गया और कुल 24 मगरमच्छ बाढ़ के पानी के साथ बहकर रिहायशी इलाकों में पहुंच गये. वन विभाग के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि इन सभी मगरमच्छ को बचा लिया गया है. वडोदरा रेंज के वन अधिकारी करणसिंह राजपूत के मुताबिक, विश्वामित्री नदी में लगभग 440 मगरमच्छ रहते हैं, जिनमें से कई अजवा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण आयी बाढ़ के दौरान बहकर रिहायशी इलाकों में पहुंच जाते हैं.
Crocs taking a walk in the Garden of Vadodara.
While Men’s are feeling safe at Home during #floods #vadodaraflood #baroda #wildlife #crocodile #Vadodara pic.twitter.com/cLEBLBWm9E— Rohit Chhonkar (@R17Rohit) August 27, 2024
सबसे छोटा दो फुट लंबा मगरमच्छ बचाया गया
राजपूत ने कहा, इन तीन दिनों के दौरान हमने 24 मगरमच्छ के अलावा 75 अन्य जानवरों को भी बचाया, जिनमें सांप, कोबरा, लगभग 40 किलोग्राम वजन वाले पांच बड़े कछुए और एक साही शामिल हैं. विश्वामित्री नदी के नजदीक कई रिहायशी इलाके हैं. उन्होंने बताया, सबसे छोटा मगरमच्छ जिसे हमने बचाया, वह दो फुट लंबा है, जबकि सबसे बड़े मगरमच्छ की लंबाई 14 फुट है. इसे गुरुवार को नदी के किनारे स्थित कामनाथ नगर से पकड़ा गया था. स्थानीय निवासियों ने हमें इसके बारे में सूचित किया था.
मानव-मगरमच्छ संघर्ष का मामला सामने नहीं आया
इनके अलावा 11 फुट लंबे दो अन्य मगरमच्छ को गुरुवार को ईएमई सर्कल और एमएस (मनोनमनियम सुन्दरनार) विश्वविद्यालय के जीवविज्ञान विभाग के पास एक खुले क्षेत्र से बचाया गया. राजपूत ने बताया कि बहुत भारी बारिश वाले इन तीन दिनों में मानव-मगरमच्छ संघर्ष का कोई मामला सामने नहीं आया. उन्होंने कहा, मगरमच्छ आमतौर पर मनुष्यों पर हमला नहीं करते. नदी में वे मछली और पशुओं के अवशेष खाकर जीवित रहते हैं. वे कुत्ते, सुअर और अन्य छोटे जानवरों को भी मारकर खा सकते हैं. ऐसे ही एक घटना का वीडियो हाल में वायरल हुआ था. राजपूत ने बताया कि चूंकि, अब विश्वामित्री नदी के जल स्तर में काफी कमी आ गयी है, इसलिए बचाये गये मगरमच्छ सहित अन्य जानवरों को जल्द उसमें छोड़ा जायेगा.
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