विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में धनखड़ के खिलाफ दिया अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस, टीएमसी का वाकआउट
NewDelhi : विपक्षी सांसदों ने आज राज्यसभा में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया. अविश्वास प्रस्ताव में 71 सांसदों के हस्ताक्षर हैं.हालांकि यहां भी विपक्ष बंटा हुआ नजर आया. इंडिया गठबंधन की साथी ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के सांसद अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सदन से वाकआउट कर गये. हालांकि संख्या […]
NewDelhi : विपक्षी सांसदों ने आज राज्यसभा में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया. अविश्वास प्रस्ताव में 71 सांसदों के हस्ताक्षर हैं.हालांकि यहां भी विपक्ष बंटा हुआ नजर आया. इंडिया गठबंधन की साथी ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के सांसद अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सदन से वाकआउट कर गये. हालांकि संख्या बल की बात करें तो विपक्ष के पास वह नंबर नहीं है, जिससे वह जगदीप धनखड़ को उनके पद से हटा सके.
विश्वास प्रस्ताव में आरोप है कि चेयरमैन पक्षपात कर रहे हैं
जानकारी के अनुसार कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश, प्रमोद तिवारी के साथ तृणमूल कांग्रेस के नदीम उल हक और सागरिका घोष ने यह प्रस्ताव राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंपा. विपक्षी पार्टियों ने अविश्वास प्रस्ताव में आरोप लगाया है कि उनको बोलने नहीं दिया जाता. कहा कि चेयरमैन पक्षपात कर रहे हैं. विपक्षी पार्टियों ने एक दिन पहले का उदाहरण दिया कहा है कि ट्रेजरी बेंच के सदस्यों को बोलने का मौका दिया गया लेकिन जब विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बोलने उठे तो उनको बोलने नहीं दिया गया.
राज्य सभा के माननीय सभापति द्वारा अत्यंत पक्षपातपूर्ण तरीक़े से उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन करने के कारण INDIA ग्रुप के सभी घटक दलों के पास उनके ख़िलाफ़ औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। INDIA की पार्टियों के लिए यह बेहद ही कष्टकारी निर्णय रहा…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 10, 2024
दिल्ली | टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने कहा, “ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने राज्यसभा से वॉकआउट किया है। अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए, संवैधानिक संसदीय लोकतंत्र को बचाने के लिए, हमने अविश्वास प्रस्ताव दिया है क्योंकि मोदी सरकार संसद की हत्या कर रही है… विपक्ष को जनता के…
— News Hindi World (@newshindiworld) December 10, 2024
विपक्ष के पास लोकसभा में 236, राज्यसभा में केवल 85 सीटें
बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए संविधान के अनुच्छेद 67(B) के तहत 14 दिन का नोटिस देना होता है. इसके अलावा प्रस्ताव पारित कराने के लिए राज्यसभा और लोकसभा दोनों में बहुमत होना चाहिए और यह विपक्ष के लिए नामुमकिन है. कांग्रेस सहित अन्य दलों का मानना है कि इस प्रस्ताव से इंडिया गठबंधन को एकजुट करने में मदद मिलेगी. दोनों सदनों की बात करें लोकसभा में विपक्ष के पास 543 सीटों में 236 सीटें हैं. राज्यसभा में 231 में केवल 85 सीट हैं. अभी तक 60 सांसदों ने ही इस पर मुहर लगाई है.
अविश्वास प्रस्ताव का फैसला लिये जाने का कारण
जान लें कि विपक्षी दलों और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के बीच लगातार मतभेद बढ़ रहे हैं. इसलिए विपक्ष ने यह फैसला किया है. कांग्रेस सहित अन्य दलों का मानना है कि इस प्रस्ताव से INDIA गठबंधन मजबूत होगा. वर्तमान में गठबंधन दलों की दोनों सदनों में अलग-अलग राय दिख रही है.
अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था
जयराम रमेश ने कहा, राज्यसभा के सभापति द्वारा अत्यंत पक्षपातपूर्ण तरीक़े से उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन करने के कारण इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों के पास उनके ख़िलाफ़ औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. इंडिया की पार्टियों के लिए यह बेहद ही कष्टकारी निर्णय रहा है, लेकिन संसदीय लोकतंत्र के हित में यह अभूतपूर्व कदम उठाना पड़ा है. यह प्रस्ताव अभी राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंपा गया है.
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