संभल हिंसा पर राजनीति तेज, राहुल, प्रियंका सहित कई नेताओं ने योगी सरकार को घेरा

असंवेदनशीलता से की गयी कार्रवाई ने बिगाड़ा माहौल, भाजपा सरकार जिम्मेदार : राहुल गांधी UttarPradesh :  यूपी के संभल जिले में रविवार को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा पर राजनीति तेज हो गयी है. कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राज्य सरकार पर सवाल उठाये हैं. राहुल […]

Nov 25, 2024 - 17:30
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संभल हिंसा पर राजनीति तेज, राहुल, प्रियंका सहित कई नेताओं ने योगी सरकार को घेरा

असंवेदनशीलता से की गयी कार्रवाई ने बिगाड़ा माहौल, भाजपा सरकार जिम्मेदार : राहुल गांधी

UttarPradesh :  यूपी के संभल जिले में रविवार को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा पर राजनीति तेज हो गयी है. कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राज्य सरकार पर सवाल उठाये हैं. राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट शेयर कर लिखा कि संभल, उत्तर प्रदेश में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाजी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गयी कार्रवाई ने माहौल और बिगाड़ दिया और कई लोगों की मृत्यु का कारण बना, जिसकी सीधी जिम्मेदार भाजपा सरकार है. राहुल गांधी ने आगे लिखा कि भाजपा का सत्ता का उपयोग हिंदू-मुसलमान समाजों के बीच दरार और भेदभाव पैदा करने के लिए करना ना प्रदेश के हित में है और ना देश के.

सुप्रीम कोर्ट से मामले में हस्तक्षेप कर न्याय करने का किया अनुरोध

कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर न्याय करने का अनुरोध किया है. राहुल गांधी ने लोगों से भी शांति बनाये रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि मेरी अपील है कि शांति और आपसी सौहार्द बनाये रखें. हम सबको एक साथ जुड़कर यह सुनिश्चित करना है कि भारत सांप्रदायिकता और नफरत नहीं, एकता और संविधान के रास्ते पर आगे बढ़े.

संभल विवाद में यूपी सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, सुप्रीम कोर्ट ले संज्ञान : प्रियंका गांधी 

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी संभल हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश की जनता से शांति बनाये रखने की अपील की है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए यूपी सरकार से कड़े सवाल किये हैं. उन्होंने लिखा कि संभल, उत्तर प्रदेश में अचानक उठे विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इतने संवेदनशील मामले में बिना दूसरा पक्ष सुने, बिना दोनों पक्षों को विश्वास में लिए प्रशासन ने जिस तरह हड़बड़ी के साथ कार्रवाई की, वह दिखाता है कि सरकार ने खुद माहौल खराब किया. प्रशासन ने जरूरी प्रक्रिया और कर्तव्य का पालन भी जरूरी नहीं समझा. उन्होंने आगे कहा कि सत्ता में बैठकर भेदभाव, अत्याचार और फूट फैलाने का प्रयास करना न जनता के हित में है, न देश के हित में. माननीय सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेकर न्याय करना चाहिए.

अखिलेश यादव ने भी यूपी सरकार को घेरा

इससे पहले यूपी के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी संभल की हिंसा को लेकर यूपी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि सर्वे के नाम पर तनाव फैलाने की साजिश का ‘सर्वोच्च न्यायालय’ तुरंत संज्ञान ले और जो अपने साथ सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से नारेबाजों को ले गये, उनके खिलाफ शांति और सौहार्द बिगाड़ने का मुकदमा दर्ज हो और उनके खिलाफ ‘बार एसोसिएशन’ भी अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई करे. यूपी शासन-प्रशासन से न कोई उम्मीद थी, न है.

समाजवादी पार्टी सांसद राम गोपाल यादव ने संभल की घटना पर कहा कि हम मांग करते हैं कि जिन लोगों ने गोली चलाई हैं, जिसके लिए वहां के जिलाधिकारी और एसपी जिम्मेदार हैं, उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए.

मुस्लिमों को किया जा रहा टारगेट, दोबारा सर्वे की नहीं थी जरूरत : संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क

संभल से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा को पूर्व नियोजित बताया है. जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि यह एक प्री-प्लान घटना है और अफसोस की बात यह है कि प्रदेश और देश के अंदर मुस्लिम समाज के लोगों को टारगेट करके काम किया जा रहा है. इससे ज्यादा बुरा हाल आजादी के बाद कभी नहीं हुआ होगा. जिस प्रकार से प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा है. जब संसद ने 1991 में एक कानून बना दिया है कि 1947 से पहले के जितने भी धार्मिक स्थल अस्तित्व में है, उनके साथ किसी प्रकार की कोई छेड़खानी नहीं होगी, लेकिन इसके बावजूद जगह-जगह याचिकाएं दायर की जा रही हैं और उसी दिन आदेश भी दिए जा रहे हैं. जियाउर्रहमान बर्क ने आगे कहा कि हमने इस मामले में शांतिपूर्वक सर्वे कराया, मगर जुमे की दिन बहुत सारे लोगों को नमाज पढ़ने से रोका गया. इतना ही नहीं, पुलिस बल की तैनाती भी की गयी. इसके बावजूद हमने लोगों से कहा कि कोई कदम उठाने की जरूरत नहीं है और किसी दूसरी मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ें. हालांकि जब एक बार सर्वे हो गया था तो दूसरी बार सर्वे की जरूरत क्यों आयी? अगर उन्हें सर्वे कराना था तो वह कोर्ट का आदेश लेकर आते, लेकिन फिर भी उन्होंने सर्वे किया और जो लोग वहां पर थे तो उन्होंने जय श्री राम के नारे लगाये.

2500 लोगों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत हुआ है : एसपी कृष्ण कुमार

बता दें कि यूपी के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में संभल एसपी कृष्ण कुमार ने कहा कि लगभग 2500 लोगों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत हुआ है. सभी लोगों की CCTV के माध्यम से पहचान की जायेगी और सभी को जेल भेजा जायेगा.

 

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