संविधान दिवस पर बोले राहुल गांधी, मोदी ने संविधान नहीं पढ़ा… जातिगत जनगणना कराने की बात फिर दोहरायी…

NewDelhi : संविधान अहिंसा का रास्ता दिखाता है. सविधान सत्य और अहिंसा की किताब है. संविधान हिंसा की इजाजत नहीं देता. जहां भी हमारी सरकार आयेगी, हम वहां जातिगत जनगणना करायेंगे. अगर पिछड़े वर्ग की हिस्सेदारी ज्यादा है तो उनकी भागीदारी(शासन-प्रशासन में) कम क्यों है? संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली के […]

Nov 27, 2024 - 05:30
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संविधान दिवस पर बोले राहुल गांधी, मोदी ने संविधान नहीं पढ़ा… जातिगत जनगणना कराने की बात फिर दोहरायी…

NewDelhi : संविधान अहिंसा का रास्ता दिखाता है. सविधान सत्य और अहिंसा की किताब है. संविधान हिंसा की इजाजत नहीं देता. जहां भी हमारी सरकार आयेगी, हम वहां जातिगत जनगणना करायेंगे. अगर पिछड़े वर्ग की हिस्सेदारी ज्यादा है तो उनकी भागीदारी(शासन-प्रशासन में) कम क्यों है? संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस के कार्यक्रम में राहुल गांधी बोल रहे थे.

कंपनियों के मालिक दलित या ओबीसी नहीं मिलते हैं

राहुल ने कहा कि कंपनियों के मालिक दलित या ओबीसी नहीं मिलते हैं. कहा कि अगर हिंदुस्तान की आबादी को देखें तो देश में 15 फीसदी दलित आबादी है. आठ फीसदी आदिवासी हैं. लगभग 15 फीसदी अल्पसंख्यक हैं. मगर पिछड़े वर्ग के कितने लोग हैं? कोई नहीं जानता. कोई कहता है कि देश में पिछड़ा वर्ग 50 फीसदी है कहा कि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग आंकड़ें (पिछड़ा वर्ग) बताये जाते हैं.

देश में पिछड़ा वर्ग 50 फीसदी से कम नहीं है

राहुल ने कहा कि देश में पिछड़ा वर्ग 50 फीसदी से कम नहीं है. अगर हम 50 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 15 फीसदी दलित, आठ फीसदी आदिवासी और 15 फीसदी अल्पसंख्यकों को मिला लें तो देश की लगभग 90 फीसदी आबादी पिछड़े वर्ग की हो जाती है. राहुल ने बताया कि कुछ दिन पहले तेलंगाना में हमने जातिगत जनगणना शुरू की है. जहां भी, जिस राज्य में हमारी सरकार आयेगी…कर्नाटक हो या तेलंगाना…हम जाति जनगणना करायेंगे. बता दें कि राहुल  हर सभा में जाति जनगणना  की बात उठा रहे हैं.

बेडकर जी की, फूले जी की, बुद्ध भगवान, गांधी जी की सोच  संविधान में  है

राहुल गांधी ने संविधान की चर्चा करते हुए कहा, गारंटी के साथ मैं कहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान की किताब नहीं पढ़ी है. हिंदुस्तान की हजारों साल की सोच और 21वीं सदी में हिंदुस्तान की सोशल एंपावरमेंट की जो सोच है, आंबेडकर जी की, फूले जी की, बुद्ध भगवान, गांधी जी की जो सोच है, वह इसके( संविधान) अंदर है. आप किसी भी राज्य मेे चले जाइए केरल में नारायण गुरु जी, कर्नाटक में बसवन्ना जी, पुणे के शिवाजी महाराज, हर स्टेट में आपको ऐसे दो-तीन नाम मिलेंगे, जिनकी सोच इस किताब में आपको मिलेगी.

संविधान में  सावरकर जी की आवाज है क्या? कहीं लिखा है कि हिंसा  करनी चाहिए?

राहुल ने बिना नाम लिये भाजपा पर हमलावर होते हुए कहा कि मैं आपसे पूछना चाहता हूं इसमें (संविधान) सावरकर जी की आवाज है क्या? इसमें कहीं लिखा है कि हिंसा का प्रयोग करना चाहिए. इसमें कहीं लिखा है कि किसी व्यक्ति को मारना चाहिए, डराना चाहिए या काटना चाहिए? यह सत्य और अहिंसा की किताब है. यह हिंदुस्तान का सत्य है और यह अहिंसा का रास्ता दिखाता है

राहुल गांधी जब संबोधित कर रहे थे, तो बीच में ही उनका माइक बंद हो गया

दिलचस्प बात यह है कि कार्यक्रम को राहुल गांधी जब संबोधित कर रहे थे, तो बीच में ही उनका माइक बंद हो गया. माइक काफी देर तक बंद रहा.जब उनका माइक ठीक हुआ तो उन्होंने कहा कि जितना माइक बंद करना है कर लो मैं फिर भी बोलूंगा. कहा कि दलितों की बात करने पर माइक बंद( संसद में ) कर दिया जाता है. मेरा माइक ऑफ करोगे तो मैं फिर भी बोलूंगा. मैं अपनी बात पूरी करके रहूंगा.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे  ने  कहा,  आज, वे (बीजेपी) बहुमत में नहीं हैं.  वे अल्पमत सरकार हैं.  उन्होंने एक पैर टीडीपी के एन चंद्रबाबू नायडू और दूसरा पैर बिहार के सीएम नीतीश कुमार के हाथ में रख दिया है.  उस पर  पीएम मोदी चल रहे हैं.   

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