सबसे शक्तिशाली जांच एजेंसी ईडी का सजा दिलाने का दर सिर्फ 6.42 प्रतिशत
Lagatar News Network : वित्त विभाग ने बुधवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी है कि इनफोर्समेंट डाइरेक्टोरेट (ईडी) ने पिछले छह सालों में 911 केस दर्ज किये. सभी मामले प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत दर्ज किए गए हैं. ईडी ने इनमें से 654 मामलों में अदालत में चार्जशीट दाखिल किया और […]
Lagatar News Network : वित्त विभाग ने बुधवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी है कि इनफोर्समेंट डाइरेक्टोरेट (ईडी) ने पिछले छह सालों में 911 केस दर्ज किये. सभी मामले प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत दर्ज किए गए हैं. ईडी ने इनमें से 654 मामलों में अदालत में चार्जशीट दाखिल किया और 42 मामलों के 99 अभियुक्तों को सजा दिलाने में सफलता हासिल किया.
इस आंकड़े से यह स्पष्ट होता है कि ईडी ने जितने मामलों में चार्जशीट दाखिल किया है, उनमें 6.42 प्रतिशत मामलों में ही अभियुक्तों को सजा मिली. यानी ईडी ने जिन 654 मामलों में अदालत में चार्जशीट दाखिल किया, उनमें ट्रायल पूरा होने के बाद सिर्फ 6.42 प्रतिशत मामलों के अभियुक्तों को सजा मिली.
कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय ने राज्यसभा में जानकारी दी है कि वर्ष 2019 में 50, वर्ष 2020 में 106, वर्ष 2021 में 128, वर्ष 2022 में 182, वर्ष 2023 में 239 और वर्ष 2023 में 206 केस दर्ज किये गए हैं. इनमें से 257 मामलों में ट्रायल अभी लंबित है. वहीं 4 दिसंबर 2024 तक ईडी ने पीएमएलए के तहत 106 मामले दर्ज किये हैं.
यहां उल्लेखनीय है कि ईडी देश की सबसे शक्तिशाली जांच एजेंसी है. इस एजेंसी को जितने अधिकार दिए गए हैं, उतने अधिकार देश की किसी भी जांच एजेंसी को नहीं दिया गया है. इस एजेंसी पर यह आरोप लगते रहे हैं कि राजनीतिक कारणों से मामले दर्ज किये जाते हैं और लोगों को परेशान किया जाता है.
इसे भी पढ़ें –
What's Your Reaction?