सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी- पता करना चाहिए कि पीएमएलए के तहत कितने पर दोष साबित हुआ

Lagatar News Network सुप्रीम कोर्ट ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत दर्ज शिकायतों में दोषियों को सजा मिलने (दोषारोपण) की दर पर फिर से चिंता व्यक्त की है. 18 नवंबर को न्यायाधीश अभयएस ओका और न्यायाधीश उज्जल भुयान के नेतृत्व में एक बेंच ने प्रवर्तन निदेशालय के वकील से कहा कि किसी […] The post सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी- पता करना चाहिए कि पीएमएलए के तहत कितने पर दोष साबित हुआ appeared first on lagatar.in.

Nov 18, 2024 - 17:30
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सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी- पता करना चाहिए कि पीएमएलए के तहत कितने पर दोष साबित हुआ

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सुप्रीम कोर्ट ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत दर्ज शिकायतों में दोषियों को सजा मिलने (दोषारोपण) की दर पर फिर से चिंता व्यक्त की है. 18 नवंबर को न्यायाधीश अभयएस ओका और न्यायाधीश उज्जल भुयान के नेतृत्व में एक बेंच ने प्रवर्तन निदेशालय के वकील से कहा कि किसी दिन आपको यह पता करना चाहिए कि पीएमएलए के तहत कितने मामलों की शिकायतों का परीक्षण हुआ है और उनमें से कितनों में दोषारोपण हुआ है.

यह टिप्पणी एक व्यक्ति के पीएमएलए अपराधों से संबंधित जमानत आवेदन पर विचार करते समय की गई. बेंच ने इस व्यक्ति को यह देखते हुए जमानत दी कि वह 23 फरवरी 2023 से हिरासत में है और निकट भविष्य में सुनवाई शुरू होने की कोई संभावना नहीं है. बेंच ने इस मामले में सेंथिल बालाजी के फैसले का अनुसरण करते हुए कार्यवाही की.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा पीएमएलए के तहत दोषारोपण की कम दर के बारे में चिंता व्यक्त करना कोई नई बात नहीं है. इससे पहले अगस्त में, न्यायाधीश उज्जल भुयान ने भी इसी विषय पर टिप्पणी की थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अदालत इस मामले में गंभीरता से चिंतित है.

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