हजारीबाग: इच्छाओं का दमन करना ही तप – सुयश सागर
Hazaribagh: मुनि श्री 108 सुयश सागर जी महाराज एवं छुल्लक श्री 105 श्रेय सागर जी महाराज के सानिध्य में 10 दिनों तक चलने वाले दसलक्षण महापर्व के सातवें दिन उत्तम तप धर्म पर्व हर्षोल्लास और भक्तिभाव के साथ मनाया गया. इस अवसर पर बड़ा बाजार स्थित दिगंबर जैन भवन में सामूहिक कलश, अभिषेक, शांति धारा और […] The post हजारीबाग: इच्छाओं का दमन करना ही तप – सुयश सागर appeared first on lagatar.in.
Hazaribagh: मुनि श्री 108 सुयश सागर जी महाराज एवं छुल्लक श्री 105 श्रेय सागर जी महाराज के सानिध्य में 10 दिनों तक चलने वाले दसलक्षण महापर्व के सातवें दिन उत्तम तप धर्म पर्व हर्षोल्लास और भक्तिभाव के साथ मनाया गया. इस अवसर पर बड़ा बाजार स्थित दिगंबर जैन भवन में सामूहिक कलश, अभिषेक, शांति धारा और विधान के कार्यक्रम चला. सभी कार्यक्रम होने के बाद सुबह नौ बजे मुनिश्री का प्रवचन शुरू हुआ. मुनि श्री ने प्रवचन में कहा कि विरले ही जीव हैं, जिन्हें देशना श्रवण करने का अवसर प्राप्त होता है. इच्छाओं का दमन करना ही तप है. सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान, सम्यक चारित्र रत्न त्रय हैं. इसके बाद भी जब तक तप आराधना नहीं की, तब तक निर्वाण सिद्धि की प्राप्ति नहीं होती है.
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