हजारीबाग: पुलिस की ‘तीसरी आंख’ खराब, भगवान भरोसे शहर की सुरक्षा

Hazaribagh: वर्ष 2016 में रामनवमी के दौरान शहर दंगों की आग में झुलसा था. कई दिनों तक कर्फ्यू लगाना पड़ा था. बड़े पैमाने पर जानमाल की हानि हुई थी. इससे सबक लेते हुए तत्कालीन एसपी भीमसेन टूटी ने पहल कर शहर में सीसीटीवी लगाने की योजना बनायी. तत्कालीन उपायुक्त रविशंकर शुक्ला और बाद में मुकेश कुमार […] The post हजारीबाग: पुलिस की ‘तीसरी आंख’ खराब, भगवान भरोसे शहर की सुरक्षा appeared first on lagatar.in.

Aug 23, 2024 - 17:30
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हजारीबाग: पुलिस की ‘तीसरी आंख’ खराब, भगवान भरोसे शहर की सुरक्षा

Hazaribagh: वर्ष 2016 में रामनवमी के दौरान शहर दंगों की आग में झुलसा था. कई दिनों तक कर्फ्यू लगाना पड़ा था. बड़े पैमाने पर जानमाल की हानि हुई थी. इससे सबक लेते हुए तत्कालीन एसपी भीमसेन टूटी ने पहल कर शहर में सीसीटीवी लगाने की योजना बनायी. तत्कालीन उपायुक्त रविशंकर शुक्ला और बाद में मुकेश कुमार का इस कार्य में सहयोग मिला. बाकायदा 500 जगह सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए चिन्हित किये गये थे. इस पर पांच करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना तैयार की गई थी.

पहले फेज में 149 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे

तय किया गया कि उक्त योजना में सांसद और विधायक फंड के अलावा सीएसआर के पैसे का भी उपयोग किया जाएगा. पहले फेज में 149 और बाद में 100 यानी कुल 250 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए. इन कैमरों का लाभ भी मिला और चोरी की कई घटनाओं का उद्भेदन हुआ, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण योजना पूरी तरह धरातल पर नहीं उतर पाई. जो कैमरे लगाए गए थे, वे भी रखरखाव के अभाव में खराब हो गए. इसकी मुख्य वजह यह रही कि करार के तहत संबंधित कंपनी को पैसे उपलब्ध नहीं कराए गए. इसके परिणाम स्वरूप कैमरे ठीक नहीं किये गये.

कई चौक-चौराहों से सीसीटीवी कैमरे गायब हैं

वर्तमान में कई चौक-चौराहों से सीसीटीवी कैमरे गायब हैं. यही कारण है कि सदर अस्पताल में हवलदार की हत्या कर अपराधी आराम से भाग गये. अगर सीसीटीवी कैमरे ठीक होते उक्त अपराधी को पकड़ने में आसानी होती. बता दें कि शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए तत्कालीन विधायक मनीष जायसवाल ने विधायक फंड से 20 लाख रुपये दिए थे. इस कार्य में विधायक जेपी पटेल ने भी योगदान दिया था. इसमें डीवीसी भी शामिल हुआ था. बाद में बीएसएनएल ने शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर लगभग 117 कैमरे लगाए. इसके लिए पुलिस प्रशासन ने उक्त कंपनी से एक करोड़ 20 लाख रुपये में एक वर्ष का करार किया.

केस संख्या एक

बता दें कि गुरु गोविंद सिंह रोड स्थित मनोरमा मार्केट में दो साल पहले एक व्यवसायी सुजीत देव की हत्या बेरहमी से अपराधियों ने कर दी थी. लेकिन सड़क के किनारे लगे सीसीटीवी कैमरे खराब होने के कारण अपराधी आज तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.

केश संख्या दो

शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए ले जाए गए कैदी सुरक्षा पर तैनात हवलदार की पीट-पीटकर हत्या कर फरार हो गया. शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे खराब होने के कारण अपराधी करीब 10 दिन तक पुलिस की पकड़ से बाहर रहा. हालांकि बाद में पुलिस ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया.

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