हिंदुओं के खिलाफ हिंसा : विदेश मंत्रालय ने कहा, बांग्लादेश सरकार सुरक्षा की जिम्मेदारी ले…
NewDelhi : भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा को चिंता जाहिर की है. कहा है कि हिंसा की घटनाओं को केवल यह कहकर खारिज नहीं किया जा सकता कि मीडिया इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है. विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी बयानबाजी […]
NewDelhi : भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा को चिंता जाहिर की है. कहा है कि हिंसा की घटनाओं को केवल यह कहकर खारिज नहीं किया जा सकता कि मीडिया इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है. विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी बयानबाजी हो रही है जिससे भारत चिंतित है.
India concerned over surge in extremist rhetoric in Bangladesh, calls on Yunus govt to protect minorities
Read @ANI Story | https://t.co/PTp9rmRBhn#India #Bangladesh #MEA pic.twitter.com/mSGxQefCv6
— ANI Digital (@ani_digital) November 29, 2024
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत ने हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर खतरों और निशाना बनाकर किये जा रहे हमलों को बांग्लादेश सरकार के सामने मजबूती से और लगातार उठाया है. सलाह दी कि अंतरिम सरकार(बांग्लादेश) को सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभानी चाहिए.
हम चरमपंथी बयानबाजी में बढ़ोतरी को लेकर चिंतित हैं
प्रवक्ता ने कहा, हम चरमपंथी बयानबाजी में बढ़ोतरी को लेकर चिंतित हैं. हिंसा और उकसावे की बढ़ती घटनाओं को केवल यह कहकर खारिज नहीं किया जा सकता कि मीडिया इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है. हम बांग्लादेश से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आह्वान करते हैं. बता दें कि इस्कॉन से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास की राजद्रोह मामले में गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में तनाव और बढ़ गया. हिंदू संगठनों द्वारा ढाका समेत देश के बड़े शहरों में विरोध-प्रदर्शन किये गये हैं.
हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों के पीछे जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश के लोगों का हाथ
चिन्मय दास की गिरफ्तारी को लेकर विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि चिन्मय दास सहित अन्य के खिलाफ चल रही जांच पारदर्शी और न्यायपूर्ण तरीके से होगी. बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों के पीछे जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश के लोगों का हाथ बताया जाता हैं. अगस्त में जब शेख हसीना की सत्ता चली गयी थी तो इस दौरान जारी हिंसा में बांग्लादेश के जेलों से लगभग 700 कैदी भी फरार हो गये. इनमें से बहुत से कैदी जमात-उल-मुजाहिदीन के समर्थक थे. इधर खबर आयी है कि चटगांव के राधा गोविंद और शांतनेश्वरी मातृ मंदिर पर चरमपंथियों ने हमला किया है.
What's Your Reaction?