उत्तर प्रदेश : जामा मस्जिद सर्वेक्षण मामला, संभल प्रशासन अलर्ट, जुमे की नमाज शांतिपूर्ण संपन्न
Lucknow : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर उत्पन्न विवाद के बीच आज. शुक्रवार को जुमे की नमाज से पूर्व संभल में मुस्लिम धर्मगुरु और उलेमाओं ने मुस्लिमों से शांति बनाये रखने की अपील की. अपील की है कि शांति के साथ जुमे की नमाज पास की मस्जिदों […]
Lucknow : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर उत्पन्न विवाद के बीच आज. शुक्रवार को जुमे की नमाज से पूर्व संभल में मुस्लिम धर्मगुरु और उलेमाओं ने मुस्लिमों से शांति बनाये रखने की अपील की. अपील की है कि शांति के साथ जुमे की नमाज पास की मस्जिदों में अदा करके वापस घर लौट जायें. अफवाहों पर ध्यान न दें. अपील का इसका असर यह रहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग शांतिपूर्ण ढंग से जुमे की नमाज अदा कर अपने घर लौट गये. बता दें कि संभल जामा मस्जिद विवाद मामला कोर्ट में है. अदालत के आदेश पर मस्जिद का सर्वेक्षण करवाये जाने पर मामला गरमा गया है.
#WATCH | Sambhal, Uttar Pradesh: On the survey of the Shahi Jama Masjid, Samajwadi Party MP Zia Ur Rehman says, “Namaz should be always offered peacefully, but police administration has their own thoughts, why these arrangements have been done (police force has been deployed at… pic.twitter.com/ZtVE4Lklu6
— ANI (@ANI) November 22, 2024
#WATCH | Sambhal, Uttar Pradesh: On the survey of the Shahi Jama Masjid, Samajwadi Party MP Zia Ur Rehman says, “Jama Masjid have been ours for the last hundreds of years… I came here to offer Namaz and I saw that the police force has been deployed… What happened three days… https://t.co/Bwbpa9q1CB pic.twitter.com/HZTb3TXpOC
— ANI (@ANI) November 22, 2024
हिंदू पक्ष का दावा , मस्जिद के स्थान पर पहले एक हिंदू(हरिहर) मंदिर था
संभल जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद के स्थान पर पहले एक हिंदू(हरिहर) मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया है. इस स्थान पर पहले एक प्राचीन हरिहर मंदिर था. पुराने नक्शे और अन्य साक्ष्य के आधार पर हिंदू पक्ष यह यह दावा कर रहा है. हालांकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह मस्जिद मुगलों के जमाने में बनाई गयी है, मंदिर-मस्जिद विवाद के कारण न्यायालय ने हस्तक्षेप कर मस्जिद का सर्वेक्षण करवाया. सर्वेक्षण के बाद न्यायालय ने अपना फैसले सुरक्षित रखा है.
मदरसों के मौलाना ने जुमे की नमाज शांति से अदा करने की अपील की
दोनों समुदायों के बीच तनाव कम करने के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. 19 नवंबर को संभल की शाही जामा मस्जिद पर हुए मामले और सर्वे को देखते हुए आज शुक्रवार को अदा की जाने वाली जुमे की नमाज को लेकर हिंदू पक्ष पुलिस प्रशासन हाई अलर्ट मोड पर है. बदलते घटनाक्रम के बीच जुमे की नमाज से पहले संभल के मुस्लिम धर्मगुरु शहर इमाम हज़रत मौलाना आफताब हुसैन वारसी ने सभी मुसलमानों से अपने पास की मस्जिदों में नमाज़ अदा करने की अपील की.
साथ ही रास्तों में भीड़ न लगाने व अफवाहों पर ध्यान न देने, कानून का पालन करने व अमन व शांति बनाए रखने की अपील की है. वहीं, शाही जामा मस्जिद के सदर ने भी लोगों से अपने पास की मस्जिदों में नमाज़ अदा करने की अपील की. जुमे की नमाज से पहले संभल के मदरसों के मौलाना ने भी जुमे की नमाज शांति से अदा करने की अपील की.
अदालत के आदेश पर मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया
संभल जिले की एक अदालत के आदेश पर मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया. याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये एडवोकेट कमीशन गठित करने के निर्देश दिये. अदालत ने कहा है कि कमीशन के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वे कराकर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाये. उन्होंने कहा था, संभल में हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है.
दशावतार में से कल्कि का अवतार यहां से होना है.
हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर दशावतार में से कल्कि का अवतार यहां से होना है. बाबर ने 1529 में मंदिर को तोड़ कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की थी. यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित क्षेत्र है. उसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता. वहां पर बहुत सारे निशान और संकेत हैं, जो हिन्दू मंदिर के हैं. इस मामले में एएसआई, उत्तर प्रदेश सरकार, जामा मस्जिद कमेटी और संभल के जिलाधिकारी को पक्षकार बनाया गया है.
मायावती ने संभल मामले में सरकार और सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने की अपील
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने संभल की जामा मस्जिद मामले में शुक्रवार को सरकार और सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने की अपील की. बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘उत्तर प्रदेश के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद को लेकर अचानक विवाद, सुनवाई और फिर उसके फौरन ही बाद आपाधापी में सर्वेक्षण की खबरें राष्ट्रीय चर्चा तथा मीडिया की सुर्खियों में हैं. किन्तु इस प्रकार से सद्भाव और माहौल को बिगाड़ने का संज्ञान सरकार तथा माननीय उच्चतम न्यायालय को भी जरूर लेना चाहिए.
मस्जिद के भीतर और बाहर लगे खंभे पुराने हिंदू मंदिर के थे
संभल जामा मस्जिद पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की 1879 की एक विशेष रिपोर्ट सुर्खियों में है. एसीएल कारले ने 1875 में संभल की जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया था. सर्वेक्षण रिपोर्ट (Tours in the Central Doab and Gorakhpur 1874-1875 और 1875-1876।) मे ASI ने चौंकाने वाले खुलासे किये थे.ASI की 1879 की रिपोर्ट के पृष्ठ 25 और 26 में कहा गया है कि मस्जिद के भीतर और बाहर लगे खंभे पुराने हिंदू मंदिर के थे, जिन पर प्लास्टर चढ़ाया गया था.
ASI के अनुसार मस्जिद के एक स्तंभ का प्लास्टर उखड़ गया था. ईंटों के पीछे सर्वेक्षण करने पर पाया गया कि उसके पीछे एक लाल रंग का स्तंभ है, जो न सिर्फ इस मस्जिद के कालखंड से प्राचीन था बल्कि यह स्तंभ हिंदू मंदिरों में भी पायेजाने वाले स्तंभों की तरह था. एएसआई की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि मस्जिद के गुंबद का जीर्णोद्धार हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने कराया था.
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