क्या भारत की कुछ फार्मा कंपनियां दवा में ड्रग्स मिलाकर अफ्रीकी देशों में कर रही थी सप्लाई
Lagatar Desk : ताजा खबर यह है कि भारत की कुछ फार्मा कंपनियां अफ्रीकी देशों में ड्रग्स या नशा मिली दवाई सप्लाई कर रही थी. यूनाईटेड नेशन की एजेंसी इसकी जांच कर रही है. इसमें मुंबई की एक बड़ी फार्मा कंपनी भी शामिल है. खबरों के मुताबिक, जो दवाईयां दर्द निवारक या बेहोशी के लिए […]

Lagatar Desk : ताजा खबर यह है कि भारत की कुछ फार्मा कंपनियां अफ्रीकी देशों में ड्रग्स या नशा मिली दवाई सप्लाई कर रही थी. यूनाईटेड नेशन की एजेंसी इसकी जांच कर रही है. इसमें मुंबई की एक बड़ी फार्मा कंपनी भी शामिल है.
खबरों के मुताबिक, जो दवाईयां दर्द निवारक या बेहोशी के लिए अफ्रीकी देशों को सप्लाई की गयी, वो वहां के लोगों को लिए नशे की लत में बदल जा रही है. इसके मद्देनजर भारत सरकार ने कुछ दवा कंपनियों पर कार्रवाई भी की है.
पिछले दिनों बीबीसी हिंदी ने एक अंडर कवर ऑपरेशन में इस मामले का खुलासा किया था. जिसमें बताया गया था कि अफ्रीकी देशों घाना, नाईजीरिया जैसे देशों में जो दवाईयां सप्लाई की जा रही है, वह लोगों को नशे का आदि बना रहा है.
दवाईयों की सप्लाई सिपमेंट के जरिये की जा रही है. जांच एजेंसियों ने 500 से अधिक सिपमेंट को ट्रैक किया है. साथ ही इस अवैध कारोबार में शामिल अफ्रीकी कारोबारियों को चिन्हित कर कार्रवाई शुरू कर चुकी है.
लोगों को बचाने के लिए अफ्रीकी देशों के लोगों ने पुलिस के साथ मिलकर सिविल लोगों के टास्क फोर्स तैयार किया है, जो कारोबारियों के ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रहे हैं. ताकि लोगों को नशे की लत से बचाया जा सके.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुंबई की जिस फार्मा कंपनी का नाम सामने आ रहा है, उसने ट्रैफेडॉल नामक टेबलेट की सप्लाई की है. इस टेबलेट को लाखों की संख्या में अफ्रीकी देशों में भेजा गया है.
नशा मिली दवाईयों का प्रभाव अफ्रीकी देशों में किस कदर फैल चुका है, उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सिर्फ नाईजीरिया में 40 साल से अधिक लोग इसके आदि हो चुके हैं.
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