नॉर्थ ईस्ट : यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट पाम्बेई के 34 कैडरों ने असम राइफल्स के समक्ष सरेंडर किया

 Guwahati : नॉर्थ ईस्ट के सबसे पुराने विद्रोही दलों में से एक यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट पाम्बेई (UNLF-P) के 34 कैडरों द्वारा कल शुक्रवार को असम राइफल्स के समक्ष सरेंडर किये जाने की सूचना है. अधिकारियों के अनुसार सभी 34 विद्रोही म्यांमार से मणिपुर में घुसने की कोशिश कर रहे थे. इसी क्रम में असम राइफल्स […]

May 18, 2024 - 17:30
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नॉर्थ ईस्ट : यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट पाम्बेई के 34 कैडरों ने असम राइफल्स के समक्ष सरेंडर किया
नॉर्थ ईस्ट : यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट पाम्बेई के 34 कैडरों ने असम राइफल्स के समक्ष सरेंडर किया

 Guwahati : नॉर्थ ईस्ट के सबसे पुराने विद्रोही दलों में से एक यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट पाम्बेई (UNLF-P) के 34 कैडरों द्वारा कल शुक्रवार को असम राइफल्स के समक्ष सरेंडर किये जाने की सूचना है. अधिकारियों के अनुसार सभी 34 विद्रोही म्यांमार से मणिपुर में घुसने की कोशिश कर रहे थे. इसी क्रम में असम राइफल्स के जवानों ने इन्हें रोका तो विद्रोहियों ने जवानों के समक्ष हथियार डाल दिये.            नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें

विद्रोहियों को टेंग्नौपाल पुलिस के हवाले कर दिया गया

खबरों के अनुसार स्वचालित हथियारों से लैस इन विद्रोहियों और उनके म्यांमार के प्रतिद्वंद्वियों के बीच गोलीबारी हो रही थी. गोलीबारी से बचने के लिए इन विद्रोहियों ने मणिपुर में घुसने की कोशिश की, लेकिन उनके सामने असम राइफल्स के जवान आ गये. विद्रोहियों ने आत्मसमर्पण कर दिया. आत्मसमर्पण के बाद असम राइफल्स ने शुक्रवार रात 9 बजे इन विद्रोहियों को टेंग्नौपाल पुलिस के हवाले कर दिया. सभी को इंफाल भेज दिया गया है. सरेंडर करनेवाले विद्रोहियों को इंफाल में कहा रखा गया है, इसकी जानकारी सामने नहीं आयी है.

UNLF-P ने केंद्र और मणिपुर सरकार के साथ युद्धविराम समझौता किया था

मामले का तह में जायें तो UNLF-P ने 29 नवंबर 2023 को केंद्र और मणिपुर सरकार के साथ युद्धविराम समझौता किया था. UNLF सहित नॉर्थ ईस्ट के अधिकतर विद्रोही समूहों ने म्यांमार में अपने अड्डे बना रखे हैं. सूत्रों के अनुसार वे भारत से कैडरों की भर्ती करते हैं और म्यांमार में बने कैंपों में ट्रेनिंग देते हैं. विद्रोही समूहों के मास्टरमाइंड म्यांमार में रहकर ही ऑपरेट करते हैं.
पिछले कुछ दिनों घटनाक्रम बदला है. विद्रोही भारत में घुसने को विवश हो गये हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार म्यांमार में सेना का शासन होना इसकी वजह है. म्यांमार में चुनी हुई सरकार को बर्खास्त किये जाने के बाद से विद्रोही मणिपुर में घुसपैठ की कवायद में लगे हुए हैं.

बॉर्डर के दोनों तरफ 25 किलोमीटर तक जाने की छूट मिली  है

यंग मिजो एसोसिएशन के सचिव लालनुन्तलुआंगा के अनुसार भारत और म्यांमार की सीमा से इधर-उधर आना-जाना काफी आसान है. बॉर्डर के दोनों तरफ 25 किलोमीटर तक जाने की छूट मिली हुई है. । ऐसे में म्यांमार से लोग आसानी से भारत आ जाते हैं.फरवरी 2021 में म्यांमार में सेना ने लोकतांत्रिक सरकार को हटाकर सत्ता पर कब्जा जमा लिया. स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन मिंट समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था.

सेना के लीडर जनरल मिन आंग हलिंग ने खुद को देश का प्रधानमंत्री घोषित कर देश में 2 साल के आपातकाल की घोषणा की थी. इसके बाद से म्यांमार में गृह युद्ध जारी है. जिसके हजारों की संख्या में म्यांमार के लोग भारतीय सीमा में प्रवेश कर रहे हैं. इस समस्या को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को असम में घोषणा की है कि भारत-म्यांमार बॉर्डर पर खुली सीमा की फेंसिंग की जायेगी. घुसपैठ रोकने के लिए दोनों देशों के बीच फ्री मूवमेंट को सरकार बंद करेगी.

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