बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों-सत्तारूढ़ पार्टी समर्थकों के बीच हिंसक झड़प, 70 की मौत, अनिश्चितकालीन कर्फ्यू…
प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि विरोध के नाम पर बांग्लादेश में तोड़फोड़ करने वाले लोग छात्र, नहीं बल्कि आतंकवादी हैं Dhaka : बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर छात्र आंदोलन संगठन द्वारा घोषित असहयोग आंदोलन के पहले दिन रविवार को प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग समर्थकों के बीच हिंसक झड़पों […] The post बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों-सत्तारूढ़ पार्टी समर्थकों के बीच हिंसक झड़प, 70 की मौत, अनिश्चितकालीन कर्फ्यू… appeared first on lagatar.in.
प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि विरोध के नाम पर बांग्लादेश में तोड़फोड़ करने वाले लोग छात्र, नहीं बल्कि आतंकवादी हैं
Dhaka : बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर छात्र आंदोलन संगठन द्वारा घोषित असहयोग आंदोलन के पहले दिन रविवार को प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग समर्थकों के बीच हिंसक झड़पों में 70 लोग मारे गये तथा सैकड़ों अन्य घायल हो गये. सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी एक असहयोग कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे. अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया तथा फिर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई. प्रोथोम अलो अखबार ने अपनी खबर में कहा, बांग्लादेश के 13 जिलों में हुई झड़पों में अब तक 32 लोग मारे जा चुके हैं. गृह मंत्रालय ने रविवार शाम छह बजे से देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया.
फेसबुक, मैसेंजर, व्हॉट्सऐप और इंस्टाग्राम को बंद करने का आदेश
सरकारी एजेंसियों ने सोशल मीडिया मंच फेसबुक, मैसेंजर’, व्हॉट्सऐप और इंस्टाग्राम’ को बंद करने का आदेश दिया है. अखबार ने बताया कि मोबाइल प्रदाताओं को 4जी इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया गया है. स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन प्लेटफॉर्म ने सरकार के इस्तीफे की एक सूत्री मांग के साथ आज से पूर्ण असहयोग आंदोलन का आह्वान किया. इस बीच, प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि विरोध के नाम पर बांग्लादेश में तोड़फोड़ करने वाले लोग छात्र, नहीं बल्कि आतंकवादी हैं और उन्होंने जनता से ऐसे लोगों से सख्ती से निपटने को कहा. उन्होंने कहा, मैं देशवासियों से अपील करती हूं कि इन आतंकियों से सख्ती से निपटा जाये.
हसीना ने गणभवन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक बुलाई
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सूत्रों के हवाले से अखबार ने खबर में बताया कि हसीना ने गणभवन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक बुलाई. बैठक में सेना, नौसेना, वायुसेना, पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी), बांग्लादेश सीमा गार्ड (बीजीबी) के प्रमुखों और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने हिस्सा लिया. यह बैठक ऐसे समय में हुई जब देश के कई हिस्सों में हिंसा फिर से फैलती जा रही है. विरोध प्रदर्शन के चलते ढाका की ज्यादा दुकानें और मॉल बंद रहे. सैकड़ों छात्र और कामकाजी लोग ढाका के शाहबाग में एकत्र हो गये हैं, जिससे यातायात जाम हो गया. समाचार पोर्टल बीडीन्यूज24 की एक खबर के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की और आरक्षण में सुधार को लेकर हाल में हुए विरोध प्रदर्शनों में मारे गये लोगों के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाये.
शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी में अज्ञात लोगों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया
प्रदर्शनकारी असहयोग आंदोलन के पहले दिन राजधानी के साइंस लैब चौराहे पर भी एकत्र हुए और उन्होंने सरकार विरोधी नारे लगाए. समाचारपत्र डेली स्टार के अनुसार, रविवार को बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी (बीएसएमएमयू) में अज्ञात लोगों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. खबर के अनुसार, लाठी-डंडे लिए लोगों को अस्पताल परिसर में निजी कार, एम्बुलेंस, मोटरसाइकिलों और बसों में तोड़फोड़ करते देखा गया, जिससे मरीजों, तीमारदारों, चिकित्सकों और अन्य कर्मियों में भय पैदा हो गया. प्रदर्शनकारियों ने हसीना के वार्ता के निमंत्रण को खारिज कर दिया और सरकार के इस्तीफे की मांग की. प्रदर्शन के समन्वयकों ने स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों और मदरसों के छात्रों के साथ-साथ श्रमिकों, पेशेवरों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और अन्य आम लोगों से विरोध प्रदर्शन में भाग लेने का आह्वान किया.
नाहिद इस्लाम ने घोषणा की, सोमवार को प्रदर्शन और सामूहिक धरना देंगे.
सरकार विरोधी प्रदर्शनों के समन्वयक नाहिद इस्लाम ने घोषणा की कि वे अपनी एक सूत्री मांग को लेकर सोमवार को प्रदर्शन और सामूहिक धरना देंगे. उन्होंने एक बयान में कहा कि सोमवार को वे आरक्षण सुधार आंदोलन के दौरान हाल ही में देशभर में मारे गये लोगों की याद में शहीद स्मारक पट्टिकाओं का अनावरण करेंगे. बांग्लादेश में हाल में पुलिस और मुख्य रूप से छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें देखने को मिली थीं जिसमें 200 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी. प्रदर्शनकारी विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे थे जिसके तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लड़ाकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था.
पूर्व शीर्ष अधिकारियों ने सरकार से सड़कों पर मौजूद सशस्त्र बलों को वापस बुलाने को कहा
बांग्लादेशी सेना के पूर्व शीर्ष अधिकारियों के एक समूह ने रविवार को सरकार से सड़कों पर मौजूद सशस्त्र बलों को वापस बुलाने और उन्हें वापस बैरक में भेजने को कहा. पूर्व सेना प्रमुख इकबाल करीम भुइयां ने कहा,हम सरकार से मौजूदा संकट को हल करने के लिए राजनीतिक पहल करने का आग्रह करते हैं. हमारे सशस्त्र बलों को अपमानजनक अभियान में उलझाकर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान न पहुंचायें. उन्होंने यहां एक बयान पढ़ते हुए कहा, बांग्लादेशी सशस्त्र बलों ने कभी भी जनता का सामना नहीं किया या अपने नागरिकों की छाती पर बंदूकें नहीं तानी हैं.
प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार में सेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल चुके भुइयां ने ढाका छावनी से सटे सेवानिवृत्त अधिकारियों के आरएओडब्ल्यूए क्लब में दर्जनों पूर्व वरिष्ठ और मध्यम श्रेणी के सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में यह बयान पढ़ा.
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