लोकसभा : राजनाथ सिंह ने कहा, संविधान का अपमान करने वाले संविधान की रक्षा की बात करते हैं… कांग्रेस पर बरसे

NewDelhi : लोकसभा में आज 13 दिसंबर शुक्रवार को संविधान पर चर्चा शुरू हो गय. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि आज देश में राजा-रानी का शासन नहीं है और न ही ब्रिटिश शासन है, बल्कि लोकतंत्र है. कहा कि हमारा संविधान सभी पहलुओं को छूते हुए राष्ट्रनिर्माण का […]

Dec 13, 2024 - 17:30
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लोकसभा : राजनाथ सिंह ने कहा, संविधान का अपमान करने वाले संविधान की रक्षा की बात करते हैं… कांग्रेस पर बरसे

NewDelhi : लोकसभा में आज 13 दिसंबर शुक्रवार को संविधान पर चर्चा शुरू हो गय. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि आज देश में राजा-रानी का शासन नहीं है और न ही ब्रिटिश शासन है, बल्कि लोकतंत्र है. कहा कि हमारा संविधान सभी पहलुओं को छूते हुए राष्ट्रनिर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है. संविधान ने प्रजा को नागरिक बनाया. लोगों को सरकार चुनने का हक दिया. चर्चा को आगे बढ़ाते हुए राजनाथ सिंह का विपक्ष पर हल्ला बोला.

किसने संविधान का अपमान किया,और किसने सम्मान किया है

राजनाथ सिंह ने कहा कि आज संविधान की रक्षा की बात की जा रही है. लेकिन यह समझना जरूरी है कि किसने संविधान का अपमान किया है और किसने सम्मान किया है. उनका इशारा साफ तौर पर कांग्रेस की ओर था. रक्षा मंत्री ने राहुल गांधी का नाम लिये बिना कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता संविधान की प्रति जेब में रखकर घूमते हैं. उन्होंने बचपन से यही सीखा है. संविधान को जेब में रखकर घूमना ही सीखा है. लेकिन भाजपा ने संविधान को माथे से लगाया है. हमने कभी भी किसी भी संस्था के साथ खिलवाड़ नहीं किया. संविधान के मूल्य हमारे लिए कहने या दिखाने भर की बात नहीं है. कहा कि संविधान के मूल्य संविधान द्वारा दिखाया गया मार्ग, सिद्धांत हमारे मन, वचन और कर्म में दिखाए देंगे.

जस्टिस खन्ना को CJI नहीं बनाया गया था 

राजनाथ सिंह ने 1976 की एक घटना का जिक्र किया. कहा कि जस्टिस एचआर खन्ना ने एक मामले में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ डिसेंटिंग जजमेंट दिया था. जस्टिस खन्ना यह स्वीकार करने को तैयार नहीं थे कि किसी सरकार ने नागरिक से न्याय मांगने का हक छीन लिया. जस्टिस खन्ना को इसकी क्या कीमत चुकानी पड़ी, यह काले इतिहास में दर्ज है. बता दें कि जस्टिस खन्ना को CJI नहीं बनाया गया.

तीन जजों को दरकिनार कर चौथे सीनियर जज को भारत का CJI बना दिया

राजनाथ सिंह साल 1973 की भी चर्चा की. कहा कि उस समय सभी संवैधानिक मूल्यों को ताक पर रखकर तीन जजों को दरकिनार कर चौथे सीनियर जज को भारत का CJI बना दिया. तीनों जजों का अपराध यही था कि वो सरकार के सामने नहीं झुके. राजनाथ सिंह ने आरोप लगाया कि यह किसी व्यक्ति पर हमला नहीं था, बल्कि संविधान पर हमला था. श्री सिंह ने हैरानी जताते हुए कहा कि आज वही पार्टी संविधान के संरक्षण की बात करती है. मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ने अनेक मौकों पर संविधान का अपमान किया है. उन्होंने हमेशा एक कमिटेड ज्यूडिशियरी, कमिटेड ब्यूरोक्रेसी और कमिटेड कहा कि एक पार्टी ने संविधान निर्माण की प्रक्रिया को हाईजैक करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि हमारा संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है.

हमारे देश में राजधर्म की बात कही गयी है, हमारे यहां राजा भी राजधर्म से बंधा हुआ है

भारत के लोगों के द्वारा, भारत के लोगों के अनुरूप बनाया गया दस्तावेज है. पश्चिमी सभ्यता में नाइट वॉचमैन स्टेट का कॉन्सेप्ट है. इसका अर्थ है कि सरकार का दायित्व लोगों को सुरक्षा प्रदान करने तक ही सीमित रहे. हमारे देश में राजधर्म की बात कही गयी है. हमारे यहां राजा भी राजधर्म से बंधा हुआ है. उसकी शक्तियां लोगों के कल्याण के लिए है. कमजोर वर्गों की रक्षा के लिए है. हमारा संविधान नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. हमारे संविधान ने भारतीयता से परिचित कराया है. हमारे संविधान की मूल प्रति के भाग 3 में भगवान श्रीराम, मां सीताजी और लक्ष्मणजी की तस्वीर भी अंकित है. मूल प्रति के मुखपृष्ण पर अजंता गुफाओं की पेंटिंग की छाप दिखती है. साथ ही कमल का फूल भी है. यह दिखाता है कि सदियों की गुलामी से निकल कर आजाद राष्ट्र का उदय हो चुका है.

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