49 ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत, GST काउंसिल की कार्रवाई पर रोक
NewDelhi : 49 ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गयी है. SC द्वारा इन कंपनियों के खिलाफ GST(वस्तु और सेवा कर) काउंसिल की कार्रवाई पर रोक लगा दिये जाने की खबर है. जानरारी के अनुसार इन कंपनियों को उनके पोर्टल के जरिए लगाये गये दांव के पूरे अंकित मूल्य (Face Value ) […]
NewDelhi : 49 ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गयी है. SC द्वारा इन कंपनियों के खिलाफ GST(वस्तु और सेवा कर) काउंसिल की कार्रवाई पर रोक लगा दिये जाने की खबर है. जानरारी के अनुसार इन कंपनियों को उनके पोर्टल के जरिए लगाये गये दांव के पूरे अंकित मूल्य (Face Value ) पर एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मांग वाले नोटिस जारी किये गये थे. जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की पीठ ने आज शुक्रवार को GST काउंसिल की इस कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है. इस मामले की सुनवाई अब 18 मार्च को होगी.
ग्रॉस गेमिंग रेवेन्यू पर टैक्स का कैल्कुलेशन करने की वकालत
खबरों के अनुसार 1 अक्टूबर 2023 को GST काउंसिल ने ऑनलाइन गेमिंग दांव के पूरे अंकित मूल्य (Face Value) पर 28फीसदी टैक्स लगाया था. साथ ही 6 माह बाद लेवी की समीक्षा करने का वादा किया था. हालांकि, गेमिंग इंडस्ट्री दांव के अंकित मूल्य के बजाय ग्रॉस गेमिंग रेवेन्यू (GGR) पर टैक्स का कैल्कुलेशन करने की वकालत कर रही है.
यूजर्स को प्रत्येक डिपॉजिट पर 28 फीसदी GST देना जरूरी है
GGR दांव पर लगाई गयी राशि में से जीत की राशि को घटा कर दर्शाता है. इसके विपरीत, पूर्ण अंकित मूल्य कुल दांव रकम या प्रतियोगिता प्रवेश शुल्क को संदर्भित करता है. गेमिंग कंपनियों का कहना है कि पूर्ण अंकित मूल्य पर टैक्स लगाना अनुचित होगा, क्योंकि यूजर्स को प्रत्येक डिपॉजिट पर 28फीसदी GST देना जरूरी है. ऐसा होने पर ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म ज्यादा महंगे हो सकते हैं. आम जनता के लिए इसका एक्सेस कम हो सकता है. BBC की एक रिपोर्ट के अनुसार देश के 40 करोड़ लोग ऑनलाइन गेम खेलते हैं. 2025 तक इस इंडस्ट्री के 5 अरब डॉलर होने के आसार हैं. भारत के बाद चीन और अमेरिका का गेमिंग ग्रोथ सबसे ज्यादा है.
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