90 घंटे काम पर बहस, उद्योगपतियों ने कहा-प्रेरित लोग खुशी से काम करेंगे, घंटे लागू करने की जरूरत नहीं

80-90 घंटे काम करने पर कई उद्योगपति ने रखी राय  LagatarDesk :  इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति और लार्सन एंड टूब्रो (L&T) के चेयरमैन एनएन सुब्रमण्यम के प्रति सप्ताह 80-90 घंटे काम करने वाले बयानों पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गयी है. कई उद्योगपति इस बहस में कूद पड़े हैं. कुछ इसका समर्थन कर […]

Jan 11, 2025 - 17:30
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90 घंटे काम पर बहस, उद्योगपतियों ने कहा-प्रेरित लोग खुशी से काम करेंगे, घंटे लागू करने की जरूरत नहीं

80-90 घंटे काम करने पर कई उद्योगपति ने रखी राय 

LagatarDesk :  इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति और लार्सन एंड टूब्रो (L&T) के चेयरमैन एनएन सुब्रमण्यम के प्रति सप्ताह 80-90 घंटे काम करने वाले बयानों पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गयी है. कई उद्योगपति इस बहस में कूद पड़े हैं. कुछ इसका समर्थन कर रहे हैं. वहीं कुछ ने इस पर चिंता व्यक्त की है. कैपिटलमाइंड के संस्थापक और सीईओ दीपक शेनॉय ने भी अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर प्रोडक्‍टविटी और वर्क लाइफ बैलेंस पर अपनी राय रखी है.

दीपक शेनॉय ने कहा कि मैंने अपने पूरे कार्यकाल में शायद सप्ताह में 100 घंटे काम किया है, लेकिन उसमें से ज़्यादातर एक कारोबारी के तौर पर था. आपको काम के घंटे लागू करने की जरूरत नहीं है. जो लोग प्रेरित होते हैं, वे खुशी से काम करेंगे. वैसे भी ज्यादातर रियल वर्क दिन में 4-5 घंटे में होता है, लेकिन आपको नहीं पता कि ऐसा कब होता है.

जो लोग घड़ियां नहीं देखते हैं, उन्हें बड़े आर्थिक लाभ मिलेंगे

कैपिटलमाइंड के संस्थापक ने लिखा कि मुझे अभी भी मीटिंग को काम कहना मुश्किल लगता है, लेकिन इसमें उस काम से ज़्यादा ऊर्जा लगती है, जिसे मैं काम कहता हूं. कुछ हद तक यह काम एक्स (X) घंटे का तर्क मुझे समझ में नहीं आता. जब मैं खेलता हूं, तो मैं जमकर खेलता हूं. जब मैं काम करता हूं, तो मैं जमकर काम करता हूं. मेरा सुझाव है कि आप अपनी लय पा लें और मुझे आशा है कि आप इसमें सफल होंगे; जो लोग घड़ियां नहीं देखते हैं, उन्हें कभी अभी, कभी बाद में, बड़े आर्थिक लाभ मिलेंगे.

रविवार का नाम बदलकर ‘सन-ड्यूटी’ क्यों न कर दिया जाए : हर्ष गोयनका 

आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने एक्स प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में कहा कि सप्ताह में 90 घंटे? रविवार का नाम बदलकर ‘सन-ड्यूटी’ क्यों न कर दिया जाए और ‘छुट्टी का दिन’ एक मिथकीय अवधारणा क्यों न बना दिया जाए! मैं कड़ी मेहनत और समझदारी से काम करने में विश्वास करता हूं, लेकिन जीवन को एक निरंतर कार्यालय शिफ्ट में बदल देना? यह सफलता नहीं, बल्कि बर्नआउट का नुस्खा है. कार्य-जीवन संतुलन वैकल्पिक नहीं है, यह आवश्यक है. खैर, यह मेरा दृष्टिकोण है!

इंफोसिस-एलएंडटी कर्मचारियों के बीच अंतर-कॉर्पोरेट विवाह होना चाहिए 

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा कि भारत में नया चलन इंफोसिस और एलएंडटी कर्मचारियों के बीच अंतर-कॉर्पोरेट विवाह होना चाहिए. इससे लंबे समय तक सफल संबंध बनेंगे, जहां दंपत्ति अपना पूरा समय अपने-अपने कार्यालयों में काम करते हुए बिताएंगे और अंततः सेवानिवृत्ति के समय मिलेंगे. एक और पोस्ट में लिखा कि ताजा खबर सुना है कि ओर्री ने एलएंडटी में नौकरी के लिए आवेदन किया है! लगता है कि वह अपना भविष्य ‘बनाने’ के लिए तैयार है!

सप्ताह में 90 घंटे काम करने की दी सलाह

बता दें कि एल एंड टी चैयरमैन एनएन सुब्रमण्यम ने कहा था कि सप्ताह में 90 घंटे काम करना चाहिए. यानि बिना साप्ताहिक अवकाश के हर दिन 13 घंटा और साप्ताहिक अवकाश की स्थिति में हर दिन 15 घंटे काम करना चाहिए. इससे पहले इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति भी कई बार ऐसा बयान दे चुके हैं.

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