Chandil : आदिवासी अधिकार की लड़ाई लड़ने में सक्षम – हेम्ब्रम
आदिवासी सामाजिक संगठनों ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस Chandil (Dilip Kumar) : आदिवासी अब अपने हक और अधिकार लेने के लिए जागरूक हो गए हैं. वे अपनी लडाई स्वयं लड़ने में सक्षम हैं. केंद्र और राज्य सरकार ने हमेशा आदिवासियों को छलने का काम किया है. उक्त बातें झारखंड आंदोलनकारी नेता सुखराम हेम्ब्रम ने कहीं. वे […] The post Chandil : आदिवासी अधिकार की लड़ाई लड़ने में सक्षम – हेम्ब्रम appeared first on lagatar.in.
- आदिवासी सामाजिक संगठनों ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस
Chandil (Dilip Kumar) : आदिवासी अब अपने हक और अधिकार लेने के लिए जागरूक हो गए हैं. वे अपनी लडाई स्वयं लड़ने में सक्षम हैं. केंद्र और राज्य सरकार ने हमेशा आदिवासियों को छलने का काम किया है. उक्त बातें झारखंड आंदोलनकारी नेता सुखराम हेम्ब्रम ने कहीं. वे शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य पर विभिन्न आदिवासी सामाजिक संगठनों की ओर से आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सरना कोड आदिवासियों की पुरानी मांग है. इस मामले में केंद्र सरकार ने भी देश को आदिवासियों को छलने का काम किया है. आदिवासी एक बार फिर सरना कोड की मांग के लिए आंदोलन करेंगे. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पातकोम दिशोम पारगाना रामेश्वर बेसरा, जिला परिषद सदस्य ज्योतिलाल बेसरा, जिला परिषद सदस्य सविता मार्डी, ईचागढ़ प्रमुख गुरुपद मार्डी, श्यामल मार्डी, डोमन बास्के, प्रकाश मार्डी समेत कई प्रबुद्ध नागरिक व बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे.
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दिखी परंपरा की झलक
विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित कार्यक्रम में गांगूडीह फुटबॉल मैदान में आदिवासी की समृद्ध परंपरा की झलक देखने को मिली. कार्यक्रम में पारंपरिक परिधान में शामिल हुए विभिन्न आदिवासी समाज के लोगों ने संथाली, कुड़ुख, मुंडारी व खड़िया नृत्य प्रस्तुत किया. मौके पर लोग पारंपरिक वाद्य यंत्र और हथियार के साथ भी शामिल होकर अपनी संस्कृति का प्रदर्शन किया. इसके पूर्व विभिन्न आदिवासी संगठनों के द्वारा बाइक रैली निकाली गई. चौका थाना के सामने स्थित फूलो-झानो की मूर्ति पर माल्यार्पण कर बाइक रैली का शुभारंभ किया गया. रैली ईचागढ़ प्रखंड के गौरांगकोचा पहुंचकर सिदो-कान्हू की मूर्ति पर माल्यार्पण कर लौटने के दौरान चांदुडीह में कार्तिक उरांव की मूर्ति पर माल्यार्पण किया. इसके बाद चांडिल गोलचक्कर पहुंचा. चांडिल गोलचक्कर पहुंचकर सिदो-कान्हू की मूर्ति पर माल्यार्पण करने के बाद चांडिल बाजार तक प्रदर्शन व नृत्य करते हुए गांगूडीह फुटबॉल मैदान पहुंचा. रैली में डीजे की धुन पर लोग थिरकते हुए चल रहे थे. रैली के लिए चांडिल में एनएच 32 पर नो इंट्री लगाया गया था. इस दौरान सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई थी.
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