Kolkata : ट्रेनी महिला डॉक्टर रेप-हत्या मामला, संजय रॉय को आजीवन कारावास, मरते दम तक रहेगा जेल में
Kolkata : कोलकाता की विशेष अदालत ने आज सोमवार को सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप-हत्या के मामले में दोषी करार दिये गये संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. रोपी संजय रॉय को मरते दम तक उम्रकैद की सजा दी गयी है. इसके साथ […]
Kolkata : कोलकाता की विशेष अदालत ने आज सोमवार को सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप-हत्या के मामले में दोषी करार दिये गये संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. रोपी संजय रॉय को मरते दम तक उम्रकैद की सजा दी गयी है. इसके साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास ने कहा कि ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं है. इसलिए इस मामले में वो उम्रकैद की सजा सुना रहे हैं.
RG Kar rape and murder case: Sealdah Court sends accused Sanjay Roy to life imprisonment
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— ANI Digital (@ani_digital) January 20, 2025
#UPDATE | RG-Kar rape-murder case: Judgement (pronunciation of punishment) will be announced at 2:45 pm
Accused Sanjay’s lawyer says, “Even if it is a rarest of rare case, there should be scope for reformation. The court has to show why the convict is not worth reformation or… https://t.co/Fvi6XVOnqm
— ANI (@ANI) January 20, 2025
पीड़िता के परिजनों को 17 लाख मुआवजा देने का आदेश
कोर्ट ने राज्य सरकार को पीड़िता के परिजनों को 17 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया है. हालांकि पीड़िता के माता-पिता ने कहा कि उन्हें किसी तरह का मुआवजा नहीं चाहिए. बता दें कि संजय रॉय को बीएनएस की धारा 64, 66 और 103 (1) के तहत के दोषी करार दिया गया है. इन धाराओं के तहत अपराधी को अधिकतम फांसी या उम्रैकद का प्रावधान है. लेकिन जज ने उम्रकैद की सजा दी है.
इससे पहले कोर्ट ने सजा पर फैसला दोपहर 2.45 बजे तक सुरक्षित रखा था.. बता दें कि ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव अगस्त 2024 में कोलकाता के अस्पताल परिसर में मिला था. विशेष अदालत के न्यायाधीश अनिर्बान दास ने 18 जनवरी को रॉय को दोषी ठहराया था.
आरोपी संजय के वकील ने दलील पेश की
आरोपी संजय के वकील ने न्यायाधीश के समक्ष गुहार लगाई थी कि भले ही यह दुर्लभतम मामला हो, लेकिन इसमें सुधार की गुंजाइश होनी चाहिए. अदालत को यह दिखाना होगा कि दोषी क्यों सुधार या पुनर्वास के लायक नहीं है. सरकारी वकील को सबूत पेश करने होंगे और कारण बताने होंगे कि वह व्यक्ति सुधार के लायक क्यों नहीं है और उसे समाज से पूरी तरह से खत्म कर दिया जाना चाहिए.
जज अनिर्बान दास ने 18 जनवरी को संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा- 64 (बलात्कार के लिए सजा), 66 (मृत्यु का कारण बनने के लिए सजा) और 103 (हत्या) के तहत दोषी करार दिया था. न्यायाधीश ने स्पष्ट कर दिया था कि इस मामले में अधिकतम सजा मृत्युदंड और कम से कम से कम सजा आजीवन कारावास हो सकती है.
सबूतों से छेड़छाड़ के संबंध में सीबीआई की जांच जारी रहेगी
हालांकि रॉय के खिलाफ सजा की प्रक्रिया आज पूरी हो गयी,. लेकिन मामले में सबूतों से ‘छेड़छाड़’ और ‘बदलाव’ के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच अभी भी जारी रहेगी. सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने विशेष अदालत को पहले ही सूचित कर दिया है कि सबूतों से छेड़छाड़ के मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने की गुंजाइश अभी भी खुली है, तथा इस विशेष पहलू पर मामला लंबित है.
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