तिरुपति लड्डू प्रसादम विवाद : SC की टिप्पणी, कम से कम भगवान को राजनीति से दूर रखें…अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को
NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को कहा कि कम से कम भगवान को राजनीति से दूर रखें. आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में सामने आये लड्डू प्रसादम विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के क्रम में यह टिप्पणी की. मामला आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी सरकार के कार्यकाल के दौरान तिरुपति बालाजी मंदिर […] The post तिरुपति लड्डू प्रसादम विवाद : SC की टिप्पणी, कम से कम भगवान को राजनीति से दूर रखें…अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को appeared first on lagatar.in.
NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को कहा कि कम से कम भगवान को राजनीति से दूर रखें. आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में सामने आये लड्डू प्रसादम विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के क्रम में यह टिप्पणी की. मामला आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी सरकार के कार्यकाल के दौरान तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले घी में मिलावट के आरोपों से जुड़ा है.
Supreme Court in its order says that the Solicitor General to assist it in deciding as to whether the SIT already appointed by the State government should continue or should the probe be conducted by an independent agency; asks Solicitor General Tushar Mehta to take instructions… https://t.co/Dm4ONwmSpQ pic.twitter.com/1KTnRbg53X
— ANI (@ANI) September 30, 2024
देवता का प्रसाद जनता और श्रद्धालुओं के लिए परम पवित्र है
जस्टिस भूषणआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच के समक्ष सुब्रमण्यन स्वामी के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि प्रसादम निर्माण सामग्री बिना जांच के रसोई घर में जा रही थी. जांच से मामले का खुलासा हुआ है. कहा कि इसके सुपरविजन के लिए सिस्टम को जिम्मेदार होना चाहिए, क्योंकि ये देवता का प्रसाद होता है, जनता और श्रद्धालुओं के लिए यह परम पवित्र है. बता दें कि भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के पूर्व अध्यक्ष और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी ने याचिकाएं दाखिल की हैं.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा , यह आस्था का मामला है
सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार के वकील से कहा कि लैब रिपोर्ट से यह बात सामने आयी कि जिस घी का परीक्षण किया गया था, वह घटिया घी था. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यह आस्था का मामला है. अगर मिलावटी घी का इस्तेमाल किया गया है तो यह अस्वीकार्य है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू द्वारा लगाये गये आरोपों की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गुहार लगाई गयी है. दावा किया गया है कि तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया गया.
एसआईटी जांच का आदेश दिया, तो नतीजा आने तक प्रेस में जाने की क्या जरूरत थी
तिरुपति मंदिर बोर्ड की तरफ से सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ और आंध्र प्रदेश राज्य की तरफ से सीनियर एडवोकेट अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दलील रखी. सुनवाई के क्रम में जस्टिस बीआर गवई ने आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी के सवाल पर कहा, जब आप संवैधानिक पद पर होते हैं, तो आपसे यह उम्मीद की जाती है कि देवताओं को राजनीति से दूर रखा जायेगा. इस क्रम में रोहतगी से कोर्ट ने पूछा कि आपने एसआईटी जांच का आदेश दिया, तो नतीजा आने तक प्रेस में जाने की क्या जरूरत है? कहा कि आप हमेशा से ही ऐसे मामलों में पेश होते रहे हैं, यह दूसरी बार है. चंद्रबाबू नायडू सरकार के वकील रोहतगी ने तर्क दिया पिछली सरकार द्वारा मौजूदा सरकार पर हमला करने की कोशिश की गयी है.
बाद में सुप्रीम कोर्ट ने ने आदेश जारी कर कहा कि सॉलिसिटर जनरल यह निर्णय लेने में सहायता करें कि क्या राज्य सरकार द्वारा पहले से नियुक्त एसआईटी को जारी रखना चाहिए या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करानी चाहिए. न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से निर्देश लेने को कहा है और मामले की सुनवाई 3 अक्टूबर को अपराह्न 3.30 बजे तय की है.
The post तिरुपति लड्डू प्रसादम विवाद : SC की टिप्पणी, कम से कम भगवान को राजनीति से दूर रखें…अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को appeared first on lagatar.in.
What's Your Reaction?