SC के आदेश का दुरुपयोग व भारत सरकार की शर्तो का उल्लंघन कर हो रहा कोयला ट्रांसपोर्टेशन
Pravin Kumar Ranchi: हज़ारीबाग़ जिले के बड़कागांव में एनटीपीसी के पंकरी बरवाडीह से बाणादाग तक सड़क मार्ग कोयला परिवहन के मामले में भारत सरकार के निर्देश राज्य सरकार ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ़) से यथाशीघ्र रिपोर्ट तलब किया है. सोशल एक्टिविस्ट मंटु सोनी एवं झारखंड अगेंस्ट क्रप्शन व पीआईएल मैन दुर्गा मुंडा की शिकायत […] The post SC के आदेश का दुरुपयोग व भारत सरकार की शर्तो का उल्लंघन कर हो रहा कोयला ट्रांसपोर्टेशन appeared first on lagatar.in.
Pravin Kumar
Ranchi: हज़ारीबाग़ जिले के बड़कागांव में एनटीपीसी के पंकरी बरवाडीह से बाणादाग तक सड़क मार्ग कोयला परिवहन के मामले में भारत सरकार के निर्देश राज्य सरकार ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ़) से यथाशीघ्र रिपोर्ट तलब किया है. सोशल एक्टिविस्ट मंटु सोनी एवं झारखंड अगेंस्ट क्रप्शन व पीआईएल मैन दुर्गा मुंडा की शिकायत यह एक्शन लिया गया है. राज्य सरकार ने दो नवंबर 2022 में एक अखबार में छपी खबर पर भी रिपोर्ट तलब किया है.
शिकायत में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दुरुपयोग और भारत सरकार के शर्तों का उल्लंघन कर सड़क मार्ग और कंवेयर सिस्टम दोनों से कोयला परिवहन किया जा रहा है. जिसके कारण वन्य जीवों/जानवरों के आवागमन और विचरण प्रभावित हो रहा है. जिसके कारण वन्य जीव/जानवर का पारिस्तिथिक संतुलन गड़बड़ हो रहा है और भटक कर मानवीय आबादी वाले इलाकों में आ जा रहे हैं. जिनसे उनकी जान के साथ मानवीय जीवन, कृषि, जंगल/पेड़-पौधों को भी नुकसान हो रहा है.
कंवेयर सिस्टम और सड़क मार्ग दोनों से कोयला परिवहन किया जा रहा है
जिले के बड़कागांव में एनटीपीसी पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना के लिए भारत सरकार ने वन्य जीवों के आवागमन बाधित नहीं होने और उनके सुचारू आवागमन के लिए कंवेयर सिस्टम से बाणादाग कोयला साइडिंग तक कोयला परिवहन करने का अनिवार्य शर्त लगाया था. परंतु एनटीपीसी द्वारा कंवेयर सिस्टम बना लिए जाने के बाद भी कंवेयर सिस्टम और सड़क मार्ग दोनों से कोयला परिवहन किया जा रहा है. इसके लिए महज कुछ सौ मीटर कंवेयर सिस्टम अपूर्ण रहने का बहाना बनाया गया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट से पर्यावरण संरक्षण के शर्तो में संशोधन का आदेश लेकर वन विभाग के शर्तो का उल्लंघन कर कोयला परिवहन करने में प्रयोग कर रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहीं भी एनटीपीसी को वन विभाग के शर्तों में छूट नहीं दिया है. इसके बाद भी जिला प्रसाशन और वन विभाग जानबूझकर इस बात की अनदेखी कर रहा है. शिकायत में यह कहा गया है कि जिला प्रसाशन और वन विभाग एनटीपीसी को सिर्फ वहीं तक सड़क मार्ग से कोयला परिवहन करने देना चाहिए जहां तक कंवेयर सिस्टम नहीं बना है. महज कुछ दूरी कंवेयर सिस्टम को जानबूझकर अधूरा छोड़ा गया है ताकि उसके नाम पर वन विभाग के शर्तो का उल्लंघन कर सड़क मार्ग से कोयला परिवहन किया जा सके.
सड़क मार्ग से ट्रांसपोर्टेशन में होती है गड़बड़ी
सड़क मार्ग से कोयले के परिवहन के दौरान भारी गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है. निदेशक खान एवं भूतत्व विभाग झारखंड के वर्ष 2018 में कोयला के ई परिवहन चालान द्वारा एनटीपीसी के पंकरी खनन परियोजना से बाणादाग साइडिंग तक टू-थ्री मोटर पैसेंजर व मोटर कार से कोयला परिवहन (चालान और वाहन नंबर सहित) किए जाने की जानकारी देते हुए जिला खनन कार्यालय हज़ारीबाग़ को पत्र लिखा गया था.
जिसके बाद जिला खनन पदाधिकारी (हज़ारीबाग़) नितेश गुप्ता जनवरी 2019 को बड़कागांव थाना में फर्जी वाहन/चालान से कोयला परिवहन किए जाने से संबंधित व्यक्तियों/कंपनियों पर सुसंगत नियमों एवं धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया था. परंतु पांच साल बीत जाने के बाद अब तक मामला दर्ज नहीं किया गया. उसी प्रकार वन विभाग ने भी अपने औचक निरीक्षण में कई गड़बड़ियां पकड़ी थी. इसके बावजूद कार्रवाई नहीं हुआ है.
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