असम और जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके, जान-माल का नुकसान नहीं
LagatarDesk : असम के कुछ हिस्सों में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किये गये. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गयी. भूकंप का केंद्र उदलगुरी जिले के पास जमीन के 15 किलोमीटर की गहराई में था. इसके अलावा, दर्रांग, सोनितपुर और आसपास के क्षेत्रों में भी झटके महसूस […] The post असम और जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके, जान-माल का नुकसान नहीं appeared first on lagatar.in.
LagatarDesk : असम के कुछ हिस्सों में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किये गये. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गयी. भूकंप का केंद्र उदलगुरी जिले के पास जमीन के 15 किलोमीटर की गहराई में था. इसके अलावा, दर्रांग, सोनितपुर और आसपास के क्षेत्रों में भी झटके महसूस किये गये. असम के आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के कारण किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली है. हालांकि भूकंप के झटकों से लोग डर गये और अपने घरों से बाहर निकल आये.
इस क्षेत्र में हर हफ्ते एक बार आता है भूकंप
जानकारी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र गुवाहाटी से लगभग 105 किलोमीटर उत्तर में था. अधिकारियों का मानना है कि भूकंप के झटके पश्चिमी अरुणाचल प्रदेश और पूर्वी भूटान के कुछ हिस्सों में भी महसूस किये गये होंगे. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस क्षेत्र में हर हफ्ते कम से कम एक बार भूकंप आता है, जिसकी तीव्रता आमतौर पर रिक्टर स्केल पर 3 से 4 होती है. बता दें कि इससे पहले 26 जून को असम के कार्बी आंगलोंग जिले में भूकंप आया था. इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.2 मापी गयी थी.
जम्मू-कश्मीर के डोडा में आया था भूकंप का झटका
असम से पहले जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में भी सुबह 6.14 बजे भूकंप के झटके महसूस किये गये थे. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4 मापी गयी. भूकंप के निर्देशांक अक्षांश 32.95 डिग्री उत्तर और देशांतर 75.83 डिग्री पूर्व था. यह धरती की सतह से 15 किलोमीटर नीचे आया. हालांकि अब तक किसी तरह के जानमाल की कोई खबर नहीं आयी है.
प्लेट्स के टकराने से भूकंप के झटके होते हैं महसूस
धरती के अंदर 7 प्लेट्स ऐसी होती हैं जो लगातार घूम रही हैं. ये प्लेट्स जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब प्रेशर ज्यादा बनने लगता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं. इनके टूटने के कारण अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है. भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं, जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं.
7.0 या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप खतरनाक
बता दें कि रिक्टर स्केल पर 7.0 या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप को सामान्य से खतरनाक माना जाता है. इसी पैमाने पर 2 या इससे कम तीव्रता वाला भूकंप सूक्ष्म भूकंप कहलाता है ,जो ज्यादातर महसूस नहीं होते हैं. 4.5 की तीव्रता का भूकंप घरों को नुकसान पहुंचा सकता है.
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