आंध्रप्रदेश की तर्ज पर रिटायरमेंट एज 60 से 62 करने की मांग पर अड़े, सीएम को सौंपा ज्ञापन
Ranchi: राज्य के विभिन्न कर्मचारी संघ आंदोलन की राह पर हैं. कर्मचारी संघों के बैनर तले लगभग 2.50 कर्मचारी-पदाधिकारियों से रिटायरमेंट की उम्र सीमा 60 से 62 साल करने की मांग की है. इन कर्मचारी संघों का कहना है कि झारखंड में भी आंध्रप्रदेश की तर्ज पर रिटायरमेंट की उम्र सीमा 60 से 62 साल […] The post आंध्रप्रदेश की तर्ज पर रिटायरमेंट एज 60 से 62 करने की मांग पर अड़े, सीएम को सौंपा ज्ञापन appeared first on lagatar.in.
Ranchi: राज्य के विभिन्न कर्मचारी संघ आंदोलन की राह पर हैं. कर्मचारी संघों के बैनर तले लगभग 2.50 कर्मचारी-पदाधिकारियों से रिटायरमेंट की उम्र सीमा 60 से 62 साल करने की मांग की है. इन कर्मचारी संघों का कहना है कि झारखंड में भी आंध्रप्रदेश की तर्ज पर रिटायरमेंट की उम्र सीमा 60 से 62 साल होनी चाहिए. आंध्रप्रदेश में पदाधिकारियों और कर्मचारियों की रिटाय़रमेंट की उम्र सीमा बढ़ा दी गई है.
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सचिवालय सेवा संघ ने सीएम को सौंपा ज्ञापन
सचिवालय सेवा संघ ने सीएम को ज्ञापन सौंप रिटायरमेंट की उम्र सीमा 60 से 62 साल करने की मांग की है. संघ के अध्यक्ष ध्रुव प्रसाद ने कहा है कि आंध्रप्रदेश में इसे लागू कर दिया गया है. इस दिशा में झारखंड सरकार को भी सकारात्मक पहल करनी चाहिए.
डिप्लोमा अभियंता संघ ने भी उम्र सीमा बढ़ाने की मांग की
डिप्लोमा अभियंता संघ ने भी रिटाय़रमेंट की उम्र सीमा 60 से 62 साल करने की मांग की है. संघ के अध्यक्ष गुप्तेश्वर राम ने कहा है कि सेवानिवृति के समय अभियंता अपने कार्यों में काफी कुशल एवं अनुभवी होते हैं. उनकी कार्य कुशलता और अनुभव का उपयोग राज्यहित में किया जा सकता है. जिससे राज्य के विकास को गति मिल सकती है. संघ की ओर से कहा गया है कि इपीएफओ के द्वारा राज्य सरकार के अभियंताओं की रिटायरमेंट की उम्र सीमा 60 से 62 साल करने की सलाह दी है.
झारखंड वित्त सेवा के पदाधिकारियों ने की मांग
झारखंड वित्त सेवा के पदाधिकारियों ने भी रिटायरमेंट की उम्र सीमा 60 से 62 साल करने की मांग की है. संघ के अध्यक्ष विनय कुमार सिन्हा ने कहा है कि वर्ष 1998 में केंद्र सरकार द्वारा सेवानिवृत्ति की उम्र को 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष किया गया. वर्ष 1998 से लेकर अबतक भारत में जीवन प्रत्याशा वृद्धि होकर लगभग 62 वर्ष से 70 वर्ष हुई है. वर्तमान में झारखंड वित्त सेवा के सेवानिवृत्त प्राप्त करने वाले समस्त पदाधिकारीगण शारीरिक एवं मानसिक रूप से तन्दुरूस्त एवं कार्य करने में सक्षम है. जिनके पास समस्त सेवा काल का राजस्व संग्रहण संबंधी सबसे अच्छा सेवानुभव है, जो राज्य के समग्र विकास के लिए वृहतर रूप से लाभ मिल सकता है. वित्त सेवा के पदाधिकारियों के सेवानिवृत्ति उपरान्त राज्य सरकार के अन्य विभागों एवं विभिन्न सस्थानों में इनके वित्त एवं लेखादि संबंधी सेवानुभव व कार्यकुशलता का लाभ प्राप्त करने के लिए तत्पर रहते हैं और वित्तीय सलाहकार आदि के पदों पर नियुक्त होकर सेवा दे रहे हैं. सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने से कर्मियों को पेंशन के भुगतान को फलस्वरूप उत्पन्न वित्तीय भार को कम किया जा सकता है.
एसटी-एससी कर्मचारी संघ
राज्य के अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति कर्मचारी संघ ने सेवानिवृति की उम्र सीमा 60 से 62 साल करने की मांग की है. संघ के अध्यक्ष राकेश प्रसाद ने इस बाबत मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा है.
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