कोरोना वैक्सीन Covaxin के भी साइड इफेक्ट्स सामने आने की खबर : बीएचयू स्टडी

New Delhi : भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन के भी साइड इफेक्ट्स सामने आने की खबर है. इकोनॉमिक टाइम्स ने साइंस जर्नल स्प्रिंगरलिंक में पब्लिश एक रिसर्च के हवाले से यह कहा है. रिसर्च के अनुसार बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में हुई स्टडी में हिस्सा लेने वाले लगभग एक तिहाई लोगों में कोवैक्सिन के साइड […]

May 17, 2024 - 05:30
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कोरोना वैक्सीन Covaxin के भी साइड इफेक्ट्स सामने आने की खबर : बीएचयू स्टडी
कोरोना वैक्सीन Covaxin के भी साइड इफेक्ट्स सामने आने की खबर : बीएचयू स्टडी

New Delhi : भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन के भी साइड इफेक्ट्स सामने आने की खबर है. इकोनॉमिक टाइम्स ने साइंस जर्नल स्प्रिंगरलिंक में पब्लिश एक रिसर्च के हवाले से यह कहा है. रिसर्च के अनुसार बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में हुई स्टडी में हिस्सा लेने वाले लगभग एक तिहाई लोगों में कोवैक्सिन के साइड इफेक्ट्स नजर आये हैं.                                                                                         नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें

सांस संबंधी इन्फेक्शन, ब्लड क्लॉटिंग और स्किन से जुड़ी बीमारियां देखी गयी

साइड इफेक्ट्स में लोगों में सांस संबंधी इन्फेक्शन, ब्लड क्लॉटिंग और स्किन से जुड़ी बीमारियां देखी गयी. शोधकर्ताओं के अनुसार टीनएजर्स, खास तौर पर किशोरियों और किसी भी एलर्जी का सामना कर रहे लोगों को कोवैक्सिन से खतरे की संभावना है. हालांकि कुछ दिन पूर्व कोवैक्सिन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने कहा था कि उनकी वैक्सीन सुरक्षित है. जान लें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कोवैक्सिन के दो डोज लगवाये थे.

रिसर्च के क्रम में उन लोगों का डेटा कलेक्ट किया गया, जिन्हें वैक्सीन लगे एक साल हो गया था

स्टडी करने वाले शंख शुभ्रा चक्रवर्ती ने कहा, रिसर्च के क्रम में उन लोगों का डेटा कलेक्ट किया गया, जिन्हें वैक्सीन लगे एक साल हो गया था. 1,024 लोगों पर स्टडी की गयी. इनमें से 635 किशोर और 291 वयस्क शामिल थे.
स्टडी के अनुसार 304 ( 47.9 फीसदी) किशोरों और 124 (42.6 फीसदी) वयस्कों में सांस संबंधी इन्फेक्शन (अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) देखे गये.लोगों में सर्दी, खांसी जैसी समस्याएं थी.

4.6 फीसदी किशोरियों में मासिक धर्म संबंधी असामान्यताएं नजर आयी

स्टडी में हिस्सा लेने वाले टीनएजर्स में स्किन से जुड़ी बीमारियां (10.5फीसदी), नर्वस सिस्टम से जुड़े डिसऑर्डर (4.7 फीसदी ) और जनरल डिसऑर्डर (10.2 फीसदी) देखे गये. वयस्कों की बात करें तो जनरल डिसऑर्डर (8.9 फीसदी) , मांसपेशियों और हड्डियों से जुड़े डिसऑर्डर (5.8 फीसदी) और नर्वस सिस्टम से जुड़े डिसऑर्डर (5.5 फीसदी) दर्ज किये गये.

कोवैक्सिन के साइड इफेक्ट्स पर हुई स्टडी में 4.6 फीसदी किशोरियों में मासिक धर्म संबंधी असामान्यताएं (अनियमित पीरियड्स) पायी गयी.. आंखों से जुड़ी असामान्यताएं (2.7 फीसदी) और हाइपोथायरायडिज्म (0.6 फीसदी) भी देखे गये 0.3 फीसदी लोगों में स्ट्रोक और 0.1 फीसदी प्रतिभागियों में गुलियन बेरी सिंड्रोम (GBS) की पहचान की गयी.

गुलियन बेरी सिंड्रोम  लकवे की तरह शरीर को निशक्त कर देता है

गुलियन बेरी सिंड्रोम (GBS) लकवे की तरह शरीर के बड़े हिस्से को धीरे-धीरे निशक्त कर देती है। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक (NINDS) के अनुसार गुलियन बेरी सिंड्रोम (GBS) एक रेयर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है. रिपोर्ट के अनुसार स्टडी में हिस्सा लेने वाले जिन टीनएजर्स और महिला वयस्कों को पहले से कोई एलर्जी थी और जिन्हें वैक्सीनेशन के बाद टाइफाइड हुआ उन्हें अधिक खतरा था.

कोवैक्सिन को लेकरकिसी भी बीमारी का कोई केस दर्ज नहीं किया गया है

हालांकि भारत बायोटेक ने 2 मई को कहा था कि कोवैक्सिन के कारण किसी बीमारी का केस सामने नहीं आया है. कोवैक्सिन की सुरक्षा का मूल्यांकन देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया था, कोवैक्सिन बनाने से लगाने तक लगातार इसकी सेफ्टी मॉनिटरिंग की गयी थी. अब तक कोवैक्सिन को लेकर ब्लड क्लॉटिंग, थ्रॉम्बोसाइटोपीनिया, TTS, VITT, पेरिकार्डिटिस, मायोकार्डिटिस जैसी किसी भी बीमारी का कोई केस दर्ज नहीं किया गया है.

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