गिरिडीह : बाबूलाल को गृह जिले में लगातार लगे दो झटके
डुमरी के बाद गांडेय विस उपचुनाव में भाजपा की करारी हार Abhay Verma Giridih : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए बाबूलाल मरांडी को अपने गृह जिले में लगातर दो तगड़े राजनीतिक झटके लगे. राज्य के मंत्री रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता जगन्नाथ महतो की मौत के बाद सितंबर 2023 में डुमरी विधानसभा सीट […]
डुमरी के बाद गांडेय विस उपचुनाव में भाजपा की करारी हार
Abhay Verma
Giridih : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए बाबूलाल मरांडी को अपने गृह जिले में लगातर दो तगड़े राजनीतिक झटके लगे. राज्य के मंत्री रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता जगन्नाथ महतो की मौत के बाद सितंबर 2023 में डुमरी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उतरीं उनकी पत्नी बेबी देवी ने एनडीए को झटका दिया था. इस बार गांडेय विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दिलीप वर्मा को झामुमो की कल्पना सोरेन ने करारी शिकस्त दी है. लगातार दो विधानसभा उपचुनाव में मिली हार से दल के अंदर बाबूलाल की किरकिरी हो रही है. डुमरी उपचुनाव में आजसू की यशोदा देवी ने झामुमो को कड़ी टक्कर दी थी, पर इस बार गांडेय में भाजपा बुरी तरह पिट गई. दरअसल, टिकट वितरण के समय ही निर्णय पर सवाल खड़ा किया जा रहा था, पर दलीय अनुशासन ने सबकी जुबां पर ताले जड़ दिए थे. 2019 के विधानसभा चुनाव में गांडेय विधानसभा सीट से झारखंड विकास मोर्चा के उम्मीदवार रहे दिलीप वर्मा को मात्र 8000 वोट मिले थे. वहीं, एनडीए के घटक आजसू के प्रत्याशी अर्जुन बैठा को करीब 19000 व भाजपा समर्थक रहे निर्दलीय सुनील यादव को 10000 वोट मिले थे. इस उपचुनाव में दिलीप वर्मा को भाजपा का टिकट मिलने के बाद अर्जुन बैठा और सुनील यादव बागी हो गए. दोनों का तर्क था कि कम वोट लाने वाले के लिए उपचुनाव में कैसे काम करें. बात में सुनील झामुमो में शामिल हो गए और अर्जुन बैठा बागी होकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी दंगल में उतर गए.
बाबूलाल मरांडी के गृह नगर में डुमरी के बाद गांडेय विधानसभा उपचुनाव पार्टी के लिए बड़ी चुनौती था, पर चुनावी समर में दिलीप वर्मा भाजपा के लिए लंगड़ी घोड़ी साबित हुए. शुरुआती राउंड में दिलीप को मिली मामूली बढ़त के बाद भाजपा में जश्न का माहौल दिखा, पर सातवें राउंड में कल्पना सोरेन ने बढ़त बना ली और यह बढ़त अंत तक कायम रही. कल्पना सोरेन को 108975 व दिलीप वर्मा को 82492 वोट मिले. अब प्रदेश की राजनीति में बाबूलाल के गृह नगर में दो लगातार उप चुनाव में मिली हार का क्या परिणाम होगा यह भविष्य के गर्भ में है, पर बाबूलाल की नेतृत्व कुशलता पर सवाल उठना लाजिमी है. सूत्रों की मानें, तो पार्टी आलाकमान ने उपचुनाव की सारी जिम्मेदारी बाबूलाल के कंधों पर डाल दी गई थी, अब हार की जिम्मेदारी किसकी होगी? यह बड़ा सवाल है. संतोष इस बात का है कि कोडरमा और गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में भाजपा बढ़त में है.
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