ग्रामीणों ने बीजीआर कंपनी पर लगाया मारपीट का आरोप समेत हजारीबाग की दो खबरें
कहा- जमीन खाली नहीं तो पहले घर को तोड़ा, फिर महिला को पीटा पुलिस और कंपनी ने आरोपों को नकारा, कहा- कोई मारपीट नहीं हुई है Keredari (Hazaribagh) : केरेडारी स्थित पांडू में चल रही बीजीआर कंपनी पर ग्रामीणों ने एक महिला मीना देवी के साथ मारपीट एवं उसके घर को तोड़ने का आरोप लगाया […]
- कहा- जमीन खाली नहीं तो पहले घर को तोड़ा, फिर महिला को पीटा
- पुलिस और कंपनी ने आरोपों को नकारा, कहा- कोई मारपीट नहीं हुई है
Keredari (Hazaribagh) : केरेडारी स्थित पांडू में चल रही बीजीआर कंपनी पर ग्रामीणों ने एक महिला मीना देवी के साथ मारपीट एवं उसके घर को तोड़ने का आरोप लगाया है. बताया जा रहा है कि बीजीआर कंपनी का काम पांडू में चल रहा है और वहां एक घर मीना देवी का है. बुधवार को कंपनी के नीरज कुमार अपने सहयोगी के साथ जमीन को खाली कराने के लिए आए थे. इस दौरान मीना देवी के साथ उनकी कहासुनी हो गई. इसके बाद वे लोग उसे पीटकर फरार हो गए. यह भी बताया जा रहा है कि कंपनी द्वारा पांडू के सभी रैयत को जमीन का मुआवजा भुगतान किया जा चुका है. मीना देवी को भी भुगतान हो चुका है, लेकिन नए मकान नहीं बनने के कारण वह पुराने मकान में ही रह रही है. इसको लेकर कंपनी मीना देवी के घर को पहले भी एक बार तोड़ चुकी है, फिर भी उक्त घर को मीना देवी खाली नहीं कर रही है. कंपनी लगातार मीना देवी पर जमीन खाली करने का दबाव बना रही थी. कई ग्रामीणों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जिला प्रशासन ने जिला मुख्यालय में पुलिस को कम रखा है. आधे पुलिस बल को कंपनी की सुरक्षा में लगा दिया है और कंपनी वाले पुलिस का भय दिखाकर लोगों को परेशान कर रहे हैं. वहीं पुलिस मौन धारण कर कंपनी वालों को सहयोग करने में जुटी हुई है. वहीं इस संबंध में केरेडारी थाना प्रभारी अजीत कुमार ने पूछे जाने पर कहा कि मीना देवी के साथ कोई मारपीट नहीं हुई है, न ही थाने में कोई आवेदन आया है. उन्होंने यह भी कहा कि वीडियो में देखने से लग रहा है कि महिला घायल होने का बहाना बना रही है. वहीं इस संबंध में बीजीआर कंपनी के श्रीनिवास ने बताया कि महिला के साथ विवाद हुआ है, लेकिन वह गिर गई थी और उसी में बेहोश हुई. आसपास के लोगों ने महिला का सहयोग नहीं किया. उन्होंने यह भी कहा कि महिला विस्थापित की लड़ाई लड़ रही है. उसकी शादी भी हो चुकी है, लेकिन वह वहां घर खाली नहीं कर रही है.
फलाहारी बाबा के बैकुंठ उत्सव में लगा संतों का जमावड़ा
बाबा की याद में लगाये गये पौधे, दो दिवसीय अनुष्ठान का महाभंडारे के साथ समापन
चौपारण : सिद्ध महंत फलाहारी बाबा के भू समाधि के द्वितीय वर्ष पर उनके शिष्यों द्वारा दो दिवसीय बैकुंठ उत्सव समारोह का समापन बुधवार को अखंड रामायण पाठ, पूजा, अभिषेक तथा हवन के बाद महाप्रसाद के वितरण के साथ संपन्न हो गया. उत्सव के दौरान बाबा की याद में पौधारोपण भी किया गया. इस उत्सव में साधु संतों तथा उनके शिष्यों का जमावड़ा बिगहा स्थित हनुमत मंदिर परिसर में लगा. इस आयोजन में निर्मोही अखाड़ा के महामंडलेश्वर परम पूज्य सुखदेव दास जी महाराज, इस्कॉन के धर्मगुरु तथा भक्ति वेदांता शिक्षालय के संस्थापक डॉ. केशवानंद प्रभु, तारापीठ के सिद्ध खंडेश्वरी बाबा, आचार्य बालमुकुंद पांडेय, ज्योतिषाचार्य शुभम पांडेय, हनुमत मंदिर के पुजारी कपिल पांडेय समेत 108 ब्राह्मण एवं सैकड़ों शिष्य के साथ क्षेत्र के बुद्धिजीवी, धार्मिक और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे. इस दौरान महंत फलाहारी बाबा के गुणों का वर्णन करते हुए उनके गुरु भाई निर्मोही अखाड़ा के महामंडलेश्वर सुखदेव दास महाराज ने कहा कि भक्ति से शक्ति, शक्ति से प्रकाश और प्रकाश से जनकल्याण होता है. महंत ने कश्मीर तथा कारगिल में भी मंदिर में सेवा दी थी. हरिद्वार, प्रयागराज, अयोध्या सभी धाम में महंत ने सेवा दी. वे भक्ति के पर्याय थे. डॉ. केशवानंद प्रभु ने कहा कि महंत के आशीर्वाद से ही आज बिगहा में नित्य दिन धार्मिक कार्यों का विस्तार हो रहा है. मौसी बाड़ी भी इसी मंदिर को बनाया गया है. तारापीठ के सिद्ध खंडेश्वरी बाबा ने कहा कि साधु महंत के संगत से जीवन का कल्याण हो जाता है. फलाहारी बाबा ने इस क्षेत्र में आध्यात्मिक चेतना लाई जिससे युवावर्ग काफी प्रभावित हुआ. आज हनुमत सेवा संस्थान के युवा इसके उदाहरण हैं.
तीस साल से भी अधिक समय तक क्षेत्र में सेवारत रहे फलाहारी बाबा
बताते चलें कि सिद्ध महंत फलाहारी उर्फ आलु बाबा बीते तीस साल से भी अधिक समय तक क्षेत्र में सेवारत रहे. इस दौरान भद्रकाली मंदिर, ईटखोरी में निवास कर सेवा और राम भक्ति के मिसाल बने. उन्होंने अपने जीवन काल में कई मंदिरों का निर्माण कराया. भद्रकाली मंदिर परिसर में राम मंदिर उन्हीं की देन है. बाद में चौपारण के मरहेडी में कात्यायनी मंदिर, बिगहा में हनुमान मंदिर, गढकाली मंदिर, शिव मंदिर आदि उन्हीं के सान्निध्य में उनके भक्तों ने बनाये. अपने जीवन के अंतिम कई साल उन्होंने अपने परम भक्त आनंद के साथ बिताए. बीते 2022 के 21 मई को उन्हें हनुमत मंदिर परिसर में ही भू-समाधि दी गई. साथ ही श्री हनुमत सेवा संस्थान ने महंत फलाहारी बाबा की प्रतिमा स्थापित की व उनकी कुटिया को मंदिर का रूप दिया. यहां हर दिन सैकड़ों भक्त उनकी आराधना करने आते हैं. हर दिन उनकी आराधना, आरती की जाती है. उनके भक्त बाबा को काफी चमत्कारी मानते हैं. ऐसा माना जाता है कि उनकी सेवा में रहने वाले वालों के जीवन में काफी समृद्धि और खुशहाली आती है. मंदिर परिसर में समाजसेवी हरिश्चंद्र सिंह, मुखिया प्रतिनिधि बिनोद सिंह, शंकर चंद्रवंशी, दुलार ठाकुर, बिनोद सिंह, संजय सिंह, कुमार राहुल, आनंद चंद्रवंशी, अंकित केशरी, संजय सिंह, प्रेम चंद्रवंशी, पंकज चंद्रवंशी, नीरज चंद्रवंशी, ओम चंद्रवंशी आदि भक्त मौजूद थे.
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